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ये है बच्चों की स्टंट पाठशाला 'संस्कारों की खेती', नशे के खिलाफ मासूम समाज को कर रहे जागरूक - ईटीवी भारत

आपने कई हैरतअंगेज स्टंट देखे होंगे लेकिन बिलासपुर में छोटे बच्चों का स्टंट कई मायनों में खास है. बच्चे स्टंट के जरिए नशा के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. साथ ही समाज को पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश भी दे रहे हैं. बच्चों की इस स्टंट की पाठशाला का नाम है संस्कारों की खेती. (sanskaron ki kheti in Bilaspur )

stunt of children in Bilaspur
बिलासपुर में संस्कारों की खेती
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Published : Dec 2, 2022, 6:27 PM IST

बिलासपुर: कहते हैं कि अगर हौसलों में उड़ान हो तो मंजिल आसानी से मिल जाती है और अगर पूरी लगन से कोई काम करो तो कामयाबी हाथ लग ही जाती है. जी हां इस बात को सच कर दिखाया है कुछ नन्हे बच्चों ने जिनके स्टंट देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के भगेड़ व आस पास के इलाकों के बच्चे हैरत अंगेज स्टंट दिखाकर समाज से नशे से दूर रहने व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं. (stunt of children in Bilaspur ) (sanskaron ki kheti in Bilaspur )

बच्चे दे रहे समाज को बड़ा संदेश: बिलासपुर से सम्बंध रखने वाले समाजसेवी सुनील शर्मा इन बच्चों को केवल स्टंट ही नहीं सिखाते बल्कि फिजिकल फिटनेस व सामान्य ज्ञान की शिक्षा देकर उन्हें सभ्य समाज में एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. सुनील शर्मा के पास ग्रामीण इलाकों से सम्बंध रखने वाले करीब 30 ऐसे गरीब बच्चे हैं जो रोजाना सुबह व शाम को पढ़ते भी हैं और फिटनेस के लिए एक्सरसाइज व योगा भी करते हैं.

देखें वीडियो.

'संस्कारों की खेती से संवरेगा भविष्य': सुनील शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए संस्कारों की खेती के नाम से अभियान की शुरुआत की तो उनके पास केवल 02-03 ही बच्चे थे. मगर आज इनकी संख्या 30 पहुंच चुकी है और यह बच्चे रोजाना उनके पास सामान्य ज्ञान की शिक्षा लेने व फिटनेस के लिए एक्सरसाइज करने आते हैं. वहीं सुनील शर्मा ने बताया कि हर सप्ताह शनिवार व रविवार को यह बच्चे दौड़ लगाते हैं और युवाओं से नशे से दूर रहने व पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हैं ताकि हमारा समाज नशामुक्त व प्रदूषण मुक्त हो सके. वहीं अभी तक इन नन्हे बच्चों द्वारा विभिन्न स्थानों पर 60 से अधिक पौधे भी लगाए जा चुके हैं.

"वर्तमान में युवाओं के लिए संस्कारों की खेती जरूरी है. युवाओं के सामने नशा बड़ी चुनौती है. बचपन से ही हम बच्चों को ऐसा बना रहे हैं कि उनके अंदर नशे का भाव ही ना आए. ये बच्चे लोगों को नशा ना करने के प्रति जागरूक करते हैं."- सुनील शर्मा, समाजसेवी

बच्चों में उत्साह: वहीं इन बच्चों का कहना है कि इस अभियान से जुड़ कर उन्हें काफी खुशी हुई है और वह हमेशा शिक्षा ग्रहण करने व फिट रहने के लिए एक्सरसाइज व योग करने अपने गुरुजी के पास आएंगे. ड्रग्स फ्री व पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलाये गए इस अभियान को आगे बढ़ाया जाने में सभी अपनी भूमिला निभाना चाहते हैं.

