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'नेरचौक मेडिकल कालेज में तय सीमा से ज्यादा मरीज दाखिल, ऑक्सीजन की हुई कमी'

र्व विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश धर्माणी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी सजग है. इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं कोविड केयर सेंटर नेरचौक में तय सीमा से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया गया है. इसकी वजह से ऑक्सीजन सप्लाई पर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इस समस्या बाबत कॉलेज प्रिंसिपल ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के हवाले से स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत करवाया है जिसमें उन्होंने अधिक मरीजों को दाखिला न दे पाने में असमर्थता दिखाई है.

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Published : May 17, 2021, 7:47 PM IST

घुमारवीं/बिलासपुरः पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश धर्माणी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी सजग है. इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं कोविड केयर सेंटर नेरचौक में तय सीमा से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया गया है.

इसकी वजह से ऑक्सीजन की कमी हो रही है. इसका गंभीर असर उन मरीजों पर पड़ रहा है, जिनकी हालत नाजुक है. ऐसे हालात में क्रिटिकल केयर वाले कई मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ मृतकों के परिवार वाले भी ऐसे आरोप लगा रहे हैं कि उनके मरीज को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाई.

स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर करवाया अवगत

उन्होंने बताया कि इस समस्या के बारे में कॉलेज प्रिंसिपल ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के हवाले से स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत करवाया है, जिसमें उन्होंने अधिक मरीजों को दाखिला न दे पाने में असमर्थता दिखाई है.

उन्होंने आस-पास के जिला चिकित्सा अधिकारियों से अनुरोध किया है कि जब तक निर्माणाधीन ऑक्सीजन मैनीफोल्ड बन कर तैयार नहीं हो जाता तब तक और मरीज न भेजे जाएं, क्योंकि पहले से भर्ती मरीजों को भी ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं दे पा रहे हैं. पत्र के मुताबिक वर्तमान ऑक्सीजन मैनीफोल्ड अधिकतम 2500 लिटर पर मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन बनाता है, जबकि दाखिल मरीजों की मांग 2200 से 3000 एलपीएम की है.

जल्द से जल्द समस्या के समाधान की मांग

वहीं, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ जीवानंद के मीडिया में दिए इंटरव्यू के मुताबिक भर्ती किए गए मरीजों की यह जरूरत व मांग 3000-4000 एलपीएम है. ऑक्सीजन मैनीफोल्ड की क्षमता अधिकतम 160 मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान करने की है जिसे वर्तमान में भर्ती हुए 210 मरीजों में बांटा जा रहा है.

इनमें 30 आईसीयू बेड हैं. जिन्हें 40-60 एलपीएम ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत रहती है. ऐसे में प्रति मरीज को ऑक्सीजन की सप्लाई कम मिल रही है. कई मृतकों के परिवारजन भी ऑक्सीजन की सही सप्लाई न मिलने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने सरकार से इस समस्या के जल्द से जल्द समाधान की मांग की है ताकि मरीजों के स्वस्थ्य से खिलवाड़ न हो.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में आज से नई बंदिशें लागू, शादी विवाह में और बढ़ी पाबंदियां

घुमारवीं/बिलासपुरः पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश धर्माणी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी सजग है. इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाल बहादुर शास्त्री गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं कोविड केयर सेंटर नेरचौक में तय सीमा से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया गया है.

इसकी वजह से ऑक्सीजन की कमी हो रही है. इसका गंभीर असर उन मरीजों पर पड़ रहा है, जिनकी हालत नाजुक है. ऐसे हालात में क्रिटिकल केयर वाले कई मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ मृतकों के परिवार वाले भी ऐसे आरोप लगा रहे हैं कि उनके मरीज को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाई.

स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर करवाया अवगत

उन्होंने बताया कि इस समस्या के बारे में कॉलेज प्रिंसिपल ने ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के हवाले से स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत करवाया है, जिसमें उन्होंने अधिक मरीजों को दाखिला न दे पाने में असमर्थता दिखाई है.

उन्होंने आस-पास के जिला चिकित्सा अधिकारियों से अनुरोध किया है कि जब तक निर्माणाधीन ऑक्सीजन मैनीफोल्ड बन कर तैयार नहीं हो जाता तब तक और मरीज न भेजे जाएं, क्योंकि पहले से भर्ती मरीजों को भी ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं दे पा रहे हैं. पत्र के मुताबिक वर्तमान ऑक्सीजन मैनीफोल्ड अधिकतम 2500 लिटर पर मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन बनाता है, जबकि दाखिल मरीजों की मांग 2200 से 3000 एलपीएम की है.

जल्द से जल्द समस्या के समाधान की मांग

वहीं, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ जीवानंद के मीडिया में दिए इंटरव्यू के मुताबिक भर्ती किए गए मरीजों की यह जरूरत व मांग 3000-4000 एलपीएम है. ऑक्सीजन मैनीफोल्ड की क्षमता अधिकतम 160 मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान करने की है जिसे वर्तमान में भर्ती हुए 210 मरीजों में बांटा जा रहा है.

इनमें 30 आईसीयू बेड हैं. जिन्हें 40-60 एलपीएम ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत रहती है. ऐसे में प्रति मरीज को ऑक्सीजन की सप्लाई कम मिल रही है. कई मृतकों के परिवारजन भी ऑक्सीजन की सही सप्लाई न मिलने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने सरकार से इस समस्या के जल्द से जल्द समाधान की मांग की है ताकि मरीजों के स्वस्थ्य से खिलवाड़ न हो.

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