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मंडी में पीएम मोदी की रैली, 27 दिसंबर को काले झंडे दिखाकर टैक्सी चालक करेंगे विरोध

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Published : Dec 23, 2021, 7:10 PM IST

जयराम सरकार के चार साल पूरे होने पर मंडी में पीएम मोदी की रैली (PM Modi rally in Mandi) को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. वहीं, दूसरी ओर 27 दिसंबर को मंडी में पीएम मोदी की रैली (PM Modi rally in Mandi) का विरोध काले झंडे व काले रिबन (Taxi drivers will protest against PM Modi) लगा कर करेंगे.

taxi drivers will protest against pm
पीएम मोदी के खिलाफ टैक्सी चालक करेंगे प्रदर्शन

शिमला/सोलन: टैक्सी ऑपरेटर ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिमला में टैक्सी ऑपरेटर के अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि अब सभी टैक्सी ऑपरेटरों ने फैसला लिया है कि 27 दिसंबर को मंडी में पीएम मोदी की रैली (PM Modi rally in Mandi) का विरोध काले झंडे व काले रिबन (Taxi drivers will protest against PM Modi) लगा कर करेंगे. वहीं, रैली के लिए अपनी टैक्सी की सेवाएं भी नहीं देने का एलान किया है. शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में सभी टैक्सी ऑपरेटर की टैक्सी खड़ी रही, बावजूद उसके सरकार ने उनका टैक्स माफ नहीं किया. ऐसे में टैक्सी ऑपरेटरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.

वहीं, कोरोना के दौरान जब टैक्सी चलनी शुरू हुई तो सवारी 2 बिठाने के आदेश थे, लेकिन टैक्स 4 सीटों का लिया गया. उनका कहना था कि सरकार ने ना तो कोई टैक्स माफ किया और न ही कोई रियायत दी जिसके चलते कई ट्रैक्सी ऑपरेटरों की टैक्सियां किस्त न दे पाने के कारण उनकी टैक्सियां उठ गईं. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की गई थी, लेकिन कोई बात नहीं मानी गई.
नरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया है कि सरकारी विभाग में जो टैक्सियां लगाई गई हैं, उसमें भी काफी धांधली है, क्योंकि एक ऑल्टो कार के 40,000 का टेंडर होता है, जबकि टैक्सी ऑपरेटर को 25000 दी जाती है.

नरेंद्र ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में भी धांधली है. उन्होंने कहा कि पुलिस भी आए दिन टैक्सी चालकों का चालान करती है जो 1000 से अधिक का ही होता है. ऐसे में दिन प्रतिदिन उनकी परेशानी और बढञती ही जी रही है.

सोलन में देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी यूनियन की प्रेस कॉन्फ्रेंस: सोलन में भी देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी यूनियन (Devbhoomi All Himachal Taxi Union) द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें टैक्सी चालकों ने कहा कि बड़े लंबे समय से वे अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसको लेकर प्रदेश के टैक्सी चालकों में रोष हैं और रोष के चलते वे 27 दिसम्बर को मंडी पहुंचने पर पीएम मोदी का काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे.

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देवभूमि सोलन टैक्सी यूनियन के प्रधान अशोक चौहान ने बताया कि वे काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80 हार टैक्सी चालक हैं, जिनमें सरकार के खिलाफ रोष है. इसी रोष के चलते वे लोग 27 दिसंबर को मंडी में पीएम मोदी का विरोध काले झंडे दिखाकर करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि अगर तब भी प्रदेश सरकार ने टैक्सी चालकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 2022 में प्रदेश के सभी टैक्सी चालक भाजपा सरकार के खिलाफ मतदान (Himachal Assembly Election 2022) करेंगे.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार द्वारा कोई राहत प्रदान की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि टैक्सी चालकों का टैक्स माफ किया जाए, क्योंकि कोरोना की मार झेल रहे टैक्सी चालक टैक्स की किश्त देने में समर्थ नहीं हैं. वहीं, टैक्सी चालकों का कहना है कि पिछली सरकारों ने परमिट को 15 साल तक किया था, लेकिन भाजपा की सरकार ने इसे घटाकर 8 साल कर दिया है. इसको भी निरंतर बढ़ाकर 15 साल किया जाए. इसके अलावा जो प्राइवेट गाड़ियां सवारियां ढो रहीं हैं. उन पर पुलिस का कोई शिकंजा नहीं है.

