बिलासपुर: गोविंद सागर झील में साल 2019-20 की तुलना में साल 2020-21 में 76 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन अधिक हुआ है. जिससे मत्स्य विभाग के अधिकारियों के चहरे खिल उठे हैं. गौरतलब है कि साल 2019-20 में 243 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था, जो साल 2020-21 में बढ़कर 314 मीट्रिक टन जा पहुंचा है.
8 मही में उत्पादन में 76 मीट्रिक टन बढ़ोतरी
जानकारी देते हुए मात्स्यिकी निदेशालय के उप निदेशक सुशील जनारथा का कहना है कि विभाग द्वारा 44 लाख के उत्तम क्वालिटी के बीजों का संग्रहण बीते साल किया गया था. जिसमें अधिकतर बीच 70 एमएम से बड़े थे. जिसका नतीजा यह रहा कि कोविड काल के दौरान अप्रैल-मई 2020 में फिशिंग पर रोक व जून-जुलाई में क्लोसिंग सीजन के बावजूद आठ महीने में ही मछली के उत्पादन में 76 मीट्रिक टन तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है जोकि मछली उत्पादन व व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर है.
नौ करोड़ की पहली किस्त पहुंची
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के लिए 40 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने व नौ करोड़ की पहली किस्त भी विभाग के पास पहुंच गए हैं. गोविंद सागर झील, कोलडैम सहित अन्य झीलों से जुड़े मछुआरों को 500 बोट नेट्स यूनिट दिए जाएंगे. जिससे आने वाले समय मे मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके और मछुवारों की आय को भी बढ़ाया जा सके.
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