बिलासपुर: देश की सबसे महत्वपूर्ण बिलासपुर-लेह रेललाइन में वन्यप्राणी सेंक्चुरियां भी दिखाई देंगी. सर्वे के अनुसार बिलासपुर-लेह रेल लाइन पर 13 वन्यप्राणी सेंक्चुरियां होंगी. इस ट्रैक के 2 से 10 किमी के दायरे में हिमाचल की 10 और लद्दाख की तीन सेंक्चुरियां आएंगी.
इनमें हिमाचल की 7 और लद्दाख की दो सेंक्चुरी ईको सेंसटिव जोन में शामिल हैं. सभी सेंक्चुरी रेललाइन की जद में आनी थीं, लेकिन उत्तर रेलवे और वन विभाग ने ऐसा प्लान बनाया है कि न केवल इन सेंक्चुरियों को सुरक्षित किया, बल्कि इन क्षेत्रों को रेल ट्रैक का अहम हिस्सा भी बनाया जाएगा, ताकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिले. इससे वन्य प्राणियों को करीब से देखने का मौका मिलेगा.


मिली जानकारी के अनुसार रेल ट्रैक के पास आने वाली सेंक्चुरी हिमाचल में बांदली, चंद्रताल, कैश, कनवर, खोखण, किब्बर, कुगती, मनाली, नागरू, सैंज में वन्य प्राणी सेंक्चुरियां हैं, जहां से ट्रैक बनाया जाएगा. इनमें से 7 सेक्चुरियां ऐसी हैं जो ट्रैक के 7 किलोमीटर के दायरे में होंगी. यह ईको सेंसटिव जोन माना जाता है. लद्दाख के हेमिश नेशनल पार्क, कराकोरम वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी और चांगथंग कोल्ड डिजेर्ट वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में से दो सेंक्चुरी ट्रैक के दो किमी के दायरे में आएंगी.
बिलासपुर-लेह रेललाइन परियोजना निदेशक हरपाल सिंह ने कहा कि अलाइनमेंट सर्वे में विशेष ध्यान रखा कि ट्रैक के अंतर्गत आने वाली वन्यप्राणी सेंक्चुरियों को खत्म करने की बजाय उन्हें सुरक्षित रखा जाएए ताकि ये पर्यटन की दृष्टि से इस रेलमार्ग का अहम हिस्सा बन सकें. हिमाचल में आने वाली सेंक्चुरी की क्लीयरेंस राज्य सरकार से मिल जाएगीए लेकिन लद्दाख की सेंक्चुरी की क्लीयरेंस के लिए केंद्र को आवेदन करना पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- DGP संजय कुंडू ने मां नैनादेवी में टेका माथा, लोगों को सच्चाई का साथ देने का दिया संदेश