ऊना: जिला की खनन माफियों ने स्वां नदी से रेत निकालकर जगह-जगह डंप लगा दिये गए हैं, जबकि नियमानुसार खनन सामग्री की डंपिंग सिर्फ खनन पट्टा क्षेत्र में ही की जा सकती है.
खनन माफिया स्वां नदी में बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर रेत निकालकर इन डंपों पर फेंक कर रेत को गाड़ियों में भर रहे हैं. 10 जुलाई को प्राकक्लन समिति ने इन डंपों को 24 घंटे के भीतर हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभाग इन डंपों को हटाने की बजाय जायज करार दे रहा है. नियमानुसार खनन पट्टा क्षेत्र में ही रेत की स्टोरेज की जा सकती है, जबकि नदी में लगाए गए ये डंप लीज क्षेत्र से 100 मीटर दूर लगाए गए हैं. ऐसे में विभाग माइनिंग लीज एरिया से बाहर डंप लगाने के पीछे बरसात की दलील दे रहा है.
कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन किया जाएगा. वहीं, भाजपा के प्रवक्ता प्रो. राम कुमार ने बताया कि जिला में 85 खनन पट्टे हैं, जिसमें से 68 माइनिंग लीज मुकेश अग्निहोत्री के उद्योग व खनन मंत्री रहते हुए स्वीकृत हुई हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस मुद्दे पर खनन माफियों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन जब सख्ती होती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ कांग्रेस को ही होती है.
जिला खनन अधिकारी जिला परमजीत सिंह ने बताया कि जिला 85 खनन पट्टे स्वीकृत हैं और अधिकतर खनन पट्टे स्वां नदी क्षेत्र में ही है. साथ ही ये डंप वैध खनन स्त्रोतों के द्वारा ही लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में स्वां नदी के भीतर गाड़ियां नहीं जाती हैं, इसीलिए बाहर रेत की स्टोरेज की गई है.
एएसपी विनोद धीमान ने बताया कि साल 2018 में खनन के 310 चालान करके करीब 29 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया था. साथ ही 6 महीनों में भी खनन के 100 चालान काट कर करीब साढ़े 5 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस खनन के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है और आने वाले समय भी ये अभियान जारी रहेगा.