बिलासपुर: परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने विशेषज्ञों के साथ कोलडैम झील का सर्वेक्षण किया है. इस दौरान उन्होंने बिलासपुर में वाटर ट्रांसपोर्ट को जल्द बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार बिलासपुर से तत्तापानी तक वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा जल्द शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से यह वाटर ट्रांसपोर्ट लाभदायक होगा. इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा. साथ ही इस झील पर इको टूरिज्म की संभावनाएं है. बता दें कि अगर यह वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू हुआ तो यह हिमाचल का पहला वाटर ट्रांसपोर्ट होगा.
परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि तत्तापानी से लेकर बिलासपुर के कसोल तक कोलडैम का दौरा किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के जलाशयों में वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए इनलैंड वॉटरबेस आथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्वीकृति भी दे दी है और इसकी डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है. इसकी सुविधा शुरू होने के बाद कई घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा.
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प्रदेश सरकार ने चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोविंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में वाटर ट्रांसपोर्ट की संभावनाओं को तलाशा हुआ है. सरकार का मानना है कि बड़े बांधों अगर लोगों को परिवहन की सुविधा मिलती है तो इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों के धन व समय की बचत की जा सकती है.
इसी के मद्देनजर वीरवार को मंत्री गोविंद ठाकुर ने इनलैंड वाटरबेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ तत्तापानी से बिलासपुर तक का सफर किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके.
मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि सरकार की योजना है कि लोगों को सड़क परिवहन के साथ वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी मिले. यह योजना प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में शुरु करना प्रस्तावित है. कोलडैम का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि तत्तापानी से बिलासपुर के कसोल तक करीब 32 किलोमीटर लंबी झील में लोगों को वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका सड़क मार्ग से सफर करीब साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा.