बिलासपुर: कोरोना वायरस के कारण प्रदेश के शक्तिपीठों को बंद करने के निर्देश के बीच मंगलवार सुबह से मंदिरों में भारी भीड़ जुट गई. मां नयना देवी जी में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने मुख्य गेट को बंद कर दिया. इसके बाद किसी भी श्रद्धालु को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई.
बता दें कि मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे नैना देवी मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए. इस बीच जो श्रद्धालु परिसर में मौजूद थे वही लोग माता के दर्शन कर पाए. सरकार के आदेश के बाद प्रदेश के पांच शक्तिपीठों को बंद कर दिया गया है.
मंदिर के कपाट बंद होने से हजारों बच्चों के मुंडन की प्रक्रिया पर भी कुछ समय के लिए विराम लग गया है. मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार नवरात्रों में लगभग हजारों की तादात में श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन करवाने पहुंचते हैं और इस बार कोरोना वायरस के खौफ के चलते मंदिर के कपाट बंद होने जा रहे हैं. ऐसे में हजारों श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर के पुजारियों से मुंडन करवाने के लिए समय लिया था, जिससे हजारों श्रद्धालुओं के बच्चों के मुंडन कार्यक्रम रद्द हो सकते हैं.
गौर रहे कि नैना देवी मंदिर में चैत्र नवरात्रों के दौरान काफी तादात में बच्चों के मुंडन कार्यक्रम किए जाते हैं. इस बार मुंडन कार्यक्रम रद्द होने से पुजारियों सहित सैकड़ों लोगों को नुकसान की आशंका सताने लगी है. मिली जानकारी के अनुसार मंदिर परिसर में लंगर व्यवस्था भी बंद कर दी गई है.
वहीं, अब देखना यह होगा कि कोरोना वायरस के चलते हिमाचल के शक्तिपीठ कब तक बंद रहेंगे. हालांकि जिला प्रशासन का कहना है कि आगामी आदेशों तक शक्तिपीठ बंद रहेंगे.
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