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मेहतपुर शराब उद्योग के कामगारों ने प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा, सतपाल सिंह रायजादा ने किया समर्थन

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Published : Jan 13, 2022, 3:16 PM IST

औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर स्थित नामी शराब उद्योग (mehatpur liquor industry) के कामगारों ने कंपनी प्रबंधन पर शोषण करने के आरोप लगाए हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उद्योग प्रबंधन लंबे अरसे से कामगारों का शोषण कर (mehatpur liquor industry workers protest) रहा है, लेकिन सरकार और सरकार का श्रम विभाग मजदूरों का साथ देने की बजाय उद्योग प्रबंधकों की तरफदारी कर रहे हैं.

mehatpur liquor industry
मेहतपुर शराब उद्योग

ऊना: औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर स्थित एक नामी शराब उद्योग के कामगारों ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया (mehatpur liquor industry) है. वहीं, सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने भी कामगारों का समर्थन करते हुए उद्योग प्रबंधन के साथ श्रम विभाग के अधिकारियों पर कामगारों का शोषण करने का आरोप जड़ा है. कामगारों का आरोप है कि उद्योग प्रबंधन द्वारा 6 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया और लंबे अरसे से उनके एरियर और बोनस का पैसा भी प्रबंधन अदा नहीं कर रहा है.

कामगारों ने यह भी आरोप जड़ा कि उद्योग प्रबंधन द्वारा कई सालों से उनके ओवरटाइम का पैसा भी रिलीज नहीं किया (liquor industry didn't pay employees salary) गया है. विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने उद्योग प्रबंधन के साथ-साथ श्रम विभाग को भी आड़े हाथों लेते हुए कामगारों के साथ अन्याय करने का आरोप जड़ा है. कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 6 महीने से कामगारों को उनका मूल वेतन ही नहीं दिया जा सका. इसके अतिरिक्त कर्मचारियों के एरियर, बोनस और यहां तक कि ओवरटाइम के पैसे पर भी कंपनी प्रबंधन कुंडली मार कर बैठा है.

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारी कामगारों के बुलाने पर उद्योग परिसर में आते हैं, लेकिन उल्टा कामगारों को ही डरा-धमका कर वहां से वापस चले जाते हैं. ऐसे में उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि श्रम विभाग और कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो उन्हें आमरण अनशन करने पर मजबूर (mehatpur liquor industry workers protest) होना पड़ेगा.


इस मौके पर विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने श्रम विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए आरोप जड़ा कि श्रमिक हितों की रक्षा के लिए सरकारों द्वारा तैनात किए गए अधिकारी श्रमिकों का शोषण करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी उद्योग प्रबंधन की तरफदारी करना छोड़ दें और कर्मचारी हितों की रक्षा में अपने दायित्वों का निर्वहन करें. विधायक ने चेतावनी दी कि यदि अब भी उद्योग के कामगारों के हितों की रक्षा न हुई तो इस आंदोलन को शिमला तक ले जाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: BRO Restoring Roads In Kinnaur: चीन की सीमा से सटे इलाकों को जोड़ने वाले NH-5 को बहाल करने में जुटा बीआरओ

ऊना: औद्योगिक क्षेत्र मेहतपुर स्थित एक नामी शराब उद्योग के कामगारों ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया (mehatpur liquor industry) है. वहीं, सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने भी कामगारों का समर्थन करते हुए उद्योग प्रबंधन के साथ श्रम विभाग के अधिकारियों पर कामगारों का शोषण करने का आरोप जड़ा है. कामगारों का आरोप है कि उद्योग प्रबंधन द्वारा 6 महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया और लंबे अरसे से उनके एरियर और बोनस का पैसा भी प्रबंधन अदा नहीं कर रहा है.

कामगारों ने यह भी आरोप जड़ा कि उद्योग प्रबंधन द्वारा कई सालों से उनके ओवरटाइम का पैसा भी रिलीज नहीं किया (liquor industry didn't pay employees salary) गया है. विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने उद्योग प्रबंधन के साथ-साथ श्रम विभाग को भी आड़े हाथों लेते हुए कामगारों के साथ अन्याय करने का आरोप जड़ा है. कर्मचारियों ने कहा कि पिछले 6 महीने से कामगारों को उनका मूल वेतन ही नहीं दिया जा सका. इसके अतिरिक्त कर्मचारियों के एरियर, बोनस और यहां तक कि ओवरटाइम के पैसे पर भी कंपनी प्रबंधन कुंडली मार कर बैठा है.

उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के अधिकारी कामगारों के बुलाने पर उद्योग परिसर में आते हैं, लेकिन उल्टा कामगारों को ही डरा-धमका कर वहां से वापस चले जाते हैं. ऐसे में उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि श्रम विभाग और कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों का उत्पीड़न बंद नहीं किया तो उन्हें आमरण अनशन करने पर मजबूर (mehatpur liquor industry workers protest) होना पड़ेगा.


इस मौके पर विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने श्रम विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए आरोप जड़ा कि श्रमिक हितों की रक्षा के लिए सरकारों द्वारा तैनात किए गए अधिकारी श्रमिकों का शोषण करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी उद्योग प्रबंधन की तरफदारी करना छोड़ दें और कर्मचारी हितों की रक्षा में अपने दायित्वों का निर्वहन करें. विधायक ने चेतावनी दी कि यदि अब भी उद्योग के कामगारों के हितों की रक्षा न हुई तो इस आंदोलन को शिमला तक ले जाया जाएगा.

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