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पूर्व सैनिक को जांबाज बेटे की शहादत पर नाज, मां और पत्नी के थम नहीं रहे आंसू

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में अनिल कुमार जसवाल बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. मंगलवार सुबह अनिल ने जम्मू कश्मीर के सेना अस्‍पताल में आखिरी सांस ली. शहीद अनिल जसवाल परिवार से जल्द छुट्टी लेकर वापस आने का वायदा कर गए थे.

himachali jawan anil kumar martyr in anantnag terrorist attack
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Published : Jun 18, 2019, 7:20 PM IST

ऊना: लंबे समय तक देश की सेवा कर रिटायर्ड हुए अशोक कुमार को जितना गर्व बेटे के फौज में भर्ती के होने पर था. उतना ही गर्व 6 साल बाद बेटे के शहादत पाने पर हो रहा है. लेकिन समय ऐसा है कि इस गर्व के बीच पूर्व सैनिक पिता की आंखो से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. किसी तरह खुद को संभालकर न केवल परिवार का ढांढस बंधा रहे हैं. वहीं, छह माह के पोते वरूण जसवाल में ही अपने बेटे अनिल को देख अपने भविष्य के बारे में सोच रहे हैं.

बेटे ने आंतकवादियों से लोहा लेते हुए पाई शहादत
घर में रोजमर्रा के काम चल रहे थे. बेटे के घायल होने के समाचार पहुंच चुका था, उसकी सलामती के लिए दुआएं चल रही थी. लेकिन मंगलवार सुबह ही सेना के अधिकारियों का फोन आया कि घायल अनिल देश के लिए शहीद हो गए. ये शब्द सुनते ही जैसे पिता पर पहाड़ टूट पड़ा हो. लेकिन पिता ने बेटे की शहादत की खबर जाहिर नहीं की. काफी घंटे तक परिवार को इस बात की जानकारी के लिए तैयार किया. जैसे ही शहीद की माता अनिता को खबर लगी, तो उसका रो-रोकर हाल बेहाल हो गया. अभी 10 दिन पहले ही 15 दिन की छुट्टी काटकर अनिल ड्यूटी पर लौटे थे. दो दिन पहले ही मां व परिवार ने अनिल को फोन कर जन्मदिन की बधाई दी थी. मां-पिता व पत्नी को क्या पता था कि अनिल को वे जन्मदिन की बधाई देने के दो दिन बाद ही ये दुखभरी खबर सुनने को मिलेगी.

दोपहर बाद बहू को बताई बेटे की शहादत की बात
शहीद की पत्नी श्वेता अपने पति की शहादत को लेकर अकेलापन महसूस कर रही हैं. ऐसे समय में श्वेता के लिए अपने छह माह के बेटे वरूण जसवाल का ही सहारा है. पति की शहीदत का समाचार पाते ही पत्नी रोती-विलखती रही. पति की शहादत की बात भले ही पिता अशोक कुमार को शहीद होने के कुछ समय बाद ही पता चल गई थी, लेकिन बहू से इस बात को छुपाए रखा, ताकि मासूम बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े. दोपहर बाद जैसे ही पत्नी श्वेता ने पति की शहादत की खबर सुनी, तो पूरे घर सहित गांव का माहौल गमगीन हो गया. आंखों में आंसू भरे श्वेता दुधमुंहे बच्चें को कलेजे से लगाए रखा. मासूम के ज्यादा रोने पर मां श्वेता खुद को संभालकर वरूण जसवाल को चुप भी कराती रही. वहीं संगे संबंधियों व पड़ोसियों ने भी श्वेता का ढांढस बंधाया.

पिता की अठखेलियों से वंचित रह गया वरूण
शहीद अनिल जसवाल परिवार से जल्द छुट्टी लेकर वापस आने का वायदा कर गए थे और पत्नी श्वेता को कहा था कि अब जब दोबारा छुट्टी लेकर आऊंगा, तो वरूण के साथ खूब अठखेलियां करूंगा. वरूण के साथ खूब मस्ती करने का अरमान अनिल के दिल में रह गया. अभी वरूण ने भी पिता के स्नेह को ठीक से महसूस नहीं किया था कि पिता का साया सिर से उठ गया. वरूण अभी गोद में है, लेकिन पिता की शहादत का उन्हें आने वाले कुछ साल बाद पता चलेगा, जिस पर वरूण गर्व महसूस करेगा.

