सोलन: जिला सोलन के एनएसयूआई अध्यक्ष तुषार सिंह स्तान (Solan NSUI President Tushar Singh Stan) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि नई शिक्षा नीति (new education policy) के द्वारा केंद्र सरकार शिक्षा के व्यापारीकरण को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के कार्यकर्ता शिक्षा के क्षेत्र में घोटालेबाजी, व्यापारीकारण और कोरोना महामारी में एनएपी की खामियों को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है, देश की अर्थव्यवस्था की हालात खस्ता है, ऐसे समय में सरकार नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा के व्यापारीकरण को बढ़ावा दे रही है.
तुषार ने बताया कि, 'अगर हम इसको हिमाचल प्रदेश के हिसाब से देखें तो लगातार प्रदेश सरकार और प्रशासन शिक्षा में घोटालेबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं ना यूजीसी के नियमों को न छात्रों के मूलभूत समस्याओं को मध्य नजर रख रही है. सभी नियमों को खत्म करने के लिए प्रयासरत है. निजी विश्वविद्यालय की डिग्रियों (private university degrees) में घोटालेबाजी चरम पर है, जिसकी कोई जांच नहीं हो रही है.उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश व केंद्र सरकार सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर तुली हुई है. इस प्रकार से तो सरकारी नौकरियों की संख्या कम हो जाएंगी.'
सोलन के एनएसयूआई अध्यक्ष ने कहा कि देश में बेरोजगारी (unemployment in the country) पहले से ही चरम पर है. साथ ही केंद्र व प्रदेश सरकार की निजीकरण को बढ़ावा देने की नीतियां आग में घी डालने का काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद से ही छात्रों की विभिन्न स्कॉलरशिप रोकी जा रही है और तो और एनटीए द्वारा आयोजित करवाई जाने वाली परीक्षाओं मे भी गड़बड़ी सामने आ रही है. तुषार ने कहा कि एनएसयूआई पूरे प्रदेश में इस अभियान के जरिए केंद्र व प्रदेश सरकार की शिक्षा विरोधी, व्यापारीकरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों को छात्रों और जनता तक पहुंचाएगी.
ये भी पढ़ें: शिमला रेलवे स्टेशन और हिमाचल के प्रमुख मंदिर को बम से उड़ाने की मिली धमकी, खुफिया एजेंसियां अलर्ट
ये भी पढ़ें: लश्कर-ए-तैयबा की धमकी को गंभीरता से ले सरकार, सुरक्षा के करें पुख्ता इंतजाम: कुलदीप राठौर