ऊना: बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा धर्मशाला से चंडीगढ़ जाते समय ऊना में रुके. इस दौरान तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने भारत और चीन मुलाकात को अर्थव्यवस्था के नजरिये से अच्छा बताया. दलाई लामा ने अपने और तिब्बतियों के रिफ्यूजी होने की बात दोहराई और कहा कि भारत में आजादी का आनंद ले रहे हैं.
दलाई लामा ने नालंदा से अपनी पढ़ाई किए जाने का जिक्र करते हुए सभी तिब्बतियों को नालंदा विचारधारा का बताया. तिब्बती आध्यात्मिक गुरु ने खुद के 2001 में रिटायर होने की बात कहते हुए लोकतंत्र में विश्वास होने का दावा किया और चीन को लोकतंत्र के नियम सीखने की बात कही है.
भारत चीन के प्रधानमंत्रियों की हालिया मुलाकात जहां पूरे दक्षिण एशिया की नजर है. वहीं, तिब्बती लोगों ने इस मुलाकात का विरोध किया, लेकिन बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने भारत चीन की इस मुलाकात को अच्छा बताया है.