बिलासपुर: हिमाचल की सबसे यंग जिला परिषद अध्यक्ष मुस्कान ने पद से त्यागपत्र दे दिया है. Chairperson के साथ उपाध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. जिसके बाद पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिष्ठित पदों पर कांग्रेस पार्टी कब्जा करना चाहती है. इसी को लेकर राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो चुकी है. 14 सदस्यों की बिलासपुर जिला परिषद में करीब पौने 3 साल पहले मुस्कान ने Chairperson की पोस्ट को संभाला था. उस समय वो महज 20 साल की थीं. मुस्कान ने Independent Candidate के तौर पर चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन बीजेपी ने मुस्कान को अध्यक्ष पद का ऑफर दिया था, क्योंकि जिला परिषद के सदन में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करना था.
बता दें कि Law की पढ़ाई कर चुकी मुस्कान मौजूदा में Himachal Pradesh University से LLM की पढ़ाई कर रही हैं. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आज सोमवार को मीटिंग रखी गई थी. इससे पहले ही जिला परिषद की अध्यक्ष मुस्कान व उपाध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने DC को अपने इस्तीफे सौंप दिए. जिसमें सम्मानजनक तरीके से पदों को छोड़कर किनारा कर लिया गया. DC के स्तर पर इस्तीफों को पंचायतीराज विभाग के निदेशक को भेज दिया गया है. जिला परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष मुस्कान ने कहा कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगी. उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद उठापटक स्वाभाविक सी बात होती है. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिला परिषद के अध्यक्ष पर करीब पौने 3 साल का उनका कार्यकाल संतोषजनक रहा. इस दौरान ग्रामीण विकास को लेकर हर संभव प्रयास किया. उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देश के मुताबिक वो अगला कदम उठाएंगी.
ध्यान देने वाली बात ये है कि अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद भी पद छोड़ने पड़ते, ऐसे में मुस्कान ने सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा देकर मास्टर स्ट्रोक भी खेला है. बता दें कि मुस्कान के पिता एक समाजसेवी हैं. BPL परिवार से ताल्लुक रखती थी, लेकिन मुस्कान के जिला परिषद अध्यक्ष बनने के बाद पिता ने BPL कैटेगरी को सरेंडर कर दिया था.
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