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दंत चिकित्सकों के लिए नई गाइडलाइन, एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसिजर कम यूज करने के आदेश

कोरोना वायरस के चलते दंतों से संबंधित मरीजों का ईलाज करने के लिए अलग से गाइडलाइन है. डायरेक्टरेट हेल्थ की ओर से जारी आदेशानुसार अब दंत चिकित्सक को एरासोल जर्नेटिंग प्रोसिजर की यूज बहुत कम करना है यानि की दांतों का ईलाज करने के लिए अब उनका टर्टीमेंट कम करना है, जितना संभव हो सके तो दवाइयों के माध्यम से मरीजों का ईलाज करना है.

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Published : Jun 10, 2020, 10:30 AM IST

Updated : Jun 28, 2020, 12:57 PM IST

Dental patients will be treated only in a emergency
अधिक आपातकाल स्थिति में ही दंत मरीजों का होगा इलाज.

बिलासपुर: कोरोना वायरस ने दंत चिकित्सकों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में आकर दंत चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते दांतों से संबंधित मरीजों का इलाज करने के लिए अलग से गाइडलाइन है.

डायरेक्टरेट हेल्थ की ओर से जारी आदेशानुसार अब दंत चिकित्सक को एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसीजर का यूज बहुत कम करना है, यानि की दांतों का इलाज करने के लिए अब उनका ट्रीटमेंट कम करना है, जितना संभव हो सके तो दवाइयों के माध्यम से मरीजों का इलाज करना होगा.

अगर कोई बहुत ही आपातकाल स्थिति जैसे की मुंह में पस पड़ जाना इत्यादि हो तभी मरीज को को एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसीजर के माध्यम से उपचार दिया जाएगा.

वीडियो.

बिलासपुर अस्पताल में तैनात दंत विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत आचार्य ने बताया कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को पूरा किया जा रहा है. अगर बहुत ही जरूरी हो तो पीपीई किट्स डालकर मरीजों को इलाज किया जा रहा है. वहीं, उन्होंने यह भी साफ किया है कि इलाज अब अधिकतर दवाइयों के माध्यम से ही किया जा रहा है.

डॉ. आचार्य का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे अधिक स्लाइवा यानि की थूक के माध्यम से फैलता है, जबकि दांतों के इलाज में मरीज के स्लाइवा के साथ चिकित्सक का सीधा संपर्क होता है, जिसके चलते यह संक्रमण अधिक फैलने का भय बना हुआ होता है.

उन्होंने बताया कि वैसे तो बिलासपुर अस्पताल में सामान्य ओपीडी की तरह दंत ओपोडी भी चली हुई हैं, लेकिन अन्य चिकित्सकों व ओपीडी की गाइडलाइन के मुताबिक दंत चिकित्सकों के लिए अलग से गाइडलाइन है, जिसके माध्यम से ही लोगों का इलाज यहां पर किया जा रहा है.

डॉ. प्रशांत आचार्य ओपीडी में सेवाएं देने के साथ-साथ भरते हैं कोविड के सैंपल

दंत चिकित्सक डॉ. प्रकाश आचार्य दंत ओपीडी में सेवाएं देने के बावजूद भी वह कोविड कोरोना वायरस के सैंपल प्रक्रिया में भी मुख्य भूमिका निभा रहे है. डॉ. आचार्य अपनी ओपीडी में काम करने के बाद कोविड सैंपल में भी काम कर रहे हैं. जिला के विभिन्न स्थानों पर प्रतिदिन जाकर कोविड के सैंपल भरते हैं. डॉ आचार्य के इस जज्बे को ईटीवी भारत का सल्लाम करती है.

कोविड-19 के दौर में 400 मरीजों का कर चुके हैं इलाज

कोविड-19 के चलते डॉ. प्रशांत आचार्य अभी तक 400 मरीजों का इलाज कर चुके है. प्रतिदिन इनकी ओपीडी में 20 से 25 मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. यह सभी मरीजों का इलाज करने के बाद कोविड सैंपल भरने के लिए भी निकलते है. वहीं, डॉ. आचार्य ने कैंसर बीमारी के मरीजों का भी अपनी ओपीडी मे इलाज किया हुआ है.

बिलासपुर: कोरोना वायरस ने दंत चिकित्सकों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में आकर दंत चिकित्सक मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते दांतों से संबंधित मरीजों का इलाज करने के लिए अलग से गाइडलाइन है.

डायरेक्टरेट हेल्थ की ओर से जारी आदेशानुसार अब दंत चिकित्सक को एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसीजर का यूज बहुत कम करना है, यानि की दांतों का इलाज करने के लिए अब उनका ट्रीटमेंट कम करना है, जितना संभव हो सके तो दवाइयों के माध्यम से मरीजों का इलाज करना होगा.

अगर कोई बहुत ही आपातकाल स्थिति जैसे की मुंह में पस पड़ जाना इत्यादि हो तभी मरीज को को एरोसोल जर्नेटिंग प्रोसीजर के माध्यम से उपचार दिया जाएगा.

वीडियो.

बिलासपुर अस्पताल में तैनात दंत विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत आचार्य ने बताया कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को पूरा किया जा रहा है. अगर बहुत ही जरूरी हो तो पीपीई किट्स डालकर मरीजों को इलाज किया जा रहा है. वहीं, उन्होंने यह भी साफ किया है कि इलाज अब अधिकतर दवाइयों के माध्यम से ही किया जा रहा है.

डॉ. आचार्य का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे अधिक स्लाइवा यानि की थूक के माध्यम से फैलता है, जबकि दांतों के इलाज में मरीज के स्लाइवा के साथ चिकित्सक का सीधा संपर्क होता है, जिसके चलते यह संक्रमण अधिक फैलने का भय बना हुआ होता है.

उन्होंने बताया कि वैसे तो बिलासपुर अस्पताल में सामान्य ओपीडी की तरह दंत ओपोडी भी चली हुई हैं, लेकिन अन्य चिकित्सकों व ओपीडी की गाइडलाइन के मुताबिक दंत चिकित्सकों के लिए अलग से गाइडलाइन है, जिसके माध्यम से ही लोगों का इलाज यहां पर किया जा रहा है.

डॉ. प्रशांत आचार्य ओपीडी में सेवाएं देने के साथ-साथ भरते हैं कोविड के सैंपल

दंत चिकित्सक डॉ. प्रकाश आचार्य दंत ओपीडी में सेवाएं देने के बावजूद भी वह कोविड कोरोना वायरस के सैंपल प्रक्रिया में भी मुख्य भूमिका निभा रहे है. डॉ. आचार्य अपनी ओपीडी में काम करने के बाद कोविड सैंपल में भी काम कर रहे हैं. जिला के विभिन्न स्थानों पर प्रतिदिन जाकर कोविड के सैंपल भरते हैं. डॉ आचार्य के इस जज्बे को ईटीवी भारत का सल्लाम करती है.

कोविड-19 के दौर में 400 मरीजों का कर चुके हैं इलाज

कोविड-19 के चलते डॉ. प्रशांत आचार्य अभी तक 400 मरीजों का इलाज कर चुके है. प्रतिदिन इनकी ओपीडी में 20 से 25 मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं. यह सभी मरीजों का इलाज करने के बाद कोविड सैंपल भरने के लिए भी निकलते है. वहीं, डॉ. आचार्य ने कैंसर बीमारी के मरीजों का भी अपनी ओपीडी मे इलाज किया हुआ है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 12:57 PM IST
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