बिलासपुरः पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बिलासपुर अस्पताल को एमसीएच सेंटर की सौगत दी थी. लंबे समय के बाद आखिरकार इस एमसीएच सेंटर का कार्य शुरू हो गया है. 10 करोड़ रुपये की एमसीएच यानि मदर हेल्थ चाइल्ड विंग का कार्य जिला अस्पताल बिलासपुर में शुरू हो गया. प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एमसीएच सेंटर का कार्य पीडब्लयूडी विभाग ने शुरू कर दिया है. कुछ सालों के भीतर ही यह सेंटर पूरा बनकर तैयार हो जाएगा, जिसमें एक छत के नीचे गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा.
महिलाओं व नवजात बच्चों को मिलेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं
मिली जानकारी के अनुसार इस सेंटर में गायनी ओपीडी, अल्ट्रासाउंड, डिलीवरी व अन्य महिलाओं के रोगों का उपचार भी एक ही छत के नीचे होगा और नवजात बच्चों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं एक साथ मिलेंगी. करीब 7 साल का लंबा समय बीतने के बाद इस विंग के निर्माण का रास्ता साफ हुआ है. एमसीएच विंग को सरकार ने 2014 में मंजूरी दी थी.
शिमला निदेशालय में लटकी रही फाइलें
बता दें कि 2014 में पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बिलासपुर दौरे पर इसकी घोषणा की थी. यह घोषणा प्रदेश के हर एक अस्पताल के लिए की गई थी. ऐसे में प्रदेश के सभी अस्पतालों में एमसीएच का कार्य शुरू हो गया था और अधिक अस्पतालों में यह सेंटर बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन बिलासपुर जिला अस्पताल में एमसीएच की फाइल कुछ साल तो शिमला निदेशालय में ही लटकी रही थी. इसके बाद प्रशासनिक औपचारिकताएं करते-करते 7 साल तक यह कार्य कागजों में रह गया.
ऐसे में पहली किश्त के तौर पर जारी हुए 6 करोड़ लैप्स होने वाले थे, क्योंकि एमसीएच सेंटर का पैसा घोषणा के कुछ समय बाद ही जारी हो गया था, लेकिन कार्य न होने की वजह से इस सेंटर पर खतरे के बादल मंडराना शुरू हो गए थे. ऐसे में यहां पर तैनात चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. एनके भारद्वाज के प्रयासों से यह कार्य सिरे चढ़ा और आज इस सेंटर का कार्य शुरू हो गया है.
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