सोलन: सोलन में सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान द्वारा भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के 65वें महापरिनिर्वाण दिवस एवं आजादी के अमृत महोत्सव पर संगोष्ठी का (BR Ambedkar Death Anniversary) आयोजन किया गया. जिसमें हिमाचल प्रदेश के बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना (MP Avinash Rai Khanna) बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहे. इस मौके पर अविनाश राय खन्ना ने कहा कि समय की कठोर आवश्यकताएं नायकों को जन्म देती हैं. इन्हीं में से एक नायक थे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर .
अविनाश राय खन्ना ने कहा कि समतामूलक समाज के बारे में डॉ. अंबेडकर की दूरदृष्टि भारतीय संविधान के निर्माण में झलकती है. एक बेहतर भारत के निर्माण में उनका योगदान अतुलनीय है. उनकी सोच वैज्ञानिक थी, वह रूढ़ियों से मुक्त एक शिक्षित समाज चाहते थे. उनमें राष्ट्रहित सर्वोपरि था.
संघर्षों एवं शिक्षा से सामाजिक मूल्य विकसित किए: उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने (BR Ambedkar Death Anniversary) अपने संघर्षों एवं अपनी शिक्षा से सामाजिक मूल्यों को विकसित किया. वे जीवनभर अपने मूल्यों से कभी विचलित नहीं हुए. उनका व्यक्तित्व विराट था. भारतीय संविधान के निर्माण में उनका चिंतन, अध्ययन एवं विद्वता की स्पष्ट छाप झलकती है. डॉ. अंबेडकर का (Dr. Ambedkar Social Thoughts) अध्ययन बहुआयामी एवं विशाल था. उन्होंने भारतीय संविधान के जरिए एक आत्मनिर्भर एवं आधुनिक भारत की नींव रखी. उन्होंने आर्थिक रूप से संपन्न एवं शिक्षित भारत का सपना देखा था. वह समाज के सभी वर्गों को समान अधिकार देने के पक्षधर रहे.
जातिविहीन समाज चाहते थे डॉ. अंबेडकर : जाति प्रथा के उन्मूलन के लिए डॉ. अंबेडकर हमेशा मुखर रहे. इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए उन्होंने अभियान चलाया. सामाजिक न्याय एवं समान अधिकारों की लड़ाई में उन्होंने अपना पूरा जीवन खपा दिया. उनका सपना समानता के आधार पर हिंदू समाज को नए तरीके से व्यवस्थित करने का था. वह जातिमुक्त समाज चाहते थे, वह चाहते थे कि आगे बढ़ने के लिए सभी को समान अवसर मिले.
दलित समाज को एकजुट किया: भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश रॉय खन्ना ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर दलित समाज को प्रेरित करने एवं उनमें जनजागृति लाने के लिए वह हमेशा प्रयत्नशील रहे. दलित समाज के उत्थान के लिए उन्होंने राजनीतिक दल बनाए. उन्होंने कहा कि सामाजाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक समानता के अधिकार का अभियान चलाने वाले डॉ. अंबेडकर की लड़ाई अभी अधूरी है. उनके सपनों का भारत बनाने के लिए उनके मूल्यों एवं विचारधारा (Ideology and values of Dr Ambedkar) को आगे बढ़ाने की जरूरत है.
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