ETV Bharat / state

हिमाचल प्रदेश: बरमाणा एसीसी सीमेंट प्लांट में ताला, कंपनी प्रबंधन ने दिया नोटिस - acc cement factory barmana

बरमाणा एसीसी सीमेंट प्लांट 15 दिसंबर से बंद रहेगा. प्लांट पर ताला लगा दिया गया है. एसीसी प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों और कामगारों को 15 दिसंबर से काम पर न आने का फरमान जारी हुआ है. नोटिस के तहत जब तक हालात में सुधार नहीं आता तब तक कम काम पर न लौटने और आदेश का इंतजार करने को कहा गया है.

barmana acc cement factory closed from today
बरमाणा एसीसी सीमेंट फैक्टरी बंद
author img

By

Published : Dec 14, 2022, 8:44 PM IST

Updated : Dec 14, 2022, 10:54 PM IST

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में स्थित एसीसी प्लांट प्रबंधन ने घाटे का हवाला देते हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरमाणा स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट में तत्काल प्रभाव से सभी गतिविधियों को बंद कर दिया है. प्लांट हेड ने नोटिस जारी कर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से मना कर दिया है. इस फैसले से प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों और ट्रक ऑपरेटरों पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा.

एसीसी प्रबंधन ने शाम पांच बजे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को नोटिस वितरित कर दिए हैं. नोटिस में लिखा है कि 'प्रिय कर्मचारी, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि परिचालन लागत (परिवहन और कच्चे माल की लागत) में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण सीमेंट की ढुलाई में भारी कमी आई है. इसके परिणामस्वरूप सीमेंट का बहुत खराब प्रेषण हुआ. इससे हमारे बाजार हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसके परिणामस्वरूप कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है. उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रबंधन संयंत्र के संचालन और गग्गल सीमेंट प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए मजबूर हैं. अतः सभी कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि अगले निर्देश तक तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर उपस्थित न हों.

एसीसी की गगल इकाई जो 1984 से स्थापित है उसको कुछ साल पहले विदेशी कंपनी होलसिम वलाफार्ज रन कर रही थी और अब अडानी समूह का हिस्सा बन गई हैं. अब सीमेंट्स कंपनियों व ट्रांसपोटर्स के बीच तालमेल बनाने के लिए सुधार करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन बात सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है. बरमाणा एसीसी सीमेंट उद्योग जिले के साथ साथ राज्य के विकास में भी एक अहम रोल है और हिमाचल प्रदेश के अलावा आसपास के सीमावर्ती राज्यों में भी बड़ी संख्या में परिवार निर्भर है. हालांकि वर्षों से इंडस्ट्री ने ट्रांसपोर्ट वैल्यू चेन का समर्थन किया, लेकिन अब एसीसी की गगल इकाई से ट्रांसपोर्टर्स को सही ढुलाई का कार्य न मिलने से इकाई के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

barmana acc cement factory closed from today
एसीसी कंपनी द्वारा कर्मचारियों को जारी नोटिस.

एसीसी गगल सीमेंट इकाई से सीमेंट की ढुलाई कर रहे ट्रांसपोर्टर्स को पिछले कई दिनों से सही सीमेंट ढुलाई का कार्य नहीं मिल रहा है. ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें तथा परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. (ACC Company Management) (Acc cement bilaspur) (adani shuts down acc cement unit) इसके अलावा उन्होंने एसीसी कंपनी प्रबंधन को भी कोसते रहे कि कंपनी धीरे धीरे उनके काम को छीनकर बाहारी पार्टियों को दे रही है जोकि की सीधे तौर पर बीडीटीएस ट्रक ऑपरेटर्स और उनके परिवार का निवाला तक छीनने पर उतारू है. पहले एसीसी द्वारा 15,000 मीट्रिक टन सीमेंट व क्लिंकर जिसमें 13,000 मीट्रिक टन सीमेंट व दो हजार मीट्रिक टन क्लिंकर की डिमांड देने का अनुबंध था. पिछले दिनों बीडीटीएस यूनियन के सदस्यों व एसीसी प्रबंधन का आपस में समझौता भी हुआ था कि प्रतिदिन बीडीटीएस यूनियन के ट्रकों को 08 हजार मीट्रिक टन सीमेंट व 02 हजार मीट्रिक टन क्लिंकर दिया जाएगा, लेकिन समझौते के अनुसार इन्हें सीमेंट व क्लिंकर नहीं दिया जा रहा था.

