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बिलासपुर में 19.2 प्रति हजार व्यक्ति की दर से हो रहे कोरोना टेस्ट, राष्ट्रीय औसत 17.4

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Published : Aug 12, 2020, 5:50 PM IST

बिलासपुर के जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला से अब तक 7457 लोगों के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आईजीएमसी लैब शिमला भेजे जा चुके हैं. जिला बिलासपुर में कोविड-19 के लिए जाने वाले सैंपल की औसत 19.2 प्रति हजार व्यक्ति है, जबकि राष्ट्रीय औसत 17.4 है.

civil hospital bilaspur
civil hospital bilaspur

बिलासपुर: जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला से अब तक 7457 लोगों के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आईजीएमसी लैब शिमला भेजे गए. उनमें से 7157 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 148 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है.

इसके अलावा 158 सैंपल जांच के लिए शिमला भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. वहीं, 80 लोग अभी तक कोरोना से निजात पा चुके हैं और संगरोध केंद्रों में 68 मरीजों का इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों का आना जाना लगातार जारी है.

सभी लोगों की बॉर्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है और सरकार के आदेशानुसार जो लोग रेड जोन क्षेत्र से आ रहे हैं, उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जा रहा है और पांच से सात दिनों के अंदर उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.

इसके बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें होम क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है और बाकी को डॉक्टर की अनुमति के हिसाब से उनका क्वारंटाइन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में कोविड-19 के लिए जाने वाले सैंपल की औसत 19.2 प्रति हजार व्यक्ति है, जबकि राष्ट्रीय औसत 17.4 है.

कोरोना टेस्टिंग रेट में हिमाचल में छठे स्थान पर है बिलासपुर

सैंपल की औसत से प्रदेश में जिला बिलासपुर छठवें स्थान पर है. उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में जिन लोगों को इंस्टीट्यूशनल संगरोध में रखा जाता है उनका प्रतिदिन चिकित्सा अधिकारी तथा हैल्थ सुपरवाइजर द्वारा निरीक्षण किया जाता है.

इसी प्रकार होम क्वारंटाइन में रखे गए लोगों के स्वास्थ्य का निरीक्षण प्रतिदिन दो बार स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य के लिए इन स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारियों को सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं जैसे मास्क, गल्बज व सेनिटाइजर दिए जाते हैं.

सरकार के नियमों के अनुसार हो रही है कोरोना टेस्टिंग

साथ ही जिला बिलासपुर में सैंपल लेने की व्यवस्था सरकार के नियमों के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से की जा रही है. इंस्टीट्यूशनल और होम क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाती है.

जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में हैं, वह कोरोना टेस्ट होने के बाद तब तक घर में ही रहें जब तक उसकी रिपोर्ट न आ जाए. जो व्यक्ति पहले से ही होम क्वारंटाइन में हैं, वे घर से बाहर न निकलें ताकि कोरोना न फैले. यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लघंन करता है, तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग पुलिस विभाग व जिला प्रशासन को दें.

सीएमओ बिलासपुर ने की लोगों से अपील

सीएमओ बिलासपुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी कोरोना प्रभावित व्यक्ति से भेदभाव न करें उनके साथ अच्छा व्यवहार करें और हर तरह से उनकी मदद करें, क्योंकि ठीक होने पर वे आम लोगों की तरह स्वस्थ हो जाते हैं वे फिर किसी को संक्रमण नहीं फैलाते अन्य सावधानियां हर तरह से जरूरी हैं.

आम जनता में किसी को भी बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो तो वो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर बताएं. अगर वे कोरोना टेस्ट के लिए कहें तो उनके द्वारा बताए गए स्वास्थ्य संस्थान में जाकर अपना टेस्ट अवश्य करवाएं.

इसके अलावा सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी व मास्क अनिवार्य है. घर से बाहर जाने पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना भी दंडनीय अपराध है. सभी को इन बातों का पालन करना चाहिए.

पढ़ें: हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज व AIIMS का निर्माण कार्य बंद, रेलवेलाइन-फोरलेन भी नहीं पकड़ पाए रफ्तार

बिलासपुर: जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला से अब तक 7457 लोगों के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आईजीएमसी लैब शिमला भेजे गए. उनमें से 7157 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 148 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है.

इसके अलावा 158 सैंपल जांच के लिए शिमला भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. वहीं, 80 लोग अभी तक कोरोना से निजात पा चुके हैं और संगरोध केंद्रों में 68 मरीजों का इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों का आना जाना लगातार जारी है.

सभी लोगों की बॉर्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है और सरकार के आदेशानुसार जो लोग रेड जोन क्षेत्र से आ रहे हैं, उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जा रहा है और पांच से सात दिनों के अंदर उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.

इसके बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें होम क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है और बाकी को डॉक्टर की अनुमति के हिसाब से उनका क्वारंटाइन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में कोविड-19 के लिए जाने वाले सैंपल की औसत 19.2 प्रति हजार व्यक्ति है, जबकि राष्ट्रीय औसत 17.4 है.

कोरोना टेस्टिंग रेट में हिमाचल में छठे स्थान पर है बिलासपुर

सैंपल की औसत से प्रदेश में जिला बिलासपुर छठवें स्थान पर है. उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में जिन लोगों को इंस्टीट्यूशनल संगरोध में रखा जाता है उनका प्रतिदिन चिकित्सा अधिकारी तथा हैल्थ सुपरवाइजर द्वारा निरीक्षण किया जाता है.

इसी प्रकार होम क्वारंटाइन में रखे गए लोगों के स्वास्थ्य का निरीक्षण प्रतिदिन दो बार स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य के लिए इन स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारियों को सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं जैसे मास्क, गल्बज व सेनिटाइजर दिए जाते हैं.

सरकार के नियमों के अनुसार हो रही है कोरोना टेस्टिंग

साथ ही जिला बिलासपुर में सैंपल लेने की व्यवस्था सरकार के नियमों के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से की जा रही है. इंस्टीट्यूशनल और होम क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाती है.

जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में हैं, वह कोरोना टेस्ट होने के बाद तब तक घर में ही रहें जब तक उसकी रिपोर्ट न आ जाए. जो व्यक्ति पहले से ही होम क्वारंटाइन में हैं, वे घर से बाहर न निकलें ताकि कोरोना न फैले. यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लघंन करता है, तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग पुलिस विभाग व जिला प्रशासन को दें.

सीएमओ बिलासपुर ने की लोगों से अपील

सीएमओ बिलासपुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी कोरोना प्रभावित व्यक्ति से भेदभाव न करें उनके साथ अच्छा व्यवहार करें और हर तरह से उनकी मदद करें, क्योंकि ठीक होने पर वे आम लोगों की तरह स्वस्थ हो जाते हैं वे फिर किसी को संक्रमण नहीं फैलाते अन्य सावधानियां हर तरह से जरूरी हैं.

आम जनता में किसी को भी बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो तो वो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर बताएं. अगर वे कोरोना टेस्ट के लिए कहें तो उनके द्वारा बताए गए स्वास्थ्य संस्थान में जाकर अपना टेस्ट अवश्य करवाएं.

इसके अलावा सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी व मास्क अनिवार्य है. घर से बाहर जाने पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना भी दंडनीय अपराध है. सभी को इन बातों का पालन करना चाहिए.

पढ़ें: हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज व AIIMS का निर्माण कार्य बंद, रेलवेलाइन-फोरलेन भी नहीं पकड़ पाए रफ्तार

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