बिलासपुर: कोरोना वायरस लॉकडाउन-4 सोमवार से शुरू हो गया है और 31 मई तक के लिए तय किया गया है. 25 मार्च से शुरू हुए इस लॉकडाउन के कारण जहां प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है. वहीं,ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स को भी काफी नुकसान हुआ है. कोविड-19 के चलते संचालकों को हुई आर्थिक मंदी को लेकर ऑटो रिक्शा ऑपरेटर यूनियन ने डीसी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा.
ज्ञापन में यूनियन के प्रधान मोहम्मद ने कहा कि कोविड 19 के चलते ऑटो संचालकों को हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने और ऑटो रिक्शा ऑपरेटर यूनियन के लिए विशेष नीति बनाए जाने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन के चलते ऑटो रिक्शा पिछले करीब दो महीने से किसी काम नहीं आ रहे है, जिस कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है.
संकट की इस घड़ी में न तो वे अपने परिवार का पालन-पोषण सहीं ढ़ग से कर पा रहे हैं और न ही देय टैक्स, बैंक लोन की किश्त, बच्चों की फीस और मकान का किराया दे पा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी आय का साधन एक मात्र ऑटो संचालन ही है.
प्रदेश सरकार से न्यूनतम मजदूरी के तहत 7500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दिए जाने, बैंक लोन की ईएमआई बिना शर्त माफ करने, एक वर्ष के सारे टैक्स और इंश्योरेंस माफ किए जाने का आग्रह किया है.
इसके साथ ही ज्ञापन में पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी और हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों व परिचालकों के लिए बनाई गई विशेष बीमा नीति की तर्ज पर ऑटो ऑपरेटर्स व ऑटो चालकों का बीस लाख रुपये का बीमा करवाएं जाने की मांग की है.