सोलन: क्षेत्रीय अस्पताल में एक्सरे मशीन लगाई गई है. इस मशीन को चलाने के लिए सरकार ने ही कर्मचारी तैनात किए, लेकिन एक्सरे मशीन की फिल्म को डेवलप करने के लिए सीआर मशीन चाहिए होती ,जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं लगाई गई, बल्कि उसे एक निजी कंपनी ने सराकर के आदेशों पर स्थापित किया गया. इस मशीन को भी सरकारी कर्मचारी ही चला (Congress raised question regarding X-ray machine in Solan)रहे. इस मशीन से एक्सरे जो एक्सरा आता उसे पुणे स्थित कंपनी को भेजा जाता है. जिस पर वहां से विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट देता है. इसमें और सीआर मशीन पर अस्पताल प्रशासन का लाखों का खर्च हो रहा. इसको लेकर एमएस सोलन ने इस प्रक्रिया से हो रहे नुकसान को लेकर सरकार को पत्र लिखा है.
एमओयू रद्द करने की मांग: सोलन अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट एसएल वर्मा ने बताया कि जब उन्हें जानकारी मिली कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो वर्षों में 48 लाख रुपए कंपनी को केवल सी आर मशीन स्थापित करने के लिए दिया जा चुका. सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है तो उन्होंने नई सी आर मशीन को खरीद लिया और उच्च अधिकारियों को वास्तविक स्थिति से अवगत करवा कर कमंपी से एमओयू रद्द करने का आग्रह किया ,ताकि वह अपनी सी आर मशीन स्थापित कर सरकार का पैसा बचा सकें. उन्होंने कहा कि वह अब सरकार की अनुमति का इंतज़ार कर रहे, जैसे ही उन्हें सरकार की अनुमति होगी वह अपनी सीआर मशीन स्थापित करेंगे.
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