बिलासपुर: हेड क्वार्टर डीएसपी संजय शर्मा को 11 फरवरी को राज भवन शिमला में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सम्मानित करेंगे. यह सम्मान उन्हें पुलिस विभाग में उत्कृष्ट व बेहतरीन सेवाएं देने के लिए दिया जाएगा.
1990 में एएसआई पद पर अपनी सेवाएं शुरू करने वाले डीएसपी संजय शर्मा सुंदरनगर के भोजपुर गांव के रहने वाले हैं. डायरेक्ट एसआई भर्ती होने के बाद संजय शर्मा का शुरुआती कार्यकाल काफी चुनौतियों भरा रहा. 1993 में बरमाणा थाना प्रभारी के पद पर सेवाएं देने पर उन्होंने एक हत्या के मामले को बहुत जल्दी सुलझा कर राजस्थान से आरोपियों को पकड़ लाए थे. इस पर बिलासपुर प्रशासन द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया था.
वहीं, डीएसपी संजय शर्मा ने 1998 में बैजनाथ थाना प्रभारी होने पर एक जंगल से आंतकवादी को भी पकड़ा था. लगातार 9 घंटे जंगल में चले रेस्क्यू के बाद संजय शर्मा ने अपनी टीम के साथ आतंकवादी को गिरफ्तार किया था.
बता दें कि डीएसपी संजय शर्मा ने 2007 में रोहतांग दर्रा में बर्फ के तूफान में फंसे 382 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला था. इसे लेकर मनाली प्रशासन द्वारा संजय शर्मा को सम्मानित भी किया गया. वहीं, अपने उत्कृष्ट कार्य को लेकर 2015-18 के कार्यकाल में वे लाहौल स्पीति में बतौर चुनाव में नोडल अधिकारी भी नियुक्त हुए थे. लाहौल स्पीति में डीएसपी संजय शर्मा ने विजिलेंस का अतिरिक्त कार्यभार भी देखा है.
गौरतलब है कि वर्तमान में तैनात डीएसपी बिलासपुर संजय शर्मा बहुत ही मधुरवाणी के साथ साथ सरलता से काम करने वाले अधिकारी हैं. जनता के बीच रहने वाले डीएसपी संजय शर्मा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. डीएसपी संजय शर्मा को मिलने वाला यह अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिया जाना था, लेकिन यह अवार्ड देने के लिए हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को राष्ट्रपति की ओर से आदेश जारी किए गए. इसके चलते यह अवार्ड अब राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा दिया जाएगा. वहीं, डीएसपी संजय शर्मा को इस अवार्ड के लिए प्रेस क्लब बिलासपुर की ओर से शुभकामनाएं भी दी गई है.
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