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ऊना में मौसम के बदले रुख ने बढ़ाई किसानों की चिंता, कृषि वैज्ञानिक ने दी ये सलाह - हिमाचल में आलू की तैयार

ऊना जिले में धुंध, घने कोहरे व बारिश (weather update una) के कारण किसानों की समस्या बढ़ गई है. वर्तमान मौसम के हालातों के मद्देनजर वैज्ञानिकों ( hp agricultural scientists on potato crop) ने आलू की खेती करने वाले किसानों को परामर्श दिया है कि वह दिन में एक बार अपने खेतों का भ्रमण जरूर करें. आलू की फसल में आ रहे बदलाव को नोटिस करते हुए उसे वैज्ञानिकों के साथ साझा करते रहें.

Potato crop in Una
ऊना में आलू की फसल
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Published : Jan 20, 2022, 1:21 PM IST

ऊना: जिला ऊना में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ दी है. धुंध और घने कोहरे (coldwave in himachal) के चलते भी फसलों पर असर पड़ रहा है. जिला में आलू की खेती (Potato crop in Una) नवंबर से अप्रैल माह तक तीन बार की जाती है. पहली फसल की बिजाई सितंबर महीने में हो जाती है, जबकि दूसरी फसल की बिजाई नवंबर और दिसंबर में होने के बाद जनवरी में इसकी हार्वेस्टिंग होती है.

तीसरी बारी, जिसे पक्की फसल भी कहा जाता है, उसकी भी बिजाई जनवरी में शुरू होती है और उसकी हार्वेस्टिंग अप्रैल में जाकर होती है. वर्तमान समय में मौसम की लगातार पड़ रही मार के किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

ऊना में किसान परेेशान

वर्तमान मौसम के हालातों के मद्देनजर वैज्ञानिकों (hp agricultural scientists on potato crop) ने आलू की खेती करने वाले किसानों को परामर्श दिया है कि वह दिन में एक बार अपने खेतों का भ्रमण जरूर करें. आलू की फसल में आ रहे बदलाव को नोटिस करते हुए उसे वैज्ञानिकों के साथ साझा करते रहें. यदि आलू के पत्तों पर काले रंग के धब्बे नजर आते हैं, तो अवश्य समस्या का समाधान करें. इस समय अर्ली ब्लाइट की संभावना हो सकती है, लेकिन अर्ली ब्लाइट से ज्यादा लेट ब्लाइट आलू की फसल के लिए खतरनाक है.

यदि किसी प्रकार की दिक्कत नहीं भी आ रही है, तब भी फसल पर वैज्ञानिकों के सुझाव पर दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं. वर्तमान मौसम के हालातों के अनुसार जिला में धूप नजर नहीं आ रही है, नमी लगातार बनी हुई है. इस दौरान ब्लाइट की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. जिस से निपटने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों से किसानों को लगातार संपर्क बनाए रखना होगा.

ये भी पढ़ें: Sports Policy Of Himachal: रामलाल ठाकुर ने जयराम सरकार को घेरा, नई खेल नीति पर उठाए सवाल

ऊना: जिला ऊना में बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ दी है. धुंध और घने कोहरे (coldwave in himachal) के चलते भी फसलों पर असर पड़ रहा है. जिला में आलू की खेती (Potato crop in Una) नवंबर से अप्रैल माह तक तीन बार की जाती है. पहली फसल की बिजाई सितंबर महीने में हो जाती है, जबकि दूसरी फसल की बिजाई नवंबर और दिसंबर में होने के बाद जनवरी में इसकी हार्वेस्टिंग होती है.

तीसरी बारी, जिसे पक्की फसल भी कहा जाता है, उसकी भी बिजाई जनवरी में शुरू होती है और उसकी हार्वेस्टिंग अप्रैल में जाकर होती है. वर्तमान समय में मौसम की लगातार पड़ रही मार के किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

ऊना में किसान परेेशान

वर्तमान मौसम के हालातों के मद्देनजर वैज्ञानिकों (hp agricultural scientists on potato crop) ने आलू की खेती करने वाले किसानों को परामर्श दिया है कि वह दिन में एक बार अपने खेतों का भ्रमण जरूर करें. आलू की फसल में आ रहे बदलाव को नोटिस करते हुए उसे वैज्ञानिकों के साथ साझा करते रहें. यदि आलू के पत्तों पर काले रंग के धब्बे नजर आते हैं, तो अवश्य समस्या का समाधान करें. इस समय अर्ली ब्लाइट की संभावना हो सकती है, लेकिन अर्ली ब्लाइट से ज्यादा लेट ब्लाइट आलू की फसल के लिए खतरनाक है.

यदि किसी प्रकार की दिक्कत नहीं भी आ रही है, तब भी फसल पर वैज्ञानिकों के सुझाव पर दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं. वर्तमान मौसम के हालातों के अनुसार जिला में धूप नजर नहीं आ रही है, नमी लगातार बनी हुई है. इस दौरान ब्लाइट की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. जिस से निपटने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों से किसानों को लगातार संपर्क बनाए रखना होगा.

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