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हिमाचल न्यायिक सेवा-2019: बिलासपुर के शविक घई बने सहायक लोक अभियोजक न्यायाधीश

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Published : Dec 9, 2019, 7:56 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 8:39 PM IST

बिलासपुर के नालागढ़ से पूर्व डीए एनसी घई के छाटे बेटे शाविक घई बिलासपुर जिला न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक बने. इस मौके पर उन्होंने युवा पीढ़ी को कहा कि मीडिया को जरूरत के अनुसार प्रयोग करें और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिन-रात एक करें.

Assistant Public Prosecutor Shavik Ghai
पूर्व डीए के छोटे सुपुत्र बने सहायक लोक अभियोजक न्यायाधीश.

बिलासपुर: न्यायिक सेवा के लिए बतौर न्यायाधीश चयनित बिलासपुर जिला न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक शाविक घई ने अपनी उपलब्धि के कुछ खट्टे-मीठे अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4:30 साल का लंबा वक्त लगा. इस दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिससे निकलने के लिए दोस्तों का सहयोग काफी अहम रहा.

नालागढ़-सोलन के रहने वाले शाविक के पिता एनसी घई पूरे प्रदेश में किसी पहचान के मोहताज नहीं है. गुणी, कानूनी, विद्वान और अनुभवी एनसी घई ने बिलासपुर में एक दशक से ज्यादा समय तक बतौर न्यायवादी अपनी सेवाएं दी है.

वीडियो रिपोर्ट.

सेवाकाल के दौरान गरीब, पीड़ित, पिछड़ों व असहाय लोगों की मदद करने के लिए एमसीडी के दरवाजे सदैव खुले रहते थे. वहीं, शाविक की माता संगीता घई ने बिलासपुर के विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों के तौर पर बच्चों को शिक्षित किया. वर्तमान में वह बिलासपुर-सोलन जिले की सीमा पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाहा स्कूल में प्रिंसिपल है. शाविक के बड़े भाई मानिक घई गुरूग्राम में निजी कंपनी में है.

शाविक बिलासपुर के डीएवी में जमा दो तक पढ़ने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ चले गए. वहां कानून की स्नातक व मास्टर तालीम हासिल करने के बाद हाल ही में शाविक की नियुक्ति बिलासपुर न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक के पद पर हुई है.

शविक का मानना है कि कोई भी पीड़ित न्याय से वंचित नहीं रहना चाहिए. सरकार की ओर से जागरूकता को लेकर भरपुर प्रयास किए जा रहे हैं. शाविक का कहना है कि मौजूदा हालात में युवा वर्ग सोशल मीडिया से सबसे ज्यादा प्रभावित है और सोशल मीडिया की नकारात्मकता को साथ लेकर अपने भविष्य को गर्त की ओर धकेल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन जरूरत से ज्यादा इसका इस्तेमाल घातक है. नए न्यायाधीश ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि वह सोशल मीडिया को जरूरत के अनुसार प्रयोग करते हुए नैतिक मूल्यों का अनुसरण करें और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात एक करें.

बिलासपुर: न्यायिक सेवा के लिए बतौर न्यायाधीश चयनित बिलासपुर जिला न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक शाविक घई ने अपनी उपलब्धि के कुछ खट्टे-मीठे अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4:30 साल का लंबा वक्त लगा. इस दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिससे निकलने के लिए दोस्तों का सहयोग काफी अहम रहा.

नालागढ़-सोलन के रहने वाले शाविक के पिता एनसी घई पूरे प्रदेश में किसी पहचान के मोहताज नहीं है. गुणी, कानूनी, विद्वान और अनुभवी एनसी घई ने बिलासपुर में एक दशक से ज्यादा समय तक बतौर न्यायवादी अपनी सेवाएं दी है.

वीडियो रिपोर्ट.

सेवाकाल के दौरान गरीब, पीड़ित, पिछड़ों व असहाय लोगों की मदद करने के लिए एमसीडी के दरवाजे सदैव खुले रहते थे. वहीं, शाविक की माता संगीता घई ने बिलासपुर के विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों के तौर पर बच्चों को शिक्षित किया. वर्तमान में वह बिलासपुर-सोलन जिले की सीमा पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाहा स्कूल में प्रिंसिपल है. शाविक के बड़े भाई मानिक घई गुरूग्राम में निजी कंपनी में है.

