ऊना: जिले के एक सरकारी स्कूल में शुक्रवार को 11वीं क्लास की छात्रा हिजाब पहनकर (student reached school wearing hijab) पहुंच गई. पहले तो छात्रा ने कहा कि वह भले ही स्कूल छोड़ देगी, लेकिन हिजाब पहनना नहीं छोड़ोगी. हालांकि कुछ देर बाद छात्रा ने कहा कि उसे इस तरह की ड्रेस कोड के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उसने कहा कि शिक्षकों ने ड्रेस कोड के बारे में उसे बता दिया है. अब वह हिजाब पहनकर स्कूल नहीं आएगी. बताया जा रहा है कि छात्रा दो दिन से हिजाब पहनकर आ रही थी. दरअसल हिमाचल में 17 फरवरी से शिक्षण संस्थान खुले हैं.
वहीं, स्कूल के प्रधानाचार्य परसराम ठाकुर भी इस मामले में बोलने से बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि उन्हें छात्रा द्वारा हिजाब पहनने की जानकारी मीडिया से ही मिली है. इस संदर्भ में उससे बात करके सरकार के आदेशों से अवगत कराया जाएगा. वहीं, प्रधानाचार्य हिजाब शब्द का प्रयोग करने से भी खुद को बचाते हुए नजर आए. हालांकि प्रधानाचार्य बार-बार यही कहते नजर आए कि छात्रा यूनिफॉर्म और मास्क पहन कर आई है, लेकिन सफेद रंग का दुपट्टा उसने सिर पर बंधा है.
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab controversy in Karnataka) उडुपी के ही एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था. स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था. इसके बाद अन्य शहरों में भी यह विवाद फैल गया. मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था. एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी थी.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में कुर्सी पर राजनीति: कुलदीप राठौर बोले- कांग्रेस की चिंता छोड़ अपनी कुर्सी की चिंता करें जयराम