शिमलाः जयराम सरकार के बजट से प्रदेश के बागवान भी उम्मीद लगाए बैठे हैं. प्रदेश में करीब 4 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है. ऐसे में प्रदेश की आर्थिकी में सेब बागवानी का बड़ा महत्व है. प्रदेश के युवा और प्रगतिशील बागवानों का कहना है कि राज्य सरकार प्रदेश में बागवानी के एकीकृत विकास के लिए एकीकृत बागवानी मिशन को प्रभावशाली ढंग से लागू करे है. बजट को लेकर ईटीवी भारत के सवांददाता ने युवा बागवानों से चर्चा की और बजट को लेकर उनके विचारों को जाना.
युवा बागवानों ने कहा कि मिशन के तहत नर्सरियों को लगाने, जल स्त्रोतों का निर्माण, बागवानी क्षेत्र में वृद्धि, ग्रीन हाउस के तहत सुरक्षित कृषि, जैविक खेती, फसल कटने के उपरान्त प्रबन्धन और खाद्य प्रसंस्करण जैसी विभिन्न गतिविधियों को प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वित करने की जरुरत है.
बागवानों ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से बागवानों को उनकी फसल के लाभकारी दाम प्रदान करने के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाए. किसानों को लाभकारी दाम सुनिश्चित करवाने के लिए वाईन और सिडार जैसी फल आधारित प्रसंस्करण इकाइयां की स्थापना पर भी बल दिया जाए.
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बागवान डिम्पल पांजटा ने कहा कि सरकार को पहले सिंचाई का प्रबंध सही तरीके से करना चाहिए. इसके बाद ही अच्छी किस्म के पौधों और उसके बाद मार्केटिंग की तरफ ध्यान देना चाहिए. डिम्पल पांजटा ने उम्मीद जताई कि इस बजट में जरूर बागवानों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार योजनाओं की घोषणा करेगी.
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