बिलासपुरः जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त रोहित जम्वाल ने हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट 1994 की धारा 304-एन के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 10 जनवरी को होने वाले स्थानीय निकायों के निर्वाचन के मद्देनजर शस्त्र रखने पर पाबंदी से संबंधित आदेश जारी किए हैं.
आदेशों के अनुसार मतदान दिवस पर मतदान केंद्रों में कार्यरत निर्वाचन अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, कोई भी पुलिस अधिकारी और मतदान केंद्र पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नियुक्त किए गए व्यक्तियों के अतिरिक्त अन्य किसी भी व्यक्ति को मतदान दिवस पर मतदान केंद्र के आसपास किसी भी प्रकार के शस्त्र रखने की अनुमति नहीं होगी.
आदेश नहीं मानने पर होगी 2 साल की सजा
उपायुक्त रोहित जम्वाल ने बताया कि आदेशों की अवहेलना करने पर 2 वर्ष की सजा अथवा जुर्माना या दोनों हो सकते है. उन्होंने बताया कि जिला में बिलासपुर के 11, नयनादेवी के 7 और घुमारवीं नगर परिषद और शाहतलाई नगर पंचायत के सात वार्डों में चुनाव होगा जिसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी एसओपी के तहत कोविड मरीजों के लिए अलग से वोटिंग का प्रावधान रहेगा. जिसके लिए हेल्थ व आशा वर्करों की ड्यूटी लगाई गई हैं, और इसके साथ ही इस बार पोलिंग स्टेशनों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की भी ड्यूटी लगी है. ऐसे में जिला में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव करवाने के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं.
तीन चरणों में होगा चुनाव
पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के बारे में जानकारी देते हुए जिलाधीश ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे. जिला की ग्राम पंचायतों में 17, 19 और 21 जनवरी को वोटिंग होगी. मतदान का समय सुबह आठ बजे से लेकर शाम चार बजे तक रहेगा और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे.
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