बावजूद इसके एसीसी उससे आधे से भी कम डिमांड सभा को प्रदान कर रही है और इसमें भी लंबी दूरी की सारी डिमांड जो सभा को प्राप्त होती थी, वह नाम मात्र सभा को दी जा रही है. हिमाचल की सारी डिमांड लोकल डम्पों बग्गी, धनोटू, उखली, ढाबन धामी, फतेहपुर तक सीमित कर दी गई है. सभी बड़े डम्पों पर सीमेंट की आपूर्ति बंद ही यानि के नाम मात्र रह गई है. इससे ऑपरेटरों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें तथा परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पहुंचने पर सीएम सुक्खू का जोरदार स्वागत, प्रभारी राजीव शुक्ला से की मुलाकात

बिलासपुर: जिला बिलासपुर में स्थित एसीसी प्लांट प्रबंधन ने घाटे का हवाला देते हुए हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरमाणा स्थित एसीसी सीमेंट प्लांट में तत्काल प्रभाव से सभी गतिविधियों को बंद कर दिया है. प्लांट हेड ने नोटिस जारी कर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से मना कर दिया है. इस फैसले से प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों और ट्रक ऑपरेटरों पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा.

एसीसी प्रबंधन ने शाम पांच बजे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को नोटिस वितरित कर दिए हैं. नोटिस में लिखा है कि 'प्रिय कर्मचारी, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि परिचालन लागत (परिवहन और कच्चे माल की लागत) में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण सीमेंट की ढुलाई में भारी कमी आई है. इसके परिणामस्वरूप सीमेंट का बहुत खराब प्रेषण हुआ. इससे हमारे बाजार हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसके परिणामस्वरूप कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है. उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रबंधन संयंत्र के संचालन और गग्गल सीमेंट प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए मजबूर हैं. अतः सभी कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि अगले निर्देश तक तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर उपस्थित न हों.

एसीसी की गगल इकाई जो 1984 से स्थापित है उसको कुछ साल पहले विदेशी कंपनी होलसिम वलाफार्ज रन कर रही थी और अब अडानी समूह का हिस्सा बन गई हैं. अब सीमेंट्स कंपनियों व ट्रांसपोटर्स के बीच तालमेल बनाने के लिए सुधार करने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन बात सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है. बरमाणा एसीसी सीमेंट उद्योग जिले के साथ साथ राज्य के विकास में भी एक अहम रोल है और हिमाचल प्रदेश के अलावा आसपास के सीमावर्ती राज्यों में भी बड़ी संख्या में परिवार निर्भर है. हालांकि वर्षों से इंडस्ट्री ने ट्रांसपोर्ट वैल्यू चेन का समर्थन किया, लेकिन अब एसीसी की गगल इकाई से ट्रांसपोर्टर्स को सही ढुलाई का कार्य न मिलने से इकाई के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

barmana acc cement factory closed from today
एसीसी कंपनी द्वारा कर्मचारियों को जारी नोटिस.

एसीसी गगल सीमेंट इकाई से सीमेंट की ढुलाई कर रहे ट्रांसपोर्टर्स को पिछले कई दिनों से सही सीमेंट ढुलाई का कार्य नहीं मिल रहा है. ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें तथा परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है. (ACC Company Management) (Acc cement bilaspur) (adani shuts down acc cement unit) इसके अलावा उन्होंने एसीसी कंपनी प्रबंधन को भी कोसते रहे कि कंपनी धीरे धीरे उनके काम को छीनकर बाहारी पार्टियों को दे रही है जोकि की सीधे तौर पर बीडीटीएस ट्रक ऑपरेटर्स और उनके परिवार का निवाला तक छीनने पर उतारू है. पहले एसीसी द्वारा 15,000 मीट्रिक टन सीमेंट व क्लिंकर जिसमें 13,000 मीट्रिक टन सीमेंट व दो हजार मीट्रिक टन क्लिंकर की डिमांड देने का अनुबंध था. पिछले दिनों बीडीटीएस यूनियन के सदस्यों व एसीसी प्रबंधन का आपस में समझौता भी हुआ था कि प्रतिदिन बीडीटीएस यूनियन के ट्रकों को 08 हजार मीट्रिक टन सीमेंट व 02 हजार मीट्रिक टन क्लिंकर दिया जाएगा, लेकिन समझौते के अनुसार इन्हें सीमेंट व क्लिंकर नहीं दिया जा रहा था.

बावजूद इसके एसीसी उससे आधे से भी कम डिमांड सभा को प्रदान कर रही है और इसमें भी लंबी दूरी की सारी डिमांड जो सभा को प्राप्त होती थी, वह नाम मात्र सभा को दी जा रही है. हिमाचल की सारी डिमांड लोकल डम्पों बग्गी, धनोटू, उखली, ढाबन धामी, फतेहपुर तक सीमित कर दी गई है. सभी बड़े डम्पों पर सीमेंट की आपूर्ति बंद ही यानि के नाम मात्र रह गई है. इससे ऑपरेटरों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें तथा परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली पहुंचने पर सीएम सुक्खू का जोरदार स्वागत, प्रभारी राजीव शुक्ला से की मुलाकात

Last Updated : Dec 14, 2022, 10:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.