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Agricultural Laws: 'जब तक दस्तावेज किसानों के हाथों में नहीं होंगे तब तक जारी रहेगा आंदोलन' - himachal latest hindi news

संयुक्त किसान मोर्चा सोलन ( Sanyukt Kisan Morcha Solan) ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों (agricultural laws) को खत्म करने के दस्तावेज किसानों के हाथों में नहीं होंगे तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत तो किया लेकिन कहा कि सरकार ने यह फैसला 666 किसानों की मौत के बाद लिया है.

withdraw agricultural laws
संयुक्त किसान मोर्चा सोलन
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Published : Nov 19, 2021, 4:48 PM IST

सोलन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तीन नए कृषि कानूनों (agricultural laws) को वापस लेने का ऐलान किया है. पीएम मोदी (PM Modi) ने यह घोषणा करने के साथ आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर और खेतों की तरफ लौटने की भी अपील की है. पीएम मोदी के इस ऐलान का किसान संगठनों (Farmer Organizations) और राजनेताओं (politicians) ने भी स्वागत किया है.

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा सोलन ( Sanyukt Kisan Morcha Solan) ने भी प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया है. संयुक्त किसान मोर्चा सोलन के सह संयोजक नीतीश कुमार ने कहा कि आज सरकार को किसानों की मांग के आगे झुकना पड़ा है. उन्होंने कहा कि किसानों और आमजन विरोधी इन तीनों कृषि कानूनों (agricultural laws) को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि देश के सभी किसान व किसान संगठन इसके लिए बधाई के पात्र हैं.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय, आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने और इस आंदोलन में 666 किसानों की मौत के बाद लिया है. इससे भाजपा सरकार (BJP government) का किसान विरोधी चेहरा स्पष्ट हुआ है. ये कानून किसान हित में बिल्कुल भी नहीं थे. किसान संगठन और किसानों के आगे आज सरकार झुकी है ऐसे में अन्य आंदोलनों को भी बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के हाथों में तीन कृषि कानून वापस लेने के दस्तावेज नहीं आ जाते और जब तक किसानों की फसलों पर एमएसपी (MSP) की मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन (protest) जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: कुल्लू और मंडी में धूमधाम से मनाया गया गुरु नानक प्रकाशोत्सव

सोलन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तीन नए कृषि कानूनों (agricultural laws) को वापस लेने का ऐलान किया है. पीएम मोदी (PM Modi) ने यह घोषणा करने के साथ आंदोलनरत किसानों से अपने-अपने घर और खेतों की तरफ लौटने की भी अपील की है. पीएम मोदी के इस ऐलान का किसान संगठनों (Farmer Organizations) और राजनेताओं (politicians) ने भी स्वागत किया है.

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा सोलन ( Sanyukt Kisan Morcha Solan) ने भी प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया है. संयुक्त किसान मोर्चा सोलन के सह संयोजक नीतीश कुमार ने कहा कि आज सरकार को किसानों की मांग के आगे झुकना पड़ा है. उन्होंने कहा कि किसानों और आमजन विरोधी इन तीनों कृषि कानूनों (agricultural laws) को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि देश के सभी किसान व किसान संगठन इसके लिए बधाई के पात्र हैं.

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उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय, आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने और इस आंदोलन में 666 किसानों की मौत के बाद लिया है. इससे भाजपा सरकार (BJP government) का किसान विरोधी चेहरा स्पष्ट हुआ है. ये कानून किसान हित में बिल्कुल भी नहीं थे. किसान संगठन और किसानों के आगे आज सरकार झुकी है ऐसे में अन्य आंदोलनों को भी बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के हाथों में तीन कृषि कानून वापस लेने के दस्तावेज नहीं आ जाते और जब तक किसानों की फसलों पर एमएसपी (MSP) की मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन (protest) जारी रहेगा.

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