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मजदूर नहीं मिलने से कारोबारी बेहाल, समय पर पूरे नहीं हो रहे ऑर्डर - ऊना उद्योग

ऊना में उद्योगपतियों को मजदूर और कच्चा माल न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि लेबर न मिलने से उद्योग मालिक अपना ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. साथ ही कच्चा माल भी कारोबारियों को नहीं मिल रहा है, वहीं, अगर मिल रहा है, तो महंगा मिल रहा है.

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Published : Jul 19, 2020, 4:48 PM IST

ऊना: कोरोना महामारी की वजह से घोषित हुए लॉकडाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया के तहत उद्योगों को खोलने के निर्देश दिए गए गए हैं, लेकिन उद्योगपतियों को मजदूर और कच्चा माल न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि लॉकडाउन होने के बाद भी हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं और उद्योगों में काम करने वाले मजदूर अपने घर जा चुके हैं. जिसका असर उद्योगपतियों के कारोबार पड़ रहा है. आलम ये है कि लेबर नहीं मिलने से उद्योग मालिक अपना ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, बाहर से कच्चा माल न मिलने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो

जोसन फैक्ट्री मालिक नरिंदर सिंह ने बताया कि कारखाने में 100 लोग काम करते थे लेकिन, कोरोना महामारी के वजह से लेबर की कमी हो गई है, जिससे वो अपना ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मशीनरी रिपेयर के लिए भी इंजीनियर नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि ये सब दूसरे राज्यों से प्रदेश में आते थे.

नरिंदर सिंह ने बताया कि माल की मार्केटिंग न होने कारण भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पहले उनकी फैक्ट्री में तीन शिफ्टों में काम होता था, लेकिन अब एक शिफ्ट में ही काम सिमट कर रह गया है. उन्होंने कहा कि माल तैयार हो रहा है, लेकिन मार्केटिंग न होने से माल को स्टॉक किया जा रहा है.

उद्योग यूनियन प्रधान चमन कपूर ने बताया कि अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने से ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन द्वारा माल ढुलाई के भाड़े में बढ़ोतरी की गई है. साथ ही उद्योगपतियों को काम के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में सारे उद्योग बंद हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: सीमाएं खोलने पर पर्यटक पहुंच रहे शिमला, पहाड़ों की रानी घूमने आए 51 सैलानी

ऊना: कोरोना महामारी की वजह से घोषित हुए लॉकडाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया के तहत उद्योगों को खोलने के निर्देश दिए गए गए हैं, लेकिन उद्योगपतियों को मजदूर और कच्चा माल न मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि लॉकडाउन होने के बाद भी हालात सामान्य होते नहीं दिख रहे हैं और उद्योगों में काम करने वाले मजदूर अपने घर जा चुके हैं. जिसका असर उद्योगपतियों के कारोबार पड़ रहा है. आलम ये है कि लेबर नहीं मिलने से उद्योग मालिक अपना ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, बाहर से कच्चा माल न मिलने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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जोसन फैक्ट्री मालिक नरिंदर सिंह ने बताया कि कारखाने में 100 लोग काम करते थे लेकिन, कोरोना महामारी के वजह से लेबर की कमी हो गई है, जिससे वो अपना ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मशीनरी रिपेयर के लिए भी इंजीनियर नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि ये सब दूसरे राज्यों से प्रदेश में आते थे.

नरिंदर सिंह ने बताया कि माल की मार्केटिंग न होने कारण भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पहले उनकी फैक्ट्री में तीन शिफ्टों में काम होता था, लेकिन अब एक शिफ्ट में ही काम सिमट कर रह गया है. उन्होंने कहा कि माल तैयार हो रहा है, लेकिन मार्केटिंग न होने से माल को स्टॉक किया जा रहा है.

उद्योग यूनियन प्रधान चमन कपूर ने बताया कि अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने से ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन द्वारा माल ढुलाई के भाड़े में बढ़ोतरी की गई है. साथ ही उद्योगपतियों को काम के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं, जिससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय में सारे उद्योग बंद हो जाएंगे.

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