बिलासपुर: हिमाचल सरकार द्वारा हिमाचल पथ परिवहन निगम में यात्रियों की 100 प्रतिशत संख्या बढ़ाने का निर्णय पर सूबे की जनता ज्यादा खुश नजर नहीं आ रही है. सरकार ने अपनी आर्थिक स्थिति को सही करने के लिए यह निर्णय तो लिया है, लेकिन यह निर्णय लोगों के स्वास्थ्य के मानकों को पूरा नहीं कर पा रहा है.
गौर रहे कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का होना बहुत जरूरी है, लेकिन अब बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. जिसके चलते बसों में सफर कर रहे यात्री अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बसों में सफर कर रहे यात्रियों का कहना है कि बसों में सोशल डिस्टेंसिंग बिलकुल भी नहीं हो रही है. जिसके कारण कोरोना वायरस का खतरा और अधिक भी बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि बसों में 50% यात्री सफर करें या निर्णय बिल्कुल सही था, लेकिन अब बसों में सभी यात्री सफर कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग ना होने के कारण कहीं ना कहीं यह निर्णय आम जनमानस पर भारी भी पड़ सकता है.
बसों में सफर कर रहे यात्रियों का कहना है कि हिमाचल सरकार को प्रदेश के हर डिपो में सभी बसें शुरू कर देनी चाहिए. बसें कम चलने के कारण बसों में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही है. अगर सरकार सभी बसें सभी रूटों पर चला देगी तो इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान भी रखा जा सकता है और लोगों को दिक्कते भी पेश नहीं आएंगी. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में स्वास्थ्य जांच बस अड्डों पर होती थी, लेकिन अब वह भी बंद कर दी गई है.
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