ऊना: लंबे समय तक देश की सेवा कर रिटायर्ड हुए अशोक कुमार को जितना गर्व बेटे के फौज में भर्ती के होने पर था. उतना ही गर्व 6 साल बाद बेटे के शहादत पाने पर हो रहा है. लेकिन समय ऐसा है कि इस गर्व के बीच पूर्व सैनिक पिता की आंखो से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. किसी तरह खुद को संभालकर न केवल परिवार का ढांढस बंधा रहे हैं. वहीं, छह माह के पोते वरूण जसवाल में ही अपने बेटे अनिल को देख अपने भविष्य के बारे में सोच रहे हैं.

बेटे ने आंतकवादियों से लोहा लेते हुए पाई शहादत
घर में रोजमर्रा के काम चल रहे थे. बेटे के घायल होने के समाचार पहुंच चुका था, उसकी सलामती के लिए दुआएं चल रही थी. लेकिन मंगलवार सुबह ही सेना के अधिकारियों का फोन आया कि घायल अनिल देश के लिए शहीद हो गए. ये शब्द सुनते ही जैसे पिता पर पहाड़ टूट पड़ा हो. लेकिन पिता ने बेटे की शहादत की खबर जाहिर नहीं की. काफी घंटे तक परिवार को इस बात की जानकारी के लिए तैयार किया. जैसे ही शहीद की माता अनिता को खबर लगी, तो उसका रो-रोकर हाल बेहाल हो गया. अभी 10 दिन पहले ही 15 दिन की छुट्टी काटकर अनिल ड्यूटी पर लौटे थे. दो दिन पहले ही मां व परिवार ने अनिल को फोन कर जन्मदिन की बधाई दी थी. मां-पिता व पत्नी को क्या पता था कि अनिल को वे जन्मदिन की बधाई देने के दो दिन बाद ही ये दुखभरी खबर सुनने को मिलेगी.

दोपहर बाद बहू को बताई बेटे की शहादत की बात
शहीद की पत्नी श्वेता अपने पति की शहादत को लेकर अकेलापन महसूस कर रही हैं. ऐसे समय में श्वेता के लिए अपने छह माह के बेटे वरूण जसवाल का ही सहारा है. पति की शहीदत का समाचार पाते ही पत्नी रोती-विलखती रही. पति की शहादत की बात भले ही पिता अशोक कुमार को शहीद होने के कुछ समय बाद ही पता चल गई थी, लेकिन बहू से इस बात को छुपाए रखा, ताकि मासूम बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े. दोपहर बाद जैसे ही पत्नी श्वेता ने पति की शहादत की खबर सुनी, तो पूरे घर सहित गांव का माहौल गमगीन हो गया. आंखों में आंसू भरे श्वेता दुधमुंहे बच्चें को कलेजे से लगाए रखा. मासूम के ज्यादा रोने पर मां श्वेता खुद को संभालकर वरूण जसवाल को चुप भी कराती रही. वहीं संगे संबंधियों व पड़ोसियों ने भी श्वेता का ढांढस बंधाया.

पिता की अठखेलियों से वंचित रह गया वरूण
शहीद अनिल जसवाल परिवार से जल्द छुट्टी लेकर वापस आने का वायदा कर गए थे और पत्नी श्वेता को कहा था कि अब जब दोबारा छुट्टी लेकर आऊंगा, तो वरूण के साथ खूब अठखेलियां करूंगा. वरूण के साथ खूब मस्ती करने का अरमान अनिल के दिल में रह गया. अभी वरूण ने भी पिता के स्नेह को ठीक से महसूस नहीं किया था कि पिता का साया सिर से उठ गया. वरूण अभी गोद में है, लेकिन पिता की शहादत का उन्हें आने वाले कुछ साल बाद पता चलेगा, जिस पर वरूण गर्व महसूस करेगा.

