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कोरोना ने रोकी जल जनित बीमारियों की रफतार....डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में कमी

प्रदेश में हर साल जल जनित रोगों से सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इस साल प्रदेश में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बेहद कम मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इसका एक बड़ा कारण कोरोना महामारी के लिए बरते जा रहे एहतियात हैं.

reduction in dengue cases
डिजाइन फोटो.
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Published : Oct 27, 2020, 7:31 PM IST

बिलासपुर: देश व प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के साथ मानसून के मौसम में पनपने वाले जानलेवा मच्छरों से स्वास्थ्य विभाग की चिंता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई है. जगह-जगह हुए जलभराव से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी एहतियात और सावधानी बरतने की जरूरत है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर के काटने से होता है. समय पर सही डॉक्टरी सलाह या इलाज न होने पर ये बिमारियां व्यक्ति की मौत का कारण भी बन सकती है.

साल 2018 से 2020 के आंकड़े

प्रदेश में हर साल जल जनित रोगों से सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. जिला बिलासपुर इन आंकड़ों में हर साल काफी आगे रहता है. साल 2018 की बात की जाए, तो इस साल प्रदेश में प्रतिदिन दर्जनों चिकनगुनिया और डेंगू के मामले सामने आ रहे थे. बिलासपुर जिला पूरे देश में डेंगू मामलों को लेकर चौथे स्थान पर था. हालात ऐसे हो गए थे कि दो हजार से अधिक डेंगू के मामलों में से एक हजार से अधिक मामले बिलासपुर शहर से थे.

वीडियो.

ऐसे में बिलासपुर में दिल्ली, कांगड़ा, शिमला व पुडुचेरी के विशेषज्ञों ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा भी किया था. उस समय यहां पर विशेषज्ञों ने डेंगू के मच्छर जांच के लिए लिए थे. वहीं, जिला में डेंगू से तीन मौतें भी हो चुकी थी. 2018 में दो हजार से अधिक, 2019 में 20 से अधिक मामले और साल 2020 के अक्टूबर महीने तक सिर्फ दो मामले ही सामने आए हैं, जिनका समय पर इलाज किया गया.

बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष जल जनित रोगों से निपटने के लिए पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं. इसके लिए शुरूआती चरण में ही विभाग ने अस्पताल में आईसोलशेन वार्ड सहित तमाम तैयारियां कर रखी हैं. विभाग ने कई क्षेत्रों में टीमों को भेजकर फॉगिंग करवाई है.

हालांकि पिछले महीने ही डेंगू के दो मामले सामने आए थे, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए थे. वहीं, बात अगर मलेरिया की करें तो विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है. हालांकि संदिग्धता के आधार पर सैंपल प्रकिया की गई, लेकिन कोई भी मलेरिया का मामला सामने नहीं आया. साथ ही चिकनगुनिया का भी कोई मामला बिलासपुर जिला में सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद डेंगू, मलेरिया और चिकनगूनिया के मरीजों में भारी कमी आई है.

विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोरोना के साथ प्रदेश में डेंगू भी फैल जाता है, तो ये बेहद खतरनाक स्थिति होगी. इसी खतरे को देखते हुए बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने इस बार अस्पताल में आईसोलशन वार्ड भी बनाया है. इसमें एक कक्ष के अंदर ही डेंगू, मलेरिया की सारी दवाईयां रखी गई हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में किसी भी तरह की कोई दिक्कत पेश न आए.

कोविड ने रोकी अन्य बीमारियों की रफतार

कोरोना महामारी ने जल जनित रोगों की रोकथाम में काफी अहम भूमिका निभाई है. विशेषज्ञों के अनुसार सैनिटाइजेशन की वजह से जल जनित रोगों का लारवा भी खत्म होता है. प्रशासन द्वारा कोरोना रोकथाम के लिए समय-समय पर हर क्षेत्र में सैनिटाइजेशन करवाई जा रही है. ऐसे में डेंगू मलेरिया, और चिकनगूनिया के मामलों में खासी कमी देखने को मिली है.

