शिमला: 11वीं सदी के महान संत श्री रामनुजाचार्य (sri ramanujacharya) की समृति में पीएम नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' (statue of equality) को राष्ट्र को समर्पित किया है. प्रतिमा की ऊंचाई 216 फुट बताई जा रही है. प्रतिमा पंचधातु से बनी है, जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का इस्तेमाल किया गया है. यह दुनिया में बैठी अवस्था में सबसे ऊंची धातु की प्रतिमाओं में से एक है. तो आइए जानते हैं दुनिया की कुछ ऊंची प्रतिमाओं के बारे में...
1- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी- गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा है. स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के नाम से मशहूर इस प्रतिमा को 33 महीने में तैयार किया गया था. इसकी लागत करीब 21 सौ करोड़ रुपये ज्यादा बताई जा रही है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन की स्प्रिंग टेंपल बुद्धा से भी ज्यादा है.
2- स्प्रिंग टेंपल ऑफ बुद्धा- चीन के हेनन में बनी इस प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है. इसके निर्माण में (1997-2008) 11 साल का लंबा वक्त लगा. करीब 20 मीटर चौड़ी कमल की पंखुड़ियों पर बनी बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में सोना, तांबा और लोहे का इस्तेमाल हुआ है. बुद्धों के तीर्थस्थान के करीब बनी यह प्रतिमा विश्वभर के बौद्ध अनुयायियों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है.
3- लेक्यून सतक्यार- विश्व की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा म्यांमार में है. इसकी ऊंचाई 116 मीटर है. इसके निर्माण में (1996- 2008) करीब 12 साल का समय लगा. स्थानीय लोग शाक्यमुनि की इस प्रतिमा की पूजा देवता की तरह करते हैं. स्टैच्यू के भीतर लिफ्ट भी लगाई गई है, जिसकी मदद से सैलानी स्टैच्यू के आस पास के खूबसूरत नजारों को देख सकते हैं.
4- उशिकु दैबुत्सु- जापान के उशिकु शहर में बनी भगवान बुद्ध की प्रतिमा की ऊंचाई 110 मीटर है. इस स्टैच्यू का निर्माण कांसे से किया गया है. मूर्ति के भीतर चार अलग-अलग स्तर हैं. एलीवेटर की मदद से मूर्ति के शीर्ष तक पहुंचा जा सकता है. पहले लेवल पर संगीत, दूसरे पर शास्त्रपूर्ण अध्ययन, तीसरे पर 30 हजार बुद्ध मुर्तियां और सबसे ऊपर सुंदर उद्यान बनाया गया है.
5- गुआन यिन ऑफ साउथ सी ऑफ सान्या- चीन के हैनान प्रांत में करुणा की बौद्ध देवी की 108 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है. यह दुनिया की चौथी सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसके निर्माण में करीब 6 साल का वक्त लगा. इस मूर्ति के तीन अलग-अलग चेहरे हैं. पहला चेहरा अंतर्देशीय और दो चेहरे समुद्र की ओर हैं. चीनी मान्यता के अनुसार देवी इन चेहरों के जरिए दुनिया को अपना आशीर्वाद दे रही हैं.
6- सेन्डई दैकेनन- जापान के सेन्डई में पहाड़ी पर स्थित 100 मीटर ऊंची प्रतिमा को जापानी बौद्ध बोधिसत्व का प्रतिरूप माना जाता है. इस प्रतिमा के एक हाथ में आभूषण और दूसरे हाथ में पानी है. जापानी मान्यता के मुताबिक यह ज्ञान का जल है. इसे शहर के कई हिस्सों से देखा जा सकता है.
7- पीटर द ग्रेट स्टैच्यू- रूस में साल 1997 में बनी यह प्रतिमा 98 मीटर ऊंची हैं. रशियन नेवी की स्थापना की 300वीं सालगिरह के मौके पर रूसी सम्राट पीटर I की याद में बनाई गई थी. इसे मॉस्को मॉन्सटर के बतौर भी जाना जाता है. इसे बनाने में लगभग 600 टन स्टेनलेस स्टील और पीतल का इस्तेमाल हुआ. इस प्रतिमा को जॉर्जियाइ डिजाइनर जुराब तसेरेटेली ने डिजाइन किया था.