ऊना 
साइड स्टोरी

पूर्व सैनिक को बेटे की शहादत पर नाज, पर नहीं रुक रहे आंसू, दो दिन पहले ही परिवार वालों ने दी थी अनिल को जन्मदिन की बधाई, 

लंबे समय तक देश की सेवा कर रिटायर्ड हुए अशोक कुमार को जितना गर्व बेटे के फौज में भर्ती के होने पर था। उतना ही गर्व 6 वर्ष बाद भी बेटे की शहादत पाने पर हो रहा है। लेकिन समय ऐसा है कि इस गर्व के बीच पूर्व सैनिक पिता अशोक कुमार के आंखो से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे। किसी तरह खुद को संभालकर न केवल परिवार का ढांढस बंधा रहे हैं। वहीं छह माह के पौते वरूण जसवाल में ही अपने बेटे अनिल को देख अपने भविष्य के बारे में सोच रहे हैं। 

बेटे ने आंतकवादियों से लोहा लेते हुए शहादत पाई है। घर में रोजमर्रा के काम चल रहे थे। बेटे के घायल होने के समाचार पहुंच चुका था, उसकी सलामती के लिए दुआएं चल रही थी। लेकिन मंगलवार सुबह की सेना अधिकारी का फोन आया कि घायल अनिल देश के लिए शहीद हो गए। ये शब्द सुनते ही जैसे पिता पर पहाड़ टूट पड़ा हो। लेकिन पिता ने नम आंखों को जाहिर नहीं होने दिया और काफी घंटे तक परिवार को इस बात की जानकारी के लिए तैयार किया। जैसे ही शहीद की माता अनिता को खबर लगी, तो उसका रो-रोकर हाल बेहाल हो गया। अभी 10 दिन पहले ही 15 दिन की छुट्टी काटकर अनिल वापिस डयूटी पर गया था और दो दिन पहले ही मां व परिवार से अनिल को कॉल कर हैप्पी बर्थ कहा था। मां-पिता व पत्नी को क्या पता था कि अनिल को वे जन्मदिन की बधाई देने के दो दिन बाद ही ये खबर सुनेगी। 
मां कुछ दिन पहले ही 

दोपहर बाद बताई बहू को शहादत की बात

शहीद की पत्नी श्वेता अपने पति की शहादत को लेकर अकेलापन महसूस कर रही है। ऐसे समय में श्वेता के लिए अपने छह के बेटे वरूण जसवाल का ही सहारा है। पति की शहीदी का समाचार पाते ही पत्नी रोती-विलखती रही। पति की शहादत की बात भले ही पिता अशोक कुमार को शहीद होने के कुछ समय बाद ही पता चल गई थी, लेकिन बहू से इस बात को छुपाए रखा, ताकि मासूम बच्चे के स्वास्थ्य कोई असर न पड़े। दोपहर बाद जैसे ही पत्नी श्वेता ने पति की शहादत की खबर सुनी, तो पूरे घर सहित गांव का माहौल गमगीन हो गया। आंखों में आंसू भरे श्वेता दुधमुहे बच्चें को कलेजे से लगाए रखा। मासूम के ज्यादा रोने पर मां श्वेता खुद को संभालकर वरूण जसवाल को चुप भी कराती रही। वहीं संगे संबंधियों व पड़ोसियों ने भी श्वेता का ढाढंस बंधाया। 
पिता की अठखेलियां से वंचित रह गया वरूण
शहीद अनिल जसवाल परिवार से जल्द छुट्टी लेकर वापिस आने का वायदा कर गए थे और पत्नी श्वेता को कहा था कि अब जब पुन: छुट्टी लेकर आऊंगा, तो वरूण के साथ खूब अठखेलियां करूगां। वरूण के साथ खूब मस्ती करने का अरमान अनिल के दिल में रह गया। अभी वरूण ने भी पिता के स्नेह को ठीक से महसूस नहीं किया था कि पिता का साया उठ गया। वरूण चाहे अभी गोद में है, लेकिन पिता की शहादत का उन्हें आने वाले कुछ वर्ष बाद पता चलेगा, जिस पर वरूण गर्व महसूस करेगा।
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