बिलासपुर: जिला बिलासपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में हरनोड़ा निवासी प्रेम लाल ठाकुर ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत हरनोड़ा में बीपीएल और आईआरडीपी के चयन में धांधली हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि 15-7-2022 को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत हुए खुलासे से पता चलता है कि इस चयन में भारी अनियमितता संबंधित अथॉरिटी द्वारा बरती गई हैं. जिन पर कार्रवाई होना आवश्यक है. यह एक ऐसी पंचायत हैं जिसमें कोई गरीब है ही नहीं, लेकिन पंचायत सचिव और पंचायत प्रधान की मिलीभगत से कई ऐसे लोगों के आईआरडीपी में डाला गया है जो नियमों को पूरा ही नहीं करते हैं. ग्राम पंचायत में 73 अमीर परिवार ऐसे हैं जिन्हें आईआरडीपी सूची में डाला गया, चूंकि मामला संवेदनशील है और उपायुक्त बिलासपुर से यह मांग है कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच करवाई जाए और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए.
हरनोड़ा निवासी प्रेम लाल ठाकुर ने कहा कि कौल डैम बांध बनने के बाद हर परिवार को मुआवजे के तौर पर करोड़ों रुपये मिले हैं. ऐेसे में इन परिवारों के आईआरडीपी में चयन का सवाल ही पैदा नहीं होता. कहीं न कहीं सरकारी नौकरी हथियाने के पीछे इस प्रकार के कृत्य को अंजाम दिया गया है. प्रेम लाल ठाकुर ने बताया कि पंचायत द्वारा आईआरडीपी सूची में डालने के लिए लोगों से शपथ पत्र मांगे गए थे जो मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित हों, लेकिन इसमें भी धांधली उजागर हुई है.
प्रेम लाल ठाकुर ने आरोप लगया कि आरटीआई से ली गई सूचना के अनुसार कई शपथ पत्र ऐसे हैं जिनमें सत्यापन तो दूर आवेदनकर्ता के हस्ताक्षर तक नहीं हैं, जबकि एक शपथ पत्र पुरुष के नाम का है और आवेदनकर्ता के स्थान पर महिला के हस्ताक्षर हैं. जो कि कानून की आंखों में धूल झोंकना है. इन 73 परिवारों में अधिकांश लोगों के पास लाखों रुपयों की एफडी हैं, कईयों के ट्रक बरमाणा में चल रहे हैं, चौपहिया वाहन आम हैं. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में हो रही इस प्रकार की धांधली को लेकर 25 जनवरी 2023 को उपायुक्त बिलासपुर को शिकायतपत्र दिया गया है, लेकिन उस पर अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि ग्राम पंचायत हरनोड़ा बीपीएल मुक्त होनी चाहिए थी, जिससे सरकार के राजस्व में भी कोई घाटा नहीं पड़ता, लेकिन हरनोड़ा पंचायत में प्रतिनिधियों द्वारा ही पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई हैं. प्रेम लाल ठाकुर ने मांग की है कि उपायुक्त इस विषय की जांच करवाए ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके.
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