सोलन: शहर को साफ रखने का जिम्मेदारी सफाई कर्मचारियों का है, लेकिन इन दिनों शहर के विभिन्न हिस्सों से डोर-टू-डोर कूड़े की कलेक्शन नहीं हो पा रही है. नगर परिषद में ठेकेदारों के अधीन कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई.
कम वेतन मिलने व ठेकेदार के अधीन कर्मचारियों को नगर परिषद दैनिक भोगी कर्मचारी बनाने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखा है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है और उन्हें पक्का भी नहीं किया जा रहा. कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें 10 से 12 साल नगर परिषद में ठेकेदार के अधीन कार्य करते हुए हो गए हैं लेकिन महंगाई के इस दौर में उन्हें जो वेतन मिल रहा है वह काफी कम है. ऐसे में उन्हें अपनी रोजी-रोटी चलाने में कठिनाई हो रही है.
इस मामले को लेकर बुधवार को ठेकेदार के अधीन सभी सफाई कर्मचारी नगर परिषद के बाहर बैठ गए और उन्होंने कार्य नहीं किया. कर्मचारियों ने मामले को लेकर एक ज्ञापन भी तैयार किया और नगर परिषद के उच्च अधिकारियों को सौंपा. ये लोग शहरी आजीविका मिशन के तहत काम कर रहे है जबकि इनकी मांग है कि इन्हें नगर परिषद अपने पास डायरेक्ट रखे व इन्हें रेगुलर करने सहित तनख्वाह में भी वृद्धि करे.
नगर परिषद के ईओ ललित कुमार ने कहा कि उनके कार्यालय पहुंचने से पहले कर्मचारी इस प्रकार से नगर परिषद के बाहर एकत्रित हुए थे जिन्हें दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को दैनिक भोगी कर्मचारी बनाने का कार्यक्षेत्र उनका नहीं है वे इस मामले में उनकी मांग नगर परिषद के हाउस के माध्यम से सरकार तक पहुंचा देंगे.
गौरतलब है कि इस समय सोलन ने 15 वार्ड है व सफाई का जिम्मा करीब 200 सफाई कर्मचारियों के पास है जिसमें से 80 के करीब रेगुलर है व बाकी सीएलसी (शहरी आजीविका मिशन) के तहत लगे हुए है. घरों से कूड़ा उठाने सहित शहर में सफाई की जिम्मेदारी भी इनके पास है.
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