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हिमाचल का पहला वाटर ट्रासंपोर्ट जल्द होगा शुरू, मंत्री गोविंद ठाकुर बोले- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा - govind thakur

मंत्री गोविंद ठाकुर ने प्रदेश में पहला वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बिलासपुर से तत्तापानी तक वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी.

हिमाचल का पहला वाटर ट्रासंपोर्ट जल्द होगा शुरू
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Published : Jul 27, 2019, 10:08 AM IST

बिलासपुर: परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने विशेषज्ञों के साथ कोलडैम झील का सर्वेक्षण किया है. इस दौरान उन्होंने बिलासपुर में वाटर ट्रांसपोर्ट को जल्द बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार बिलासपुर से तत्तापानी तक वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा जल्द शुरू करेगी.


उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से यह वाटर ट्रांसपोर्ट लाभदायक होगा. इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा. साथ ही इस झील पर इको टूरिज्म की संभावनाएं है. बता दें कि अगर यह वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू हुआ तो यह हिमाचल का पहला वाटर ट्रांसपोर्ट होगा.

हिमाचल का पहला वाटर ट्रासंपोर्ट जल्द होगा शुरू


परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि तत्तापानी से लेकर बिलासपुर के कसोल तक कोलडैम का दौरा किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के जलाशयों में वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए इनलैंड वॉटरबेस आथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्वीकृति भी दे दी है और इसकी डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है. इसकी सुविधा शुरू होने के बाद कई घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा.

ये भी पढ़ें: तीन कांग्रेसी नेताओं की ग्रामीणों ने कर दी जमकर पिटाई, जाने क्या थी वजह

प्रदेश सरकार ने चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोविंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में वाटर ट्रांसपोर्ट की संभावनाओं को तलाशा हुआ है. सरकार का मानना है कि बड़े बांधों अगर लोगों को परिवहन की सुविधा मिलती है तो इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों के धन व समय की बचत की जा सकती है.

इसी के मद्देनजर वीरवार को मंत्री गोविंद ठाकुर ने इनलैंड वाटरबेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ तत्तापानी से बिलासपुर तक का सफर किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके.


मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि सरकार की योजना है कि लोगों को सड़क परिवहन के साथ वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी मिले. यह योजना प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में शुरु करना प्रस्तावित है. कोलडैम का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि तत्तापानी से बिलासपुर के कसोल तक करीब 32 किलोमीटर लंबी झील में लोगों को वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका सड़क मार्ग से सफर करीब साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा.

बिलासपुर: परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने विशेषज्ञों के साथ कोलडैम झील का सर्वेक्षण किया है. इस दौरान उन्होंने बिलासपुर में वाटर ट्रांसपोर्ट को जल्द बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार बिलासपुर से तत्तापानी तक वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा जल्द शुरू करेगी.


उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से यह वाटर ट्रांसपोर्ट लाभदायक होगा. इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा. साथ ही इस झील पर इको टूरिज्म की संभावनाएं है. बता दें कि अगर यह वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू हुआ तो यह हिमाचल का पहला वाटर ट्रांसपोर्ट होगा.

हिमाचल का पहला वाटर ट्रासंपोर्ट जल्द होगा शुरू


परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि तत्तापानी से लेकर बिलासपुर के कसोल तक कोलडैम का दौरा किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के जलाशयों में वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए इनलैंड वॉटरबेस आथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्वीकृति भी दे दी है और इसकी डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है. इसकी सुविधा शुरू होने के बाद कई घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा.

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प्रदेश सरकार ने चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोविंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में वाटर ट्रांसपोर्ट की संभावनाओं को तलाशा हुआ है. सरकार का मानना है कि बड़े बांधों अगर लोगों को परिवहन की सुविधा मिलती है तो इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही स्थानीय लोगों के धन व समय की बचत की जा सकती है.

इसी के मद्देनजर वीरवार को मंत्री गोविंद ठाकुर ने इनलैंड वाटरबेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ तत्तापानी से बिलासपुर तक का सफर किया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके.


मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि सरकार की योजना है कि लोगों को सड़क परिवहन के साथ वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी मिले. यह योजना प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में शुरु करना प्रस्तावित है. कोलडैम का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि तत्तापानी से बिलासपुर के कसोल तक करीब 32 किलोमीटर लंबी झील में लोगों को वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका सड़क मार्ग से सफर करीब साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा.

