बिलासपुर: वन विभाग बिलासपुर अब खैर कटान से कमाई करेगा. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट से बकायदा अनुमति ली गई है. बिलासपुर वन मंडल की बात करें तो यहां पर कुल 146.75 हेक्टेयर एरिया में खैर कटान किया जाएगा. इसके लिए हेड ऑफिस की ओर से एसओपी जारी होने का इंतजार किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी हिमाचल प्रदेश में कई क्षेत्रों में खैर कटान की मंजूरी दे दी है.
बिलासपुर में होगा खैर कटान: प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 40 साल बाद प्रदेश में खैर कटान को लेकर इस तरह का बड़ा फैसला लिया गया है. जंगलों में खैर कटान होने से प्रदेश सरकार के खजाने में भी काफी फायदा होगा. खैर कटान के लिए जंगल चिन्हित कर लिए गए हैं, जिसमें झंडूता उपमंडल के गोचर व समोह ब्लॉक शामिल हैं. जैसे ही हेड ऑफिस से आगामी निर्देश आएंगे उसके अनुरूप जंगलों में खैर कटान के लिए कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. पहले पेड़ों की मार्किंग होगी और उसके बाद फेलिंग का काम शुरू होगा. हर 15 साल बाद खैर कटान के लिए कार्य योजना तैयार की जाती है. बिलासपुर जिले की कार्य योजना साल 2013 में बनी थी, जिसके तहत अब जिले में खैर के पेड़ों का कटान होगा.
वन विभाग करेगा खैर कटान से कमाई: वहीं, वन विभाग बिलासपुर के वनमंडल अधिकारी अवनि भूषण राय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद बिलासपुर जिला के जंगलों में खैर कटान को लेकर काम शुरू हो गया है. वन विभाग या फिर वन विकास निगम खैर कटान करेगा इसके लिए विभाग के आगामी आदेशों का इंतजार किया जा रहा है. आदेश मिलने के बाद झंडूता के गोचर व समोह ब्लॉकों में खैर कटान को लेकर प्रक्रिया आरंभ की जाएगी. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद अब हर वर्ष जंगलों में खैर का कटान किया जाएगा.
सरकार की आय में होगी वृद्धि: वनमंडल अधिकारी अवनी भूषण राय के अनुसार अब हर साल जंगलों में खैर के पेड़ों का कटान किया जाएगा. खैर कटान के लिए इस बार झंडूता के गोचर व समोह को मार्क किया गया है, इसके बाद अगले साल और ब्लॉकों में भी खैर कटान किया जाएगा. इस तरह से पुराने पेड़ कटेंगे तभी नए पेड़ ग्रोथ कर पाएंगे. खैर कटान के बाद पेड़ों की ऑक्शन की जाएगी. इस प्रक्रिया के जरिए विभाग को अच्छा खासा रेवन्यू आएगा.
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