बिलासपुर: जिला बिलासपुर के खेल मैदान खिलाड़ियों की राह ताक रहे हैं. यहां के ज्यादातर खेल मैदान बिना खिलाड़ियों के सूने पड़े हुए हैं. हॉकी मैदान की बात की जाए तो यहां पर हॉकी खेल पूरी तरह से खत्म हो चुका है, जो खिलाड़ी हॉकी खेलते थे उन्हें ऊना भेज दिया गया है.
वहीं अगर बात वॉलीबॉल खेल की बात की जाए तो उन खिलाड़ियों को भी पंजाब राज्य में शिफ्ट कर दिया गया है. बिलासपुर के खेल मैदान अब सिर्फ आवारा पशु या फिर नशेड़ियों का अड्डा बन कर रह गए हैं.
गौरतलब है कि बिलासपुर जिला हॉकी खेल को लेकर पूरे प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर रहा है. यहां के खिलाड़ियों ने हॉकी खेल में नेशनल लेवल तक जीत हासिल की है, लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि यहां पर 10 से कम खिलाड़ी हॉकी का प्रशिक्षण ले रहे थे. इसको लेकर जबरन स्पोर्ट्स अथॉरिटी को ऊना में हॉकी खेल को शिफ्ट करना पड़ा.
बता दें कि बिलासपुर के खेल परिसर में हॉकी, कबड्डी, वॉलीबॉल और एथलेटिक्स खेल मैदान है अगर सुविधाओं की जाए तो यहां पर अब खेलों के कोच भी कम हो गए हैं. इसके कारण खिलाड़ियों को इन खेलों की ओर रुझान भी कम हो गया है, जिसके कारण बिलासपुर में सूना पड़ गया है.
प्रदेश का पहला 4 खेल मैदान वाला बिलासपुर एकमात्र खेल परिसर
बिलासपुर का कलूर खेल परिसर हिमाचल प्रदेश का एकमात्र ऐसा खेल परिसर है. जहां पर 4 खेलों का मैदान एक साथ है, लेकिन अब यहां पर मैदान ही रह गए हैं. खिलाड़ी की संख्या बिल्कुल न के बराबर हो गई है. इसके कारण यहां से गेम्स दूसरे जिलों या फिर दूसरे राज्यों में शिफ्ट की जा रही है.
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