8- स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी- यूनाइटेड स्टेट्स की न्यूयॉर्क सिटी में बनी इस प्रतिमा की ऊंचाई 93 मीटर है. पेरिस में साल 1878 में विश्व प्रदर्शनी में इस मूर्ति का सिर दिखाया गया था. साल 1886 में ये स्टैच्यू फ्रांस की ओर से अमेरिका को तोहफा रहा. मूर्ति रोमन स्वतंत्रता की देवी की प्रतिकृति मानी जाती है.
9- ग्रेट बुद्धा ऑफ थाइलैंड- थाईलैंड में महान बुद्धा की प्रतिमा की ऊंचाई 92 मीटर है. इस प्रतिमा का निर्माण 1990 में शुरू हुआ और 2008 में पूरा हुआ. यह देश की सबसे बड़ी प्रतिमा है. इस विशाल बुद्ध प्रतिमा का निर्माण थिवाड़ा बौद्ध धर्म के सिद्धांतो द्वारा किया गया था. सीमेंट की पूरी मूर्ति सोने के रंग से ढकी है. इसके पास ही बहुचर्चित हेल पार्क भी है.
10- द मदर कॉल्स- रशिया के औद्योगिक शहर वोल्गोग्रेड में स्थित प्रतिमा की ऊंचाई 87 मीटर है. दूसरे विश्व युद्ध में शहीदों की याद में इस स्टैच्यू का निर्माण कराया गया था. इस मूर्ति के एक हाथ में तलवार और एक हाथ सीधी ऊंचाई पर है. यह प्रतिमा इंजीनियरिंग की दृष्टि से क्लिष्ट मानी जाती है.
भारत की कुछ ऊंची प्रतिमा- देश में कुछ और भी विशालकाय प्रतिमाएं हैं जो देश का मान बढ़ा रही हैं.
1- नाथद्वारा शिव मूर्ति- राजस्थान के नाथद्वारा में भगवान शिव की बहुत ही ऊंची मूर्ति स्थापित है. इसे पूरे विश्व की चौथी सबसे ऊंची मूर्ति माना गया है. इसकी ऊंचाई लगभग 351 फीट है. इसे उदयपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर श्रीनाथद्वारा के गणेश टेकरी में तैयार किया गया है.
2- वीर अभय अंजनेया स्वामी- आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के पास परिताला शहर में राम भक्त हनुमान की विशालकाय प्रतिमा है. इसकी ऊंचाई 134 फुट है. राम भक्त हनुमान की भारत में सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसकी स्थापना 22 जून 2003 में हुई थी.
3- पद्मसंभव की प्रतिमा- पद्मसंभव की प्रतिमा हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में प्रसिद्ध रेवालसर झील के पास स्थित है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 123 फीट है. पद्मसंभव भारत के एक साधु पुरुष थे. जिन्होंने आठवी सदी में बौद्ध धर्म को भूटान और तिब्बत में ले जाने और उसके प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
4- हनुमान प्रतिमा- हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर के करीब जाखू पहाड़ी पर स्थित भगवान हनुमान की प्रतिमा की ऊंचाई 108 फुट है. विशालकाय हनुमान प्रतिमा के दर्शन के लिए रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस प्रतिमा को साल 2010 में स्थापित किया गया था. यहां से पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के लुभावने दृश्यों का आनंद ले सकते हैं.
जल्द टूट सकता है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का रिकॉर्ड- यूपी के आयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा का निर्माण होना प्रस्तावित है. इसकी ऊंचाई 221 मीटर होगी. यह प्रतिमा गुजरात-महाराष्ट्र के साथ ही दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.
शिवाजी महाराज की प्रतिमा- भारत की औद्योगिक राजधानी मुंबई में अरब सागर में शिवाजी महाराज की 212 मीटर ऊंची मूर्ति की घोषणा हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 दिसंबर 2016 में शिवाजी महाराज की प्रतिमा का शुभारंभ किया था.
भगवान राम की प्रतिमा- उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई जाएगी. इसकी ऊंचाई 221 मीटर होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए यूपी सरकार ने 447 करोड़ का बजट प्रावधान कर चुकी है. अयोध्या में बनने वाली यह प्रतिमा गुजरात-महाराष्ट्र के साथ ही दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.
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