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ऊना में शुरू हुआ ऑक्सीजन प्लांट, रोजाना 700 सिलेंडर हो सकेंगे रिफिल - ऊना न्यूज

ऊना जिले के बरनोह इलाके में बड़े ऑक्सीजन प्लांट की शुरूआत हो गई है. इस प्लांट में रोजाना 700 ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल किये जा सकेंगे. जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता 800 तक बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही प्लांट से नाइट्रोजन भी 20 से 25 फीसदी तक भरी जा सकती है.

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Published : Jul 5, 2021, 5:38 PM IST

ऊना: जिला मुख्यालय के करीब बरनोह ग्राम पंचायत में ऑक्सीजन का एक बड़ा प्लांट शुरू कर दिया गया है. निजी क्षेत्र के इस प्लांट में रोजाना 700 सिलेंडर तक भरने की क्षमता है, जबकि आने वाले समय में इसकी क्षमता को करीब 800 सिलेंडर प्रतिदिन की दर से बढ़ाया भी जा सकता है.

प्लांट के संचालकों का दावा है कि यहां से समूचे जिले के स्वास्थ्य संस्थानों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी. वहीं, उद्योगों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को दूर किया जायेगा. कोविड-19 के दौर में आई दूसरी लहर के दौरान उद्योग विभाग और जिला प्रशासन विशेष प्रयासों से ही जिले में सबसे बड़े ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत हो सकी है.

वीडियो रिपोर्ट.

ट्रायल बेसिस पर शुरू किया था प्लांट

हालांकि, इस प्लांट की स्थापना का काम साल 2011-12 में शुरू हो गया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उस वक्त यह मुकम्मल नहीं हो पाया था. उद्योग विभाग के महाप्रबंधक अंशुल धीमान के हस्तक्षेप और प्रोत्साहन से इसे अब स्थापित करने के बाद ट्रायल बेसिस पर शुरू भी कर दिया गया है. इससे पहले भी ऊना के गगरेट में एक ऑक्सीजन का प्लांट कार्य कर रहा है, जिसकी क्षमता रोजाना 400 सिलेंडर तक भरने की है, लेकिन अब यह न्यू प्लांट शुरू होने से जिला के स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ उद्योगों में ऑक्सीजन की कमी आड़े नहीं आएगी.

कई क्षेत्रों में हो रही है ऑक्सीजन सप्लाई

प्लांट के संचालक ठाकुर जगदीश सिंह का कहना है कि प्रशासन द्वारा प्रोत्साहित करने के बाद ही उन्होंने यह प्लांट तैयार किया है और इस प्लांट के शुरू होने से केवल ऊना जिले ही नहीं बल्कि साथ लगते कई क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है प्लांट की क्षमता

वहीं, इस प्लांट के दूसरे संचालक टीएन द्विवेदी का कहना है अभी इस प्लांट में 600 से 700 सिलेंडर प्रतिदिन भरने की क्षमता है. आने वाले दिनों में इसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया भी जा सकता है. इसके साथ ही प्लांट से नाइट्रोजन भी 20 से 25 फीसदी तक भरी जा सकती है.

कोरोना काल में प्लांट पर था काफी दबाव

उद्योग विभाग के महाप्रबंधन अंशुल धीमान की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केवल एक ही ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा था. उस दौरान उस प्लांट पर काफी दबाव भी रहा. अब जिला में दूसरा प्लांट तैयार हो गया है, जिससे अब ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी.

ये भी पढ़ें: क्रशर उद्योग एसोसिएशन की हड़ताल चौथे दिन भी जारी, कहा- जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतरकर करेंगे आंदोलन

ऊना: जिला मुख्यालय के करीब बरनोह ग्राम पंचायत में ऑक्सीजन का एक बड़ा प्लांट शुरू कर दिया गया है. निजी क्षेत्र के इस प्लांट में रोजाना 700 सिलेंडर तक भरने की क्षमता है, जबकि आने वाले समय में इसकी क्षमता को करीब 800 सिलेंडर प्रतिदिन की दर से बढ़ाया भी जा सकता है.

प्लांट के संचालकों का दावा है कि यहां से समूचे जिले के स्वास्थ्य संस्थानों को ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी. वहीं, उद्योगों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को दूर किया जायेगा. कोविड-19 के दौर में आई दूसरी लहर के दौरान उद्योग विभाग और जिला प्रशासन विशेष प्रयासों से ही जिले में सबसे बड़े ऑक्सीजन प्लांट की शुरुआत हो सकी है.

वीडियो रिपोर्ट.

ट्रायल बेसिस पर शुरू किया था प्लांट

हालांकि, इस प्लांट की स्थापना का काम साल 2011-12 में शुरू हो गया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उस वक्त यह मुकम्मल नहीं हो पाया था. उद्योग विभाग के महाप्रबंधक अंशुल धीमान के हस्तक्षेप और प्रोत्साहन से इसे अब स्थापित करने के बाद ट्रायल बेसिस पर शुरू भी कर दिया गया है. इससे पहले भी ऊना के गगरेट में एक ऑक्सीजन का प्लांट कार्य कर रहा है, जिसकी क्षमता रोजाना 400 सिलेंडर तक भरने की है, लेकिन अब यह न्यू प्लांट शुरू होने से जिला के स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ उद्योगों में ऑक्सीजन की कमी आड़े नहीं आएगी.

कई क्षेत्रों में हो रही है ऑक्सीजन सप्लाई

प्लांट के संचालक ठाकुर जगदीश सिंह का कहना है कि प्रशासन द्वारा प्रोत्साहित करने के बाद ही उन्होंने यह प्लांट तैयार किया है और इस प्लांट के शुरू होने से केवल ऊना जिले ही नहीं बल्कि साथ लगते कई क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है प्लांट की क्षमता

वहीं, इस प्लांट के दूसरे संचालक टीएन द्विवेदी का कहना है अभी इस प्लांट में 600 से 700 सिलेंडर प्रतिदिन भरने की क्षमता है. आने वाले दिनों में इसे जरूरत के मुताबिक बढ़ाया भी जा सकता है. इसके साथ ही प्लांट से नाइट्रोजन भी 20 से 25 फीसदी तक भरी जा सकती है.

कोरोना काल में प्लांट पर था काफी दबाव

उद्योग विभाग के महाप्रबंधन अंशुल धीमान की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केवल एक ही ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा था. उस दौरान उस प्लांट पर काफी दबाव भी रहा. अब जिला में दूसरा प्लांट तैयार हो गया है, जिससे अब ऑक्सीजन की कमी नहीं रहेगी.

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