कोरोना, डेंगू, मलेरिया हो या चिकनगुनिया, हर बीमारी से दूरी आपकी सावधानी पर निर्भर करती है. स्वस्थ रहने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों से अपडेट रहें और विभाग द्वारा जारी नियमों का पालन करें.

बिलासपुर: देश व प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के साथ मानसून के मौसम में पनपने वाले जानलेवा मच्छरों से स्वास्थ्य विभाग की चिंता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई है. जगह-जगह हुए जलभराव से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी एहतियात और सावधानी बरतने की जरूरत है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर के काटने से होता है. समय पर सही डॉक्टरी सलाह या इलाज न होने पर ये बिमारियां व्यक्ति की मौत का कारण भी बन सकती है.

साल 2018 से 2020 के आंकड़े

प्रदेश में हर साल जल जनित रोगों से सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. जिला बिलासपुर इन आंकड़ों में हर साल काफी आगे रहता है. साल 2018 की बात की जाए, तो इस साल प्रदेश में प्रतिदिन दर्जनों चिकनगुनिया और डेंगू के मामले सामने आ रहे थे. बिलासपुर जिला पूरे देश में डेंगू मामलों को लेकर चौथे स्थान पर था. हालात ऐसे हो गए थे कि दो हजार से अधिक डेंगू के मामलों में से एक हजार से अधिक मामले बिलासपुर शहर से थे.

वीडियो.

ऐसे में बिलासपुर में दिल्ली, कांगड़ा, शिमला व पुडुचेरी के विशेषज्ञों ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा भी किया था. उस समय यहां पर विशेषज्ञों ने डेंगू के मच्छर जांच के लिए लिए थे. वहीं, जिला में डेंगू से तीन मौतें भी हो चुकी थी. 2018 में दो हजार से अधिक, 2019 में 20 से अधिक मामले और साल 2020 के अक्टूबर महीने तक सिर्फ दो मामले ही सामने आए हैं, जिनका समय पर इलाज किया गया.

बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष जल जनित रोगों से निपटने के लिए पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं. इसके लिए शुरूआती चरण में ही विभाग ने अस्पताल में आईसोलशेन वार्ड सहित तमाम तैयारियां कर रखी हैं. विभाग ने कई क्षेत्रों में टीमों को भेजकर फॉगिंग करवाई है.

हालांकि पिछले महीने ही डेंगू के दो मामले सामने आए थे, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए थे. वहीं, बात अगर मलेरिया की करें तो विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस सत्र मलेरिया का एक भी मामला सामने नहीं आया है. हालांकि संदिग्धता के आधार पर सैंपल प्रकिया की गई, लेकिन कोई भी मलेरिया का मामला सामने नहीं आया. साथ ही चिकनगुनिया का भी कोई मामला बिलासपुर जिला में सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद डेंगू, मलेरिया और चिकनगूनिया के मरीजों में भारी कमी आई है.

विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोरोना के साथ प्रदेश में डेंगू भी फैल जाता है, तो ये बेहद खतरनाक स्थिति होगी. इसी खतरे को देखते हुए बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने इस बार अस्पताल में आईसोलशन वार्ड भी बनाया है. इसमें एक कक्ष के अंदर ही डेंगू, मलेरिया की सारी दवाईयां रखी गई हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में किसी भी तरह की कोई दिक्कत पेश न आए.

कोविड ने रोकी अन्य बीमारियों की रफतार

कोरोना महामारी ने जल जनित रोगों की रोकथाम में काफी अहम भूमिका निभाई है. विशेषज्ञों के अनुसार सैनिटाइजेशन की वजह से जल जनित रोगों का लारवा भी खत्म होता है. प्रशासन द्वारा कोरोना रोकथाम के लिए समय-समय पर हर क्षेत्र में सैनिटाइजेशन करवाई जा रही है. ऐसे में डेंगू मलेरिया, और चिकनगूनिया के मामलों में खासी कमी देखने को मिली है.

कोरोना, डेंगू, मलेरिया हो या चिकनगुनिया, हर बीमारी से दूरी आपकी सावधानी पर निर्भर करती है. स्वस्थ रहने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों से अपडेट रहें और विभाग द्वारा जारी नियमों का पालन करें.

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