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चिंतपूर्णी के संजय पराशर ने पेश की मिसाल, जमा पूंजी से करवाया डिग्री कॉलेज का कायाकल्प - चिंतपूर्णी डिग्री कॉलेज

कैप्टन संजय पराशर ने अपनी जमा पूंजी से चिंतपूर्णी डिग्री कॉलेज का कायाकल्प कर छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास रूम और ई-लाइब्रेरी तैयार की है. जिला ऊना के चिंतपूर्णी के इस शख्स ने 25 लाख खर्च कर समाज सेवा की मिसाल पेश की है.

Sanjay Parashar renovates Chintpurni degree college
चिंतपूर्णी डिग्री कॉलेज
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Published : Sep 6, 2020, 4:48 PM IST

चिंतपूर्णी: जिला ऊना के चिंतपूर्णी में एक शख्स ने 25 लाख खर्च कर समाज सेवा की मिसाल पेश की है. कैप्टन संजय पराशर ने अपनी जमा पूंजी से चिंतपूर्णी डिग्री कॉलेज का कायाकल्प कर छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास रूम और ई-लाइब्रेरी तैयार की है.

कैप्टन संजय पराशर ने बताया कि जिन रास्तों पर हमारे पूर्वज चलते थे हमें भी उन्हीं रास्तों पर चलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी के साथ लगते लगभग 42 गांव के बच्चे यहां इस कॉलेज में आकर पढ़ते हैं तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे गांव में रहने वाले बच्चे भी ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ सके.

वीडियो रिपोर्ट

स्कूल के प्राचार्य डॉ. एसके बंसल ने बताया कि कैप्टन संजय पराशर और उनकी पत्नी सोनिया पराशर ने इस कॉलेज के लिए जो योगदान दिया है वह शायद ही कोई कर सकता है. इस योगदान के लिए पूरे कॉलेज के छात्र और स्टाफ उनके आभारी रहेंगे.

उन्होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उच्च शिक्षा निदेशक श्री अमरजीत शर्मा ने भी कैप्टन संजय पराशर का आभार व्यक्त किया. वहीं, स्कूल की छात्रा ने बताया कि स्कूल के छत के खस्ताहालत थी. बारिश के दिन अध्यापक खुद ही कॉलेज आने से मना करते हैं.

उन्होंने बताया कि संजय पराशर की वजह से स्कूल की तस्वीर ही बदल गई है. स्कूल में सारे नए तकनीक के उपकरण लगाए गए हैं जिससे उनको पढ़ाई में बहुत फायदा मिलेगा.

ये भी पढ़ें: नरेंद्र सूद के जज्बे को सलाम, पोर्टमोर स्कूल को सही मायनों में बनाया है आदर्श विद्यालय

ये भी पढ़ें: ऊना में युवक के साथ कौन बनेगा करोड़पति के लक्की ड्रॉ के नाम पर ठगी

चिंतपूर्णी: जिला ऊना के चिंतपूर्णी में एक शख्स ने 25 लाख खर्च कर समाज सेवा की मिसाल पेश की है. कैप्टन संजय पराशर ने अपनी जमा पूंजी से चिंतपूर्णी डिग्री कॉलेज का कायाकल्प कर छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास रूम और ई-लाइब्रेरी तैयार की है.

कैप्टन संजय पराशर ने बताया कि जिन रास्तों पर हमारे पूर्वज चलते थे हमें भी उन्हीं रास्तों पर चलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चिंतपूर्णी के साथ लगते लगभग 42 गांव के बच्चे यहां इस कॉलेज में आकर पढ़ते हैं तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि उन्हें कुछ अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे गांव में रहने वाले बच्चे भी ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ सके.

वीडियो रिपोर्ट

स्कूल के प्राचार्य डॉ. एसके बंसल ने बताया कि कैप्टन संजय पराशर और उनकी पत्नी सोनिया पराशर ने इस कॉलेज के लिए जो योगदान दिया है वह शायद ही कोई कर सकता है. इस योगदान के लिए पूरे कॉलेज के छात्र और स्टाफ उनके आभारी रहेंगे.

उन्होंने कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उच्च शिक्षा निदेशक श्री अमरजीत शर्मा ने भी कैप्टन संजय पराशर का आभार व्यक्त किया. वहीं, स्कूल की छात्रा ने बताया कि स्कूल के छत के खस्ताहालत थी. बारिश के दिन अध्यापक खुद ही कॉलेज आने से मना करते हैं.

उन्होंने बताया कि संजय पराशर की वजह से स्कूल की तस्वीर ही बदल गई है. स्कूल में सारे नए तकनीक के उपकरण लगाए गए हैं जिससे उनको पढ़ाई में बहुत फायदा मिलेगा.

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