ऊना: सेना भर्ती में लिखित परीक्षा (Written Examination of Army Recruitment) का इंतजार कर रहे सैकड़ों युवाओं ने मंगलवार को जिला मुख्यालय के इंदिरा गांधी खेल परिसर से डीसी कार्यालय परिषद तक रोष रैली निकालते हुए अपनी मांगों के संबंध (Youth Protest in Una) में आवाज बुलंद की. युवाओं की इस रैली को तिरंगा यात्रा का नाम दिया गया और तिरंगे की छांव में सैकड़ों युवाओं ने जिला मुख्यालय की सड़कों पर जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज उठाई. पंचायत समिति सदस्य एडवोकेट सुमित गौतम की अध्यक्षता में निकाली गई इस रैली के दौरान युवाओं ने सेना भर्ती की लिखित परीक्षा करवाने की मांग उठाई.
युवाओं का तर्क है कि करीब 1 साल पूर्व जिला के लगभग 400 युवाओं ने सेना भर्ती रैली के दौरान ग्राउंड टेस्ट क्लियर किया था. लेकिन उसके बाद से लेकर अब तक 1 साल बीत चुका है. अभी भी युवाओं की सेना भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर कोई सूचना साझा नहीं की गई है. युवाओं ने कहा कि इससे पहले कोविड-19 के चलते यह परीक्षा दो बार रद्द की गई. बीडीसी सदस्य शोभित गौतम ने कहा कि सरकार कोविड-19 की विकट परिस्थितियों के बीच भी चुनाव का संचालन सफलतापूर्वक करवाती रही है.
इसके साथ ही पुलिस भर्ती (Himachal Police recruitment) और अन्य परीक्षाओं का भी सफलतापूर्वक संचालन किया गया. सेना भर्ती की लिखित परीक्षा पर ही कोविड-19 का साया क्यों है? रैली में भाग ले रहे युवाओं का कहना है वह लगभग 1 साल पूर्व सेना भर्ती ग्राउंड टेस्ट क्लियर करने के बाद से लेकर अभी तक लिखित परीक्षा के इंतजार में बैठे हैं.
वहीं, कई ऐसे युवा हैं जो सेना भर्ती के लिए निर्धारित 17 से 21 वर्ष की आयु को पार कर रहे हैं. ऐसे में उन युवाओं के लिए भी परिस्थितियां तनावपूर्ण हो गई हैं. उन्होंने मांग उठाई कि सेना भर्ती का ग्राउंड क्लियर कर चुके युवाओं को 2 साल की आयु सीमा में रिलैक्सेशन दी जाए, ताकि वो लिखित परीक्षा में भाग लेकर अपना भविष्य संवार सकें.
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