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शिमला/सोलन: टैक्सी ऑपरेटर ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिमला में टैक्सी ऑपरेटर के अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि अब सभी टैक्सी ऑपरेटरों ने फैसला लिया है कि 27 दिसंबर को मंडी में पीएम मोदी की रैली (PM Modi rally in Mandi) का विरोध काले झंडे व काले रिबन (Taxi drivers will protest against PM Modi) लगा कर करेंगे. वहीं, रैली के लिए अपनी टैक्सी की सेवाएं भी नहीं देने का एलान किया है. शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में सभी टैक्सी ऑपरेटर की टैक्सी खड़ी रही, बावजूद उसके सरकार ने उनका टैक्स माफ नहीं किया. ऐसे में टैक्सी ऑपरेटरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.

वहीं, कोरोना के दौरान जब टैक्सी चलनी शुरू हुई तो सवारी 2 बिठाने के आदेश थे, लेकिन टैक्स 4 सीटों का लिया गया. उनका कहना था कि सरकार ने ना तो कोई टैक्स माफ किया और न ही कोई रियायत दी जिसके चलते कई ट्रैक्सी ऑपरेटरों की टैक्सियां किस्त न दे पाने के कारण उनकी टैक्सियां उठ गईं. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग की गई थी, लेकिन कोई बात नहीं मानी गई.
नरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया है कि सरकारी विभाग में जो टैक्सियां लगाई गई हैं, उसमें भी काफी धांधली है, क्योंकि एक ऑल्टो कार के 40,000 का टेंडर होता है, जबकि टैक्सी ऑपरेटर को 25000 दी जाती है.

नरेंद्र ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में भी धांधली है. उन्होंने कहा कि पुलिस भी आए दिन टैक्सी चालकों का चालान करती है जो 1000 से अधिक का ही होता है. ऐसे में दिन प्रतिदिन उनकी परेशानी और बढञती ही जी रही है.

सोलन में देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी यूनियन की प्रेस कॉन्फ्रेंस: सोलन में भी देवभूमि ऑल हिमाचल टैक्सी यूनियन (Devbhoomi All Himachal Taxi Union) द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें टैक्सी चालकों ने कहा कि बड़े लंबे समय से वे अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसको लेकर प्रदेश के टैक्सी चालकों में रोष हैं और रोष के चलते वे 27 दिसम्बर को मंडी पहुंचने पर पीएम मोदी का काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे.

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देवभूमि सोलन टैक्सी यूनियन के प्रधान अशोक चौहान ने बताया कि वे काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80 हार टैक्सी चालक हैं, जिनमें सरकार के खिलाफ रोष है. इसी रोष के चलते वे लोग 27 दिसंबर को मंडी में पीएम मोदी का विरोध काले झंडे दिखाकर करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि अगर तब भी प्रदेश सरकार ने टैक्सी चालकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 2022 में प्रदेश के सभी टैक्सी चालक भाजपा सरकार के खिलाफ मतदान (Himachal Assembly Election 2022) करेंगे.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार द्वारा कोई राहत प्रदान की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि टैक्सी चालकों का टैक्स माफ किया जाए, क्योंकि कोरोना की मार झेल रहे टैक्सी चालक टैक्स की किश्त देने में समर्थ नहीं हैं. वहीं, टैक्सी चालकों का कहना है कि पिछली सरकारों ने परमिट को 15 साल तक किया था, लेकिन भाजपा की सरकार ने इसे घटाकर 8 साल कर दिया है. इसको भी निरंतर बढ़ाकर 15 साल किया जाए. इसके अलावा जो प्राइवेट गाड़ियां सवारियां ढो रहीं हैं. उन पर पुलिस का कोई शिकंजा नहीं है.

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