ऊना: हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग की जिला स्तरीय बैठक शुक्रवार को ऊना के जिला परिषद सभागार में आयोजित की (SCHEDULED CASTES COMMISSION MEETING IN UNA) गई. बैठक की अध्यक्षता आयोग के राज्य अध्यक्ष एवं पूर्व लोकसभा सदस्य वीरेंद्र कश्यप ने की. इस मौके पर डीसी राघव शर्मा और एसपी अर्जित सेन ठाकुर समेत तमाम प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे. बैठक के दौरान अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित समस्याओं, मांगो और अनुसूचित जाति अत्याचार से जुड़े मामलों पर व्यापक विचार मंथन किया गया.
प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए लागू की गई योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और उनका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने को लेकर भी समीक्षा की (HP SCHEDULED CASTE COMMISSION) गई. इस मौके पर वीरेंद्र कश्यप ने अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ सामान्य वर्ग के लोगों द्वारा की जा रही बयानबाजी और कटाक्ष पर भी कड़ा संज्ञान लेते हुए इसे सामाजिक सौहार्द के खिलाफ बताया.
वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि इस बैठक में अनुसूचित जातियों से संबंधित प्रतिनिधियों और उसके साथ-साथ इन वर्गों के लिए सामाजिक कार्य में जुटी संस्थाओं के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया (Virender Kashyap in Una) है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. एक तरफ जहां इन योजनाओं की समीक्षा की जाएगी, वहीं दूसरी ओर अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ हो रहे अत्याचार के मामलों को लेकर भी विचार मंथन और उनके निवारण के लिए उठाए जा रहे कदमों का आकलन किया जाएगा.
बैठक से पूर्व हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप ने सामान्य वर्ग आयोग को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि समाज में विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं और अपने अपने समुदाय के हितों का संरक्षण करने के लिए तमाम संस्थाएं प्रयास करती हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया जाता है तो इसमें अनुसूचित जाति वर्ग को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
साथ ही उन्होंने अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ सामान्य वर्ग आयोग की मांग करने वाले लोगों द्वारा की जा रही बयानबाजी पर कड़ी आपत्ति जताई. वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि हर वर्ग को अपनी मांग उठाने का अधिकार है लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि वह दूसरे वर्ग को नीचा दिखाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग आयोग की आड़ में अनुसूचित जाति वर्ग के खिलाफ जो बयानबाजी की गई है वह निंदनीय है और यह समाज के सौहार्द को खराब करने का एक सोचा समझा षड्यंत्र है जिसे सहन नहीं किया जा सकता.
ये भी पढ़ें: रिकांगपिओ में वन अधिकार समिति की बैठक आयोजित, 60 मामलों को मिली स्वीकृति