Intro:स्लग - गोविंद ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर मैं जल्द बनाया जाएगा वाटर ट्रांसपोर्ट उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि एनटीपीसी अफसरों और विशेषज्ञों संग उन्होंने कोलडैम झील का सर्वेक्षण किया है तथा कोल डैम से धार्मिक स्थल तत्तापानी तक वाटर ट्रांसपोर्ट के जरिये आसानी से पहुंचा जा सकेगा। सरकार यहां जल्द ही वाटर ट्रांसपोर्ट सुविधा शुरू करेगी। इस बाबत सर्वे किया गया है और जल्द ही वाटरट्रांपोर्ट को आरम्भ किया जायेगा तथा पर्यटन की दृस्टि से जंहा लाभ दायक होगा वंही रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी स्थानीय लोगो को काफी फायदा होगा इसके साथ इस झील पर इक्को टूरिसम की आपार संभाबनाए है अगर कल को इक्को टूरिसम का निर्माण कार्य होता है तो इससे पर्यटन के लिए भी बढ़ावा मिलेगा उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश मैं अगर वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू हुआ तो हिमाचल का ये पहला वाटर ट्रांसपोर्ट बनेगा


परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि जिला के तत्तापानी से लेकर बिलासपुर के कसोल तक कोलडैम का दौरा करके इस सुविधा को मूर्तरूप देने की संभावनाएं तलाशी हैं। प्रदेश के जलाशयों में वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करने के लिए इनलैंड वाटरबेस आथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्वीकृति भी दे दी है और इसकी डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है। यह सुविधा आरंभ होने के बाद लोगों का कई घंटों का सफर मिनटों में होगा और क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जा सकेगा।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में वाटर ट्रांसपोर्ट की संभावनाओं को काफी पहले से तलाशा हुआ है। सरकार का मानना है कि बड़े बांधों में यदि लोगों को परिवहन की सुविधा मिलती है तो इन क्षेत्रों में पर्यटन व धार्मिक पर्यटन के अलावा स्थानीय लोगों के धन व समय की बचत की जा सकती है। इसी के मद्देनजर वीरवार को प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने इनलैंड वाटरबेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ तत्तापानी से बिलासपुर तक का सफर किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस योजना को शीघ्र-अतिशीघ्र आरंभ किया जाए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि सरकार की योजना है कि लोगों को सड़क परिवहन के साथ वाटर ट्रांसपोर्ट की वैकल्पिक सुविधा मिले। यह योजना प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में आरंभ करना प्रस्तावित है। कोलडैम का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि तत्तापानी से बिलासपुर के कसोल तक करीब 32 किलोमीटर लंबी झील में लोगों को वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका सड़क मार्ग से सफर करीब साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा।

बाइट --परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुरBody:Byte vishConclusion:स्लग - गोविंद ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर मैं जल्द बनाया जाएगा वाटर ट्रांसपोर्ट उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि एनटीपीसी अफसरों और विशेषज्ञों संग उन्होंने कोलडैम झील का सर्वेक्षण किया है तथा कोल डैम से धार्मिक स्थल तत्तापानी तक वाटर ट्रांसपोर्ट के जरिये आसानी से पहुंचा जा सकेगा। सरकार यहां जल्द ही वाटर ट्रांसपोर्ट सुविधा शुरू करेगी। इस बाबत सर्वे किया गया है और जल्द ही वाटरट्रांपोर्ट को आरम्भ किया जायेगा तथा पर्यटन की दृस्टि से जंहा लाभ दायक होगा वंही रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी स्थानीय लोगो को काफी फायदा होगा इसके साथ इस झील पर इक्को टूरिसम की आपार संभाबनाए है अगर कल को इक्को टूरिसम का निर्माण कार्य होता है तो इससे पर्यटन के लिए भी बढ़ावा मिलेगा उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश मैं अगर वाटर ट्रांसपोर्ट शुरू हुआ तो हिमाचल का ये पहला वाटर ट्रांसपोर्ट बनेगा


परिवहन, खेल एवं वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने बताया कि जिला के तत्तापानी से लेकर बिलासपुर के कसोल तक कोलडैम का दौरा करके इस सुविधा को मूर्तरूप देने की संभावनाएं तलाशी हैं। प्रदेश के जलाशयों में वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करने के लिए इनलैंड वाटरबेस आथॉरिटी ऑफ इंडिया ने स्वीकृति भी दे दी है और इसकी डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है। यह सुविधा आरंभ होने के बाद लोगों का कई घंटों का सफर मिनटों में होगा और क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जा सकेगा।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में वाटर ट्रांसपोर्ट की संभावनाओं को काफी पहले से तलाशा हुआ है। सरकार का मानना है कि बड़े बांधों में यदि लोगों को परिवहन की सुविधा मिलती है तो इन क्षेत्रों में पर्यटन व धार्मिक पर्यटन के अलावा स्थानीय लोगों के धन व समय की बचत की जा सकती है। इसी के मद्देनजर वीरवार को प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने इनलैंड वाटरबेस अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ तत्तापानी से बिलासपुर तक का सफर किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस योजना को शीघ्र-अतिशीघ्र आरंभ किया जाए ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि सरकार की योजना है कि लोगों को सड़क परिवहन के साथ वाटर ट्रांसपोर्ट की वैकल्पिक सुविधा मिले। यह योजना प्रदेश के चार बड़े जलाशयों कोलडैम, गोबिंदसागर, चमेरा और पौंग डैम में आरंभ करना प्रस्तावित है। कोलडैम का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि तत्तापानी से बिलासपुर के कसोल तक करीब 32 किलोमीटर लंबी झील में लोगों को वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका सड़क मार्ग से सफर करीब साढ़े तीन घंटे कम हो जाएगा।

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