ऊना: जिला ऊना के मुबारिकपुर में चल रही धर्म संसद में (Dharma Sansad in Una) यति नरसिंहानंद सरस्वती ने खुद को हिंदू समाज का कुत्ता करार दिया है. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में सदियों की परंपरा रही है कि घरों में या गली मोहल्लों में जो कुत्ते होते थे, वोे खतरा होने पर भौंकते थे और लोगों को आगाह करते थे. नरसिंहानंद ने कहा कि मैं हिंदू समाज का वही कुत्ता हूं, जो वर्तमान परिदृश्य में हिंदू समाज की तरफ बढ़ रहे बड़े खतरे से सचेत करने के लिए चिल्ला-चिल्ला कर लोगों को आगाह करता हूं. लेकिन मेरे चिल्लाने को हमेशा विवादित करार देकर हिंदू समाज के उत्थान के लिए उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है.
धर्म संसद में विशेष रूप से पहुंचे यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand Saraswati) ने कहा है कि हिंदुस्तान में ही हिंदुओं के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. राजनीतिक दल तो इस पर चुप्पी साधे ही बैठे हैं इसके साथ-साथ अब धर्म गुरुओं ने भी इस पर आवाज उठाना बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि सदियों से हिंदू धर्म में यह संस्कृति रही है कि परिवार की सुरक्षा के लिए कुत्ते घरों या गलियों में पाले जाते थे. जो खतरा होने पर लोगों को चेतावनी देते थे और मैं भी ऐसा ही कर रहे हैं.
इससे पहले रविवार को धर्मसंसद के पहले दिन नरसिंहानंद ने कहा था कि भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनने से बचाने के लिए हिंदुओं को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए. नरसिंहानंद ने कहा कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से ज्यादा बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या बढ़ा रहे हैं, इसलिये हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए. पिछले साल भी हरिद्वार में आयोजित धर्मसंसद में कहा था कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री एक मुसलमान होगा. इस धर्मसंसद में उनके खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. नरसिंहानंद फिलहाल जमानत पर रिहा हैं.
वहीं, इस धर्म संसद को लेकर पुलिस द्वारा आयोजकों को नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस के जरिये आयोजकों को किसी धर्म, समुदाय या जाति के खिलाफ भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं. पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि (Dharma Sansad in Una) मुबारिकपुर में आयोजित की जा रही धर्म संसद के संदर्भ में पुलिस को निगरानी के निर्देश मिले हैं, ताकि इस आयोजन में किसी प्रकार की असामाजिक गतिविधि या भड़काऊ भाषण न होने पाए. एसपी ऊना ने कहा कि अभी तक संबंधित आयोजन से पुलिस को किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है. लेकिन फिर भी पुलिस इस पर निगाह रखे हुए है.
हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस धर्म संसद (Jairam Thakur on Dharma Sansad) से अपील की है कि इस तरह के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण ना दें, अपना कार्यक्रम करें और धार्मिक आस्था को भड़कने नहीं देना चाहिए. सीएम ने कहा कि जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि इस कार्यक्रम के जरिये ऐसी कोई भी बात नहीं होनी चाहिए जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा हो.
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