"हमें बहुत अच्छा लगता है. रोज आते हैं. 30 बच्चे क्लास में हैं. एक्सरसाइज आसन योगा सब सिखाया जाता है."- शिवम कुमार, प्रशिक्षु

"आसपास के इलाकों के बच्चे यहां आते हैं और प्रशिक्षण लेते हैं. क्लास में फिलहाल 29-30 बच्चे हैं."- कुमारी सपना, प्रशिक्षु

पढ़ें- जंग का अखाड़ा बना वल्लभ कॉलेज मंडी, पापा की 'परियों' में खूब चले लात घूंसे

बिलासपुर: कहते हैं कि अगर हौसलों में उड़ान हो तो मंजिल आसानी से मिल जाती है और अगर पूरी लगन से कोई काम करो तो कामयाबी हाथ लग ही जाती है. जी हां इस बात को सच कर दिखाया है कुछ नन्हे बच्चों ने जिनके स्टंट देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. देवभूमि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के भगेड़ व आस पास के इलाकों के बच्चे हैरत अंगेज स्टंट दिखाकर समाज से नशे से दूर रहने व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं. (stunt of children in Bilaspur ) (sanskaron ki kheti in Bilaspur )

बच्चे दे रहे समाज को बड़ा संदेश: बिलासपुर से सम्बंध रखने वाले समाजसेवी सुनील शर्मा इन बच्चों को केवल स्टंट ही नहीं सिखाते बल्कि फिजिकल फिटनेस व सामान्य ज्ञान की शिक्षा देकर उन्हें सभ्य समाज में एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. सुनील शर्मा के पास ग्रामीण इलाकों से सम्बंध रखने वाले करीब 30 ऐसे गरीब बच्चे हैं जो रोजाना सुबह व शाम को पढ़ते भी हैं और फिटनेस के लिए एक्सरसाइज व योगा भी करते हैं.

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'संस्कारों की खेती से संवरेगा भविष्य': सुनील शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए संस्कारों की खेती के नाम से अभियान की शुरुआत की तो उनके पास केवल 02-03 ही बच्चे थे. मगर आज इनकी संख्या 30 पहुंच चुकी है और यह बच्चे रोजाना उनके पास सामान्य ज्ञान की शिक्षा लेने व फिटनेस के लिए एक्सरसाइज करने आते हैं. वहीं सुनील शर्मा ने बताया कि हर सप्ताह शनिवार व रविवार को यह बच्चे दौड़ लगाते हैं और युवाओं से नशे से दूर रहने व पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हैं ताकि हमारा समाज नशामुक्त व प्रदूषण मुक्त हो सके. वहीं अभी तक इन नन्हे बच्चों द्वारा विभिन्न स्थानों पर 60 से अधिक पौधे भी लगाए जा चुके हैं.

"वर्तमान में युवाओं के लिए संस्कारों की खेती जरूरी है. युवाओं के सामने नशा बड़ी चुनौती है. बचपन से ही हम बच्चों को ऐसा बना रहे हैं कि उनके अंदर नशे का भाव ही ना आए. ये बच्चे लोगों को नशा ना करने के प्रति जागरूक करते हैं."- सुनील शर्मा, समाजसेवी

बच्चों में उत्साह: वहीं इन बच्चों का कहना है कि इस अभियान से जुड़ कर उन्हें काफी खुशी हुई है और वह हमेशा शिक्षा ग्रहण करने व फिट रहने के लिए एक्सरसाइज व योग करने अपने गुरुजी के पास आएंगे. ड्रग्स फ्री व पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलाये गए इस अभियान को आगे बढ़ाया जाने में सभी अपनी भूमिला निभाना चाहते हैं.

"हमें बहुत अच्छा लगता है. रोज आते हैं. 30 बच्चे क्लास में हैं. एक्सरसाइज आसन योगा सब सिखाया जाता है."- शिवम कुमार, प्रशिक्षु

"आसपास के इलाकों के बच्चे यहां आते हैं और प्रशिक्षण लेते हैं. क्लास में फिलहाल 29-30 बच्चे हैं."- कुमारी सपना, प्रशिक्षु

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