बिलासपुर: स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं. कोविड के साथ अब डेंगू का भी पीक टाइम बिलासपुर में शुरू होने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जुलाई और अगस्त महीने में डेंगू फैलने का चर्म समय माना गया है. ऐसे में एक तरफ कोविड और दूसरी ओर डेंगू दोनों बीमारी अगर चर्म समय पर आ जाती हैं तो मरीज के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकती हैं.
डेंगू के लिए अलर्ट जारी
बिलासपुर एमओएच डाॅक्टर परविंद्र सिंह ने बताया कि कोविड के साथ डेंगू को लेकर भी जिले में अलर्ट जारी किया गया है. डेंगू की रोकथाम के लिए अभी से ही शहर के मुख्य स्थानों पर फाॅगिंग करना भी शुरू कर दी गई है. एमओएच ने बताया कि वर्ष 2021 में अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है.
विशेषज्ञों ने की थी जांच
बता दें कि साल 2018 में बिलासपुर में डेंगू के मामले 2 हजार से अधिक बढ़ गए थे, तब केंद्र की ओर से पुडुचेरी के विशेषज्ञों की टीम बिलासपुर भेजी गई. ऐसे में इस टीम ने यहां से मच्छरों के सैंपल एकत्रित किए और अपने साथ पुडुचेरी ले गए. इसके बाद रिसर्च की गई थी और इसकी रिपोर्ट स्विजरलैंड के जेनेवा डब्लयूएचओ को भेजी गई थी.
एपेडेमिक एक्ट होगा लागू
2018 में बिलासपुर के प्रभावित क्षेत्रों मे एपेडेमिक एक्ट भी लागू कर दिया था. ऐसे में अगर किसी के घर में गंदगी या फिर डेंगू का लारवा पाया जाता है तो उसका चालान काटा जाएगा. 2020 में यह एक्ट हटा दिया गया था. अधिकारियों का कहना है कि अगर मामले आना शुरू हो जाएंगे तो एक बार फिर से यह एक्ट लागू कर दिया जाएगा.
जानलेवा होगा कोरोना-डेंगू
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यहां पर एक बार फिर से डेंगू फैलता है तो कोविड सहित डेंगू लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने जिलेभर में कोविड और डेंगू के पोस्टर और पर्चे बांटना शुरू कर दिए हैं. शहर के चौराहों में प्रशासन ने कोविड सहित डेंगू के बोर्ड लगाए हैं.
शहर-गांव में करवाई फॉगिंग
अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी पर कंट्रोल पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद भी सतर्क है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में सैनिटाइजेशल के साथ फॉगिंग भी की जा रही है ताकि कोरोना के साथ-साथ डेंगू का भी खतरा कम हो जाए.
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