ETV Bharat / state

गुरु गोविंद सिंह जी के विवाहोत्सव की तैयारियां पूरी, गुरु का लाहौर तक धूमधाम से निकलेगी बारात - सिखों के दसवें गुरु के विवाह उत्सव

29 जनवरी को गुरु महाराज की बारात सेहरा साहब गुरुद्वारा से नगर कीर्तन के रूप में चलेगी. गुरु का लाहौर में गुरु महाराज का विवाह विधिवत रूप से पूरा होगा.

Guru Govind Singh
गुरु गोविंद सिंह जी के विवाह की तैयारियां पूरी
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 10:33 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 7:36 AM IST

बिलासपुर: सिखों के दसवें गुरु के विवाह उत्सव को लेकर गुरुद्वारा गुरु का लाहौर और सेहरा साहब बसी में तैयारियां पूरी कर ली गई है. दोनों गुरुद्वारों को रंग बिरंगी लाइटों से दुल्हन की तरह सजाया गया है. वहीं, यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई है.

बता दें कि प्राचीन इतिहास के अनुसार सेहरा साहब गुरुद्वारा में गुरु महाराज की सेहरा बंदी हुई थी और गुरु महाराज के लावा फेरे (सिख धर्म की वैवाहिक रस्में) गुरु के लाहौर में संपन्न हुए थे. 29 जनवरी को गुरु महाराज की बारात सेहरा साहब गुरुद्वारा से नगर कीर्तन के रूप में चलेगी. गुरु का लाहौर में गुरु महाराज का विवाह विधिवत रूप से पूरा होगा.

वीडियो.

बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर लगने वाले इस दो दिवसीय मेले के दौरान पुलिस और प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए है. कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी का विवाह लाहौर में माता जीत कौर से होना था, लेकिन उसमें पाकिस्तान में स्थिती ठीक ना होने के कारण गुरु महाराज ने जिला बिलासपुर के चंगर क्षेत्र में खड़ा नाला गांव को गुरु के लाहौर का नाम दे दिया और उनका विवाह उत्सव गुरु के लाहौर में ही संपन्न हुआ.

आज तक बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर यहां पर गुरु के लाहौर में गुरु गोविंद सिंह का विवाह उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुरु महाराज के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं. यहां पर त्रिवेणी साहब भी है जहां पर गुरु महाराज ने त्रिवेणी साहब का निर्माण किया था.

ये भी पढ़ें: सुखविंदर सुक्खू का जयराम सरकार पर तंज, बोले- भ्रष्टाचार खत्म करने में सरकार फेल

बिलासपुर: सिखों के दसवें गुरु के विवाह उत्सव को लेकर गुरुद्वारा गुरु का लाहौर और सेहरा साहब बसी में तैयारियां पूरी कर ली गई है. दोनों गुरुद्वारों को रंग बिरंगी लाइटों से दुल्हन की तरह सजाया गया है. वहीं, यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई है.

बता दें कि प्राचीन इतिहास के अनुसार सेहरा साहब गुरुद्वारा में गुरु महाराज की सेहरा बंदी हुई थी और गुरु महाराज के लावा फेरे (सिख धर्म की वैवाहिक रस्में) गुरु के लाहौर में संपन्न हुए थे. 29 जनवरी को गुरु महाराज की बारात सेहरा साहब गुरुद्वारा से नगर कीर्तन के रूप में चलेगी. गुरु का लाहौर में गुरु महाराज का विवाह विधिवत रूप से पूरा होगा.

वीडियो.

बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर लगने वाले इस दो दिवसीय मेले के दौरान पुलिस और प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए है. कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी का विवाह लाहौर में माता जीत कौर से होना था, लेकिन उसमें पाकिस्तान में स्थिती ठीक ना होने के कारण गुरु महाराज ने जिला बिलासपुर के चंगर क्षेत्र में खड़ा नाला गांव को गुरु के लाहौर का नाम दे दिया और उनका विवाह उत्सव गुरु के लाहौर में ही संपन्न हुआ.

आज तक बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर यहां पर गुरु के लाहौर में गुरु गोविंद सिंह का विवाह उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुरु महाराज के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं. यहां पर त्रिवेणी साहब भी है जहां पर गुरु महाराज ने त्रिवेणी साहब का निर्माण किया था.

ये भी पढ़ें: सुखविंदर सुक्खू का जयराम सरकार पर तंज, बोले- भ्रष्टाचार खत्म करने में सरकार फेल

Intro:सिखों के दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी के विवाह उत्सव को लेकर हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर की ऊंची पहाड़ियों के बीच में विद्यमान गुरुद्वारा गुरु का लाहौर और सेहरा साहब बसी मैं तैयारियां पूर्ण कर ली गई है जहां पर दोनों ही Body:गुरुद्वारों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है वहीं पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई है आजकल जिला बिलासपुर का ये क्षेत्र पूरी तरह से खालसे के रंग में रंग गया हैं
Conclusion:

प्राचीन इतिहास के मुताबिक सेहरा साहब गुरुद्वारा में गुरु महाराज की सेहरा बंदी हुई थी और गुरु महाराज के लावा फेरे गुरु के लाहौर में संपन्न हुए थे हालांकि 29 जनवरी को गुरु महाराज की बारात सेहरा साहब गुरुद्वारा से नगर कीर्तन के रूप में चलेगी पांच प्यारों की अगुवाई में यह बरात गुरु का लाहौर पहुंचेगी जहां पर गुरु महाराज के विवाह उत्सव विधिवत रूप से पूर्ण होगा बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर लगने वाले इस दो दिवसीय मेले के दौरान पुलिस और प्रशासन के द्वारा भी पुख्ता व्यवस्थाएं की गई है कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का विवाह लाहौर में माता जीत कौर से होना था लेकिन उसमें पाकिस्तान के लाहौर में स्थितियां ठीक ना होने के कारण गुरु महाराज ने जिला बिलासपुर के चंगर क्षेत्र में खड़ा नाला गांव को गुरु के लाहौर का नाम दे दिया और उनका विवाह उत्सव गुरु के लाहौर में ही संपन्न हुआ तब से लेकर आज तक बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर यहां पर गुरु के लाहौर में गुरु गोविंद सिंह का विवाह उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है लाखों की संख्या में श्रद्धालु पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली और अन्य प्रदेशों से गुरु महाराज के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं यहां पर त्रिवेणी साहब भी है जहां पर गुरु महाराज ने त्रिवेणी साहब का निर्माण किया था जिसे गंगा जमुना सरस्वती जल की धारा यहां से निकली और इसकी विशेषता यह है कि यहां गर्मी के दिनों में भी पानी नहीं सूखता

Bite,, ग्रंथि गुरुद्वारा सेहरा साहब
Last Updated : Jan 29, 2020, 7:36 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.