सोलन: जिला सोलन के बद्दी क्षेत्र में रहने वाले एक युवक में मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं हैं. इसका खुलासा मंकीपॉक्स जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट में हुआ है. रविवार शाम करीब 5:00 बजे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी लैब दिल्ली से स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट मिली है. जो निगेटिव आई है. रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद महकमे ने राहत की सांस ली है.
हालांकि युवक ठीक होने तक विभाग की निगरानी में रहेगा. इसी के साथ युवक के संपर्क में आने वाले लोगों पर भी स्वास्थ्य विभाग नजर रखेगा. शरीर में दाग या कोई मंकीपॉक्स का लक्षण नजर आने पर सैंपल लेकर भेजेगा. गौर रहे कि औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के एक निजी अस्पतााल में शरीर पर दाग और जख्म के सूखने पर इलाज के लिए आया था. इस दौरान चिकित्सकों ने युवक के चेहरे और हाथ पांव में जख्म देखे.
चिकित्सकों को संदेह हुआ कि युवक में मंकीपॉक्स के लक्षण हैं. ऐसा होने पर युवक के बारे में सूचना बद्दी अस्पताल प्रबंधन को दी. बद्दी अस्पताल के चिकित्सकों ने पीजीआई के वायरोलॉजी विभाग की टीम को सूचित किया. साथ ही महकमे ने युवक को घर में आइसोलेट कर दिया. वीरवार को चिकित्सकों ने खून और पेशाब के करीब आठ सैंपल लिए और जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वायरोलॉजी लैब दिल्ली को भेजे थे. युवक चंडीगढ़ में नौकरी करता है. मगर इसके घर बद्दी में हैं और बीते बुधवार को ही बद्दी आया था.
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल ने कहा कि बद्दी से मंकीपॉक्स जांच के लिए दिल्ली लैब भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट आ गई है. युवक में मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं हैं, लेकिन युवक के ठीक होने तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से निगरानी की जाएगी और रोजाना युवक की सेहत के बारे में पूछा जाएगा.
क्या हैं इसके लक्षण?
1. मंकीपॉक्स वायरस (what is monkeypox in hindi) का इन्क्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिन तक होता है. कई बार 5 से 21 दिन तक का भी हो सकता है. इन्क्यूबेशन पीरियड का मतलब ये होता है कि संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखने में कितने दिन लगे.
2. संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं. मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है.
3. बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू होता है. शरीर पर दाने निकल आते हैं. हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं. ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूखकर गिर जाते हैं.
4. शरीर पर उठने वाले इन दानों की संख्या कुछ से लेकर हजारों तक हो सकती है. अगर संक्रमण गंभीर हो जाता है तो ये दाने तब तक ठीक नहीं होते, जब तक त्वचा ढीली न हो जाए.
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