ETV Bharat / state

घुमारवीं: मंत्री राजेंद्र गर्ग के करीबी राकेश चोपड़ा को AAP ने दिया टिकट, बदले समीकरण

बिलासपुर जनपद की घुमारवीं विधानसभा सीट का चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता व मंत्री राजेंद्र गर्ग की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि गर्ग के करीबी रहे राकेश चोपड़ा आम आदमी पार्टी से चुनावी मैदान में कूदे हैं. ऐसे में घुमारवीं सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है.

himachal-assembly-election-2022
himachal-assembly-election-2022
author img

By

Published : Oct 20, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Oct 20, 2022, 8:55 PM IST

बिलासपुर: घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी मंत्री राजेंद्र गर्ग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन थामने वरिष्ठ नेता राकेश चोपड़ा ने मंत्री गर्ग के खिलाफ ताल ठोंक दी है. मंत्री राजेंद्र गर्ग घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. तो वहीं, कभी मंत्री राजेंद्र गर्ग के करीबी रहे वरिष्ठ नेता राकेश चोपड़ा आमने सामने हैं. साल 2017 के चुनावों में मंत्री राजेंद्र गर्ग को जीत दिलाने में राकेश चोपड़ा की अहम भूमिका रही थी, लेकिन राजेंद्र गर्ग के मंत्री बनने के कुछ समय के बाद राजेंद्र गर्ग और राकेश चोपड़ा के बीच दरार आने लगी.

राकेश चोपड़ा ने जनसभा में ललकारा: राकेश चोपड़ा ने तो एक जनसभा में सरेआम मंत्री गर्ग को विधानसभा चुनावों की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव दूर नहीं है, तो चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा. हालांकि, हिमाचल सरकार राकेश चोपड़ा को किसी विभाग के चेयरमैन की जिम्मेदारी दे रही थी राकेश चोपड़ा ने इस पद को ठुकरा दिया था. उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दिया था. ऐसे में राकेश चोपड़ा मंत्री राजेंद्र एक दूसरे की बगावत पर उतर आए थे. इस बार घुमारवीं सीट से राकेश चोपड़ा और भाजपा नेता विक्रम शर्मा अलग हो गए हैं, ऐसे में मंत्री राजेंद्र गर्ग की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है.

himachal-assembly-election-2022
घुमारवीं विधानसभा सीट का हाल

राकेश चोपड़ा इसलिए नाराज: राकेश चोपड़ा नगर परिषद घुमारवीं के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में हिमाचल सरकार ने उन्हें हिमुडा का अध्यक्ष बनाए जाने का भी ऑफर दिया गया लेकिन राकेश चोपड़ा ने इस सभी पदों को स्वीकार नहीं किया. राकेश चोपड़ा का कहना था कि सरकार में अनकी उनदेखी की जा रही है. इसीलिए उन्होंने सारे पद ठुकरा दिए. शायद इसी अनदेखी की वजह से राकेश चोपड़ा ने बीजेपी का साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है.

भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं: राकेश चोपड़ा का बगावत करना मंत्री राजेंद्र गर्ग को भारी पड़ सकता है, क्योंकि राकेश चोपड़ा की भी जमीन से जुड़े हुए नेताओं में शुमार है. चोपड़ा का घुमारवीं विधानसभा सीट (Ghumarwin Assembly Seat) में अच्छा खासा वोट बैंक है. ऐसे में राजेंद्र गर्ग की राह आसान नहीं है. निकालना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा. वहीं, एकजुटता का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा के लिए घुमारवीं दूर की कौड़ी साबित हो सकता है.
पढ़ें- 1 Seat 2 Minute: हॉट सीट सराज पर मुकाबला होगा दिलचस्प, एक बार फिर दो ठाकुर एक दूसरे के खिलाफ ठोकेंगे ताल

कांग्रेस का कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग पर आरोप: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक राजेश धर्माणी लगातार राजेंद्र गर्ग के खिलाफ कड़े बयानबाजी कर रहे हैं. साथ ही उनके ही विभाग में करोड़ों रुपये के घोटालों के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस कमेटी ने राजेश धर्माणी को चार्जशीट मेंबर कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. धर्माणी का कहना है कि मंत्री के विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटालों को चार्जशीट में पहले चरण में रखा गया है.

