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आग की घटनाओं पर सैटेलाइट से रखी जाएगी नजर, रैपिड फॉरेस्ट फायर फोर्स गठित करेगा विभाग - हिमाचल में जंगलों में आगजनी की घटनाएं

प्रदेश में गर्मियों के आते ही जंगलों में आगजनी की घटनाएं शरू हो जाती है. जिसको देखते हुए वन विभाग ने सभी वन सर्कलों में संवेदनशील बीटों में फायर वाचर की तैनाती भी करना शुरू कर दिया है. विभाग ने इसके लिए वॉलंटरी रैपिड फॉरेस्ट फायर फोर्स भी तैयार की है.

Forest Department will set up rapid forest fire force
वन विभाग गठित करेगा रेपिड फारेस्ट फायर फोर्स
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Published : Feb 25, 2020, 2:21 PM IST

बिलासपुर: गर्मियों में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है. वन विभाग ने सभी वन सर्कलों में संवेदनशील बीटों में फायर वॉचर की तैनाती भी करना शुरू कर दिया है. वन विभाग टोल फ्री नंबर जारी करने जा रहा है, जिससे लोग फोन पर भी आग की सूचना दे सकेंगे.

बता दें कि प्रदेश में गर्मियों का मौसम आते ही जंगलों में आग की घटनाएं भी बढ़ना शुरू हो जाएंगी. वन विभाग भी इसको लेकर तैयार हो गया है. विभाग ने वॉलंटरी रैपिड फॉरेस्ट फायर फोर्स भी तैयार की है. इसमें पंजीकृत लोग आग लगने की स्थिति को वन विभाग को सूचित करने के साथ ही इस को बुझाने में भी मदद करेंगे.

वीडियो रिपोर्ट

सभी वन मंडलों में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं. जहां आग लगने की सूचना लोग दे सकेंगे. इतना ही नहीं जगलों में आग की घटनाओं का पता लगाने के लिए वन विभाग द्वारा सैटेलाइट की मदद ली जाएगी. राज्य फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से सैटेलाइट बेस्ड फायर अलर्ट सिस्टम स्थापित किया गया है. इसके तहत वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को इसकी सूचना तत्काल मिलेगी. सूचना मिलने पर संबंधित इलाके के वन कर्मचारी आग को बुझाने का काम करेंगे और इसके लिए लोगों का सहयोग भी लेंगे.

आग लगाने वालों पर दर्ज होंगे केस

जंगलों में आग लगने के पीछे मानवीय लापरवाही पाई जाती है. अधिकतर मामलों में देखा गया है कि कुछ शरारती तत्व जंगलों में जानबूझकर आग लगवा देते हैं. वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वह जंगलों में आग लगाने का काम ना करें. अन्यथा उनके खिलाफ केस दर्ज करवाए जाएंगे. वनों में आग लगने वालों पर जहां जुर्माने का प्रावधान है. वहीं दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की सजा भी हो सकती है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र का आगाज, 450 जवानों के हवाले सुरक्षा-व्यवस्था

बिलासपुर: गर्मियों में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है. वन विभाग ने सभी वन सर्कलों में संवेदनशील बीटों में फायर वॉचर की तैनाती भी करना शुरू कर दिया है. वन विभाग टोल फ्री नंबर जारी करने जा रहा है, जिससे लोग फोन पर भी आग की सूचना दे सकेंगे.

बता दें कि प्रदेश में गर्मियों का मौसम आते ही जंगलों में आग की घटनाएं भी बढ़ना शुरू हो जाएंगी. वन विभाग भी इसको लेकर तैयार हो गया है. विभाग ने वॉलंटरी रैपिड फॉरेस्ट फायर फोर्स भी तैयार की है. इसमें पंजीकृत लोग आग लगने की स्थिति को वन विभाग को सूचित करने के साथ ही इस को बुझाने में भी मदद करेंगे.

वीडियो रिपोर्ट

सभी वन मंडलों में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं. जहां आग लगने की सूचना लोग दे सकेंगे. इतना ही नहीं जगलों में आग की घटनाओं का पता लगाने के लिए वन विभाग द्वारा सैटेलाइट की मदद ली जाएगी. राज्य फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से सैटेलाइट बेस्ड फायर अलर्ट सिस्टम स्थापित किया गया है. इसके तहत वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को इसकी सूचना तत्काल मिलेगी. सूचना मिलने पर संबंधित इलाके के वन कर्मचारी आग को बुझाने का काम करेंगे और इसके लिए लोगों का सहयोग भी लेंगे.

आग लगाने वालों पर दर्ज होंगे केस

जंगलों में आग लगने के पीछे मानवीय लापरवाही पाई जाती है. अधिकतर मामलों में देखा गया है कि कुछ शरारती तत्व जंगलों में जानबूझकर आग लगवा देते हैं. वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि वह जंगलों में आग लगाने का काम ना करें. अन्यथा उनके खिलाफ केस दर्ज करवाए जाएंगे. वनों में आग लगने वालों पर जहां जुर्माने का प्रावधान है. वहीं दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की सजा भी हो सकती है.

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