शिमला: प्रदेश सहित राजधानी में युवा वर्ग नशे का आदी हो रहा है. नशे के बढ़ते प्रभाव ने जन प्रतिनिधियों की चिंता भी बढ़ा दी है. वीरवार को हुई शिमला जिला परिषद की बैठक में भी जिला परिषद सदस्यों ने नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जाहिर की है.
बैठक में जिला परिषद के सदस्यों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं. जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि पुलिस की देख-रेख में ही नशा माफिया फल फूल रहा है. पुलिस की नाक के नीचे नशे का कारोबार हो रहा है, लेकिन पुलिस नशे का काला कारोबार करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस शहरों में ही नशे के खिलाफ जागरूक अभियान चलाती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस न तो नशे को रोकने का काम कर रही है और न ही तस्करों को पकड़ा जा रहा है.
जिला परिषद सदस्य नीलम सरैक ने कहा कि ऊपरी शिमला में कई क्षेत्र नशे का हब बन चुके हैं. 80 फीसदी युवा इसकी चपेट में है. उन्होने कहा कि एम्बुलेंस में नशे का सामान आता है. पुलिस की मिलीभगत से ही नशा तस्करी का कारोबार चल रहा है. पुलिस की नाक के नीचे सारा खेल चल रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
जिला परिषद अध्यक्ष धर्मिला हरनोट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है. इसके बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पुलिस और अन्य विभगों को मिल कर काम करना चाहिए. वहीं, एएसपी प्रवीण ठाकुर ने कहा कि पुलिस शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रो में नशे के खिलाफ अभियान चला रही है. ग्रमीण क्षेत्रो में भी नशे के करोबारियों को पकड़ा जा रहा है. जहां से भी सूचना मिलती है पुलिस कार्रवाई करती है.