लगातार दो बार चुनाव जीते राजेश धर्माणी: कांग्रेस के राजेश धर्माणी घुमारवीं विधानसभा सीट से लगातार दो बार (2007 और 2012) बार चुनाव जीते. युवा और तेजतर्रार होने की वजह से उन्हें सीपीएस भी बनाया गया. दूसरे राज्यों में प्रभारी भी बनाये गए लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह (Himachal Former CM Virbhadra Singh) से 36 का आंकड़ा रहने की वजह से मंत्री पद हासिल नहीं कर पाए.

himachal-assembly-election-2022
घुमारवीं विधानसभा सीट का इतिहास

2017 में वोटों का समीकरण: बीते विधानसभा चुनावों में घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र (Ghumarwin Assembly Constituency) में मंत्री राजेंद्र गर्ग को कुल 34,846 वोट पड़े थे. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश धर्माणी को 24,411 वोट पड़े. निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश कुमार को कुल 475 वोट मिले थे. इसके अलावा 390 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया. कुल मिलाकर घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में 60,395 लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया.

घुमारवीं सीट पर अब तक इन्हें मिली जीत: साल 1977 में यहां से जनता पार्टी की ओर से नारायण सिंह स्वामी भाजपा के पहले विधायक बने, जिसमें कुल 30,292 लोगों ने मतदान किया और 65.6 प्रतिशत ही मतदान हुआ था. वहीं, दूसरी बार भी नारायण सिंह स्वामी 1982 में फिर से भाजपा के विधायक बने. उसके बाद साल 1985 में कश्मीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने. उस समय 34,857 मतदाताओं ने मतदान किया था और 74.3 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

उसके बाद कर्मदेव धर्माणी 1990 में भाजपा के विधायक बने. उस समय में 46,318 लोगों ने मतदान किया था. 68 प्रतिशत मतदान किया गया था. उसके बाद 1993 में कश्मीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने और वह 1998 भी कश्मीर सिंह ने कांग्रेस से इस सीट पर जीत हासिल की थी. उसके बाद 2003 में कर्मदेव धर्माणी भाजपा से फिर से विधायक चुने गए. साल 2007 में राजेश धर्माणी कांग्रेस से विधायक चुने गए. साल 2012 के चुनावों में भी राजेश धर्माणी विजेता रहे. वहीं, साल 2017 में भाजपा से राजेंद्र गर्ग इस सीट पर विधायक चुने गए.

बिलासपुर: घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी मंत्री राजेंद्र गर्ग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी छोड़ आम आदमी पार्टी का दामन थामने वरिष्ठ नेता राकेश चोपड़ा ने मंत्री गर्ग के खिलाफ ताल ठोंक दी है. मंत्री राजेंद्र गर्ग घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. तो वहीं, कभी मंत्री राजेंद्र गर्ग के करीबी रहे वरिष्ठ नेता राकेश चोपड़ा आमने सामने हैं. साल 2017 के चुनावों में मंत्री राजेंद्र गर्ग को जीत दिलाने में राकेश चोपड़ा की अहम भूमिका रही थी, लेकिन राजेंद्र गर्ग के मंत्री बनने के कुछ समय के बाद राजेंद्र गर्ग और राकेश चोपड़ा के बीच दरार आने लगी.

राकेश चोपड़ा ने जनसभा में ललकारा: राकेश चोपड़ा ने तो एक जनसभा में सरेआम मंत्री गर्ग को विधानसभा चुनावों की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव दूर नहीं है, तो चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा. हालांकि, हिमाचल सरकार राकेश चोपड़ा को किसी विभाग के चेयरमैन की जिम्मेदारी दे रही थी राकेश चोपड़ा ने इस पद को ठुकरा दिया था. उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दिया था. ऐसे में राकेश चोपड़ा मंत्री राजेंद्र एक दूसरे की बगावत पर उतर आए थे. इस बार घुमारवीं सीट से राकेश चोपड़ा और भाजपा नेता विक्रम शर्मा अलग हो गए हैं, ऐसे में मंत्री राजेंद्र गर्ग की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है.

himachal-assembly-election-2022
घुमारवीं विधानसभा सीट का हाल

राकेश चोपड़ा इसलिए नाराज: राकेश चोपड़ा नगर परिषद घुमारवीं के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में हिमाचल सरकार ने उन्हें हिमुडा का अध्यक्ष बनाए जाने का भी ऑफर दिया गया लेकिन राकेश चोपड़ा ने इस सभी पदों को स्वीकार नहीं किया. राकेश चोपड़ा का कहना था कि सरकार में अनकी उनदेखी की जा रही है. इसीलिए उन्होंने सारे पद ठुकरा दिए. शायद इसी अनदेखी की वजह से राकेश चोपड़ा ने बीजेपी का साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है.

भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं: राकेश चोपड़ा का बगावत करना मंत्री राजेंद्र गर्ग को भारी पड़ सकता है, क्योंकि राकेश चोपड़ा की भी जमीन से जुड़े हुए नेताओं में शुमार है. चोपड़ा का घुमारवीं विधानसभा सीट (Ghumarwin Assembly Seat) में अच्छा खासा वोट बैंक है. ऐसे में राजेंद्र गर्ग की राह आसान नहीं है. निकालना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा. वहीं, एकजुटता का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा के लिए घुमारवीं दूर की कौड़ी साबित हो सकता है.
पढ़ें- 1 Seat 2 Minute: हॉट सीट सराज पर मुकाबला होगा दिलचस्प, एक बार फिर दो ठाकुर एक दूसरे के खिलाफ ठोकेंगे ताल

कांग्रेस का कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग पर आरोप: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक राजेश धर्माणी लगातार राजेंद्र गर्ग के खिलाफ कड़े बयानबाजी कर रहे हैं. साथ ही उनके ही विभाग में करोड़ों रुपये के घोटालों के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस कमेटी ने राजेश धर्माणी को चार्जशीट मेंबर कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. धर्माणी का कहना है कि मंत्री के विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटालों को चार्जशीट में पहले चरण में रखा गया है.

लगातार दो बार चुनाव जीते राजेश धर्माणी: कांग्रेस के राजेश धर्माणी घुमारवीं विधानसभा सीट से लगातार दो बार (2007 और 2012) बार चुनाव जीते. युवा और तेजतर्रार होने की वजह से उन्हें सीपीएस भी बनाया गया. दूसरे राज्यों में प्रभारी भी बनाये गए लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह (Himachal Former CM Virbhadra Singh) से 36 का आंकड़ा रहने की वजह से मंत्री पद हासिल नहीं कर पाए.

himachal-assembly-election-2022
घुमारवीं विधानसभा सीट का इतिहास

2017 में वोटों का समीकरण: बीते विधानसभा चुनावों में घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र (Ghumarwin Assembly Constituency) में मंत्री राजेंद्र गर्ग को कुल 34,846 वोट पड़े थे. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश धर्माणी को 24,411 वोट पड़े. निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश कुमार को कुल 475 वोट मिले थे. इसके अलावा 390 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया. कुल मिलाकर घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में 60,395 लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया.

घुमारवीं सीट पर अब तक इन्हें मिली जीत: साल 1977 में यहां से जनता पार्टी की ओर से नारायण सिंह स्वामी भाजपा के पहले विधायक बने, जिसमें कुल 30,292 लोगों ने मतदान किया और 65.6 प्रतिशत ही मतदान हुआ था. वहीं, दूसरी बार भी नारायण सिंह स्वामी 1982 में फिर से भाजपा के विधायक बने. उसके बाद साल 1985 में कश्मीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने. उस समय 34,857 मतदाताओं ने मतदान किया था और 74.3 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था.

उसके बाद कर्मदेव धर्माणी 1990 में भाजपा के विधायक बने. उस समय में 46,318 लोगों ने मतदान किया था. 68 प्रतिशत मतदान किया गया था. उसके बाद 1993 में कश्मीर सिंह कांग्रेस से विधायक बने और वह 1998 भी कश्मीर सिंह ने कांग्रेस से इस सीट पर जीत हासिल की थी. उसके बाद 2003 में कर्मदेव धर्माणी भाजपा से फिर से विधायक चुने गए. साल 2007 में राजेश धर्माणी कांग्रेस से विधायक चुने गए. साल 2012 के चुनावों में भी राजेश धर्माणी विजेता रहे. वहीं, साल 2017 में भाजपा से राजेंद्र गर्ग इस सीट पर विधायक चुने गए.

Last Updated : Oct 20, 2022, 8:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.