शाविक बिलासपुर के डीएवी में जमा दो तक पढ़ने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ चले गए. वहां कानून की स्नातक व मास्टर तालीम हासिल करने के बाद हाल ही में शाविक की नियुक्ति बिलासपुर न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक के पद पर हुई है.

शविक का मानना है कि कोई भी पीड़ित न्याय से वंचित नहीं रहना चाहिए. सरकार की ओर से जागरूकता को लेकर भरपुर प्रयास किए जा रहे हैं. शाविक का कहना है कि मौजूदा हालात में युवा वर्ग सोशल मीडिया से सबसे ज्यादा प्रभावित है और सोशल मीडिया की नकारात्मकता को साथ लेकर अपने भविष्य को गर्त की ओर धकेल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन जरूरत से ज्यादा इसका इस्तेमाल घातक है. नए न्यायाधीश ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि वह सोशल मीडिया को जरूरत के अनुसार प्रयोग करते हुए नैतिक मूल्यों का अनुसरण करें और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात एक करें.

Intro:- बिलासपुर के सहायक लोक अभियोजक शावक घई बने न्यायाधीश
- बिलासपुर और नालागढ़ में खुशी की लहर
- पूर्व डीए नरेश घई के छोटे सुपुत्र है शाविक

बिलासपुर।
यदि आपके मन में देश सेवा की सच्ची लगन है तो सर्वप्रथम लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए तथा सब कुछ भुला कर ईमानदारी से मेहनत करनी चाहिए, जिससे कामयाबी आपके कदम चूमेगी। यह बात न्यायिक सेवा के लिए बतौर न्यायाधीश चयनित हुए बिलासपुर जिला न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक शाविक घई ने कही। अपने इस उपलब्धि के पीछे के खट्टे मीठे अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 4:30 साल का लंबा वक्त लगा। इस दौरान कई परेशानियों के दौर भी रहे। जिससे निकलने के लिए दोस्तों का सहयोग काफी अहम रहा। मुल्क नालागढ़ सोलन के रहने वाले शादी के पिता एनसी गई बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में किसी पहचान के मोहताज नहीं है। गुणी,कानूनी विद्वान और अनुभवी एनसी गई ने बिलासपुर में एक दशक से ज्यादा समय तक बतौर न्यायवादी अपनी सेवाएं दी। सेवाकाल के दौरान भी गरीब, पीड़ित, पिछड़ों व असहाय लोगों की मदद करने के लिए एमसीडी के दरवाजे सदैव खुले रहते थे। जब की शादी की माता संगीता गई ने बिलासपुर के विभिन्न स्कूलों में शिक्षकों के तौर पर बच्चों को शिक्षित किया। वर्तमान में वे बिलासपुर सोलन जिले की सीमा पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाहा स्कूल में प्रिंसिपल है। शादी के बड़े भाई मानिक गई गुरूग्राम में निजी कंपनी में है।


Body:शाविक बिलासपुर के डीएवी में जमा दो तक पढ़ने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ चले गए। वहां पर कानून की स्नातक व मास्टर तालीम हासिल की। अभी हाल ही में शादी की नियुक्ति बिलासपुर न्यायालय में सहायक लोक अभियोजक के पद पर हुई है। शावक का मानना है कि कोई भी पीड़ित न्याय से वंचित नहीं रहना चाहिए। सरकार द्वारा जागरूकता को लेकर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। शादी घई का कहना है कि मौजूदा हालात में युवा वर्ग सबसे ज्यादा सोशल मीडिया से प्रभावित है। तथा सोशल मीडिया की नकारात्मकता को साथ लेकर अपने भविष्य को गर्त की ओर धकेल रहे हैं।



Conclusion:उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन जरूरत से ज्यादा इसका इस्तेमाल घातक है। नए न्यायाधीश ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि वे सोशल मीडिया को जरूरत के अनुसार प्रयोग करते हुए नैतिक मूल्यों का अनुसरण करें और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन-रात एक करें।
Last Updated : Dec 10, 2019, 8:39 PM IST
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