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3 साल बाद SIU के हत्थे चढ़ा उद्घोषित अपराधी, जानिए किस मामले में था फरार

एसआईयू बिलासपुर ने एक उद्घोषित अपराधी को 3 साल 3 महीने बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी बाउंस चैक मामले में फरार था. कोर्ट के तरफ से बार बार सम्मन जारी करने के बाद भी आरोपी पेशी में नहीं आ रहा था. पुलिस लंबे समय से आरोपी को पकड़ने की कोशिश कर रही थी.

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Published : Mar 17, 2021, 7:51 PM IST

एसआईयू बिलासपुर
एसआईयू बिलासपुर

बिलासपुर: एसआईयू बिलासपुर ने एक उद्घोषित अपराधी को 3 साल 3 महीने बाद गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार पवन कुमार निवासी सोरी थाना बरमाणा जिला बिलासपुर ने साल 2015 में एक फाइनांस कंपनी से पंजैल निवासी रणजीत सिंह के नाम पर एक ट्रक 5 लाख 75 हजार रुपए में फाइनांस करवाया था.

पवन कुमार पर आरोप है कि उसने यह सारी राशि अपने बैंक खाते में डलवा ली और पैसा स्वयं ही हड़प कर लिया. जब रणजीत सिंह ने इस बारे में पवन कुमार से पूछताछ की तो उसने रणजीत सिंह को चैक दे दिया. जब रणजीत सिंह ने संबंधित चैक को बैंक में लगाया तो पवन कुमार के बैंक खाते में पैसा न होने पर चैक बाऊंस हो गया. इसके बाद रणजीत सिंह ने मामला कोर्ट में लगाया. कोर्ट ने पवन कुमार को कई बार सम्मन व वारंट जारी किए, लेकिन वह किसी भी पेशी पर हाजिर नहीं हुआ. इसके बाद कोर्ट ने उसे 27 दिसम्बर, 2017 को उद्घोषित अपराधी करार दे दिया.

पुलिस को चकमा दे रहा था आरोपी

जानकारी के अनुसार पुलिस की एसआईयू के प्रभारी दौलत राम ने अपनी टीम के साथ उद्घोषित अपराधी पवन कुमार को गिरफ्तार करने के लिए दाड़लाघाट, भराड़ीघाट, नम्होल, सुंदरनगर, घाघस व बिलासपुर समेत कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इस पर पुलिस ने अपने मुखबिर तैनात किए. मुखबिर से सूचना मिली कि पवन कुमार मौजूदा समय में राजघाटी-नम्होल के पास मौजूद है, जिस पर संबंधित टीम ने दबिश दी और पवन कुमार को गिरफ्तार किया. एएसपी बिलासपुर अमित शर्मा ने बताया कि उद्घोषित अपराधी को अगली कार्रवाई के लिए बरमाणा पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

सोलन में SIU टीम ने नेपाली युवक से 274 ग्राम चरस और 452 ग्राम अफीम की बरामद

बिलासपुर: एसआईयू बिलासपुर ने एक उद्घोषित अपराधी को 3 साल 3 महीने बाद गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार पवन कुमार निवासी सोरी थाना बरमाणा जिला बिलासपुर ने साल 2015 में एक फाइनांस कंपनी से पंजैल निवासी रणजीत सिंह के नाम पर एक ट्रक 5 लाख 75 हजार रुपए में फाइनांस करवाया था.

पवन कुमार पर आरोप है कि उसने यह सारी राशि अपने बैंक खाते में डलवा ली और पैसा स्वयं ही हड़प कर लिया. जब रणजीत सिंह ने इस बारे में पवन कुमार से पूछताछ की तो उसने रणजीत सिंह को चैक दे दिया. जब रणजीत सिंह ने संबंधित चैक को बैंक में लगाया तो पवन कुमार के बैंक खाते में पैसा न होने पर चैक बाऊंस हो गया. इसके बाद रणजीत सिंह ने मामला कोर्ट में लगाया. कोर्ट ने पवन कुमार को कई बार सम्मन व वारंट जारी किए, लेकिन वह किसी भी पेशी पर हाजिर नहीं हुआ. इसके बाद कोर्ट ने उसे 27 दिसम्बर, 2017 को उद्घोषित अपराधी करार दे दिया.

पुलिस को चकमा दे रहा था आरोपी

जानकारी के अनुसार पुलिस की एसआईयू के प्रभारी दौलत राम ने अपनी टीम के साथ उद्घोषित अपराधी पवन कुमार को गिरफ्तार करने के लिए दाड़लाघाट, भराड़ीघाट, नम्होल, सुंदरनगर, घाघस व बिलासपुर समेत कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. इस पर पुलिस ने अपने मुखबिर तैनात किए. मुखबिर से सूचना मिली कि पवन कुमार मौजूदा समय में राजघाटी-नम्होल के पास मौजूद है, जिस पर संबंधित टीम ने दबिश दी और पवन कुमार को गिरफ्तार किया. एएसपी बिलासपुर अमित शर्मा ने बताया कि उद्घोषित अपराधी को अगली कार्रवाई के लिए बरमाणा पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

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