सोलन: राज्यस्तरीय मां शूलिनी मेले के आयोजन को लेकर हुई बैठक के बाद माता के कल्याणों ने हंगामा कर दिया. उनका आरोप है कि बैठक में ऐसे लोगों को जिला प्रशासन ने पूछा जिन्हें मेले के बारे में अधिक जानकारी ही नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि माता के कल्याणों और पुरोहितों को बैठक में सबसे पीछे रखा गया और उनसे कुछ पूछा ही नहीं गया है, इससे वह नाखुश हैं.
मंगलवार को तीन दिवसीय मां शूलिनी मेले को (Maa Shoolini fair 2022) लेकर जिला प्रशासन से उपायुक्त सोलन कृतिका कुल्हारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल व सोलन विधायक कर्नल धनीराम शांडिल भी मौजूद रहे. बैठक में मेले की रूप रेखा तैयार की गई. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मां शूलिनी के कल्याणे शेर सिंह ने आरोप लगाया कि मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन और चुने हुए नुमाइंदो ने ऐसे लोगों को तवज्जो दी जिन्हे कुछ पता ही नहीं है.
उन्होंने कहा की जब से मेला आयोजित हो रहा है तब से लेकर (Maa Shoolini fair 2022) आज तक कई प्रशासनिक अधिकारी बदल गए हैं और कई राजनेता, लेकिन कल्याणों के 200 परिवार अभी तक नहीं बदले हैं. जिन्हें मेले के आयोजन को लेकर होने वाली पूजा व अन्य परंपराओं के बारे में पता है. उन्होंने कहा की आजतक वे कई बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं, लेकिन इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि उनसे कोई सुझाव ही नहीं लिए गए. उन्होंने कहा कि जिन्हें मेले से संबधित परंपराओं का पता है उन्हें ही नहीं पूछा गया.
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