ऊना: हिमाचल प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शनिवार को कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के थानाकलां स्थित गौ अभ्यारण्य का निरीक्षण किया. वहीं, इस दौरान (Virender Kanwar inspected the Cow Sanctuary) उन्होंने परिवार सहित थानाकलां में ही स्थित गौशाला में गोवंश की पूजा-अर्चना भी की. पशुपालन मंत्री ने दावा किया है कि प्रदेश के अधिकांश बेसहारा गोवंशों को जून 2022 तक सहारा उपलब्ध कराया जाएगा ताकि गोवंश सड़कों पर बेसहारा न घूमें.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्तासीन होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर इस काम को शुरू किया था जिसके आज सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं. मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश को बेसहारा गोवंश की समस्या से निजात दिलाने के साथ-साथ गोवंशों को एक मुकम्मल आश्रय देना सरकार की प्राथमिकता रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालने के बाद जहां प्रदेश में गौ सेवा आयोग का गठन किया वहीं, बड़ी-बड़ी गौशाला और गौ अभ्यारण्य का निर्माण करते हुए गोवंशों को निश्चित स्थान पर आश्रय उपलब्ध करवाने का बीड़ा भी उठाया.
उन्होंने कहा कि (Virender Kanwar visit to Kutlahar) प्रदेश सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य के अनुसार जून 2022 तक प्रदेश भर की सड़कों को बेसहारा गोवंशों से मुक्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गौ सेवा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर में विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही गौशालाओं में (cowsheds in himachal) प्रत्येक गोवंश के लिए 500 रुपये सहायता राशि उपलब्ध कराना शुरू किया गया है.
कृषि मंत्री ने गौ पूजा करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गौ रक्षा राशि को 500 रुपये से अधिक करने का भी निवेदन किया गया है ताकि गौशालाओं का संचालन करने वाले गैर सरकारी संस्थाओं को किसी समस्या से न जूझना पड़े. उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई भी पशुपालक गोवंश को सड़कों पर बेसहारा न छोड़े क्योंकि इसके लिए भी कठोर कानून लाने की कवायद शुरू की गई है.
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