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ग्रीन कवर और एफआरए पर कार्यशाला का आयोजन, प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई जानकारी - एफआरए पर कार्यशाला का आयोजन

शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों के लिए शिमला में एक कार्यशाला का आयोजन किया (Workshop on Green cover organized in Shimla) गया. इस कार्यशाला में वन अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम 1980, वन भूमि स्थानान्तरण, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, परिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र, वन विभाग के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित प्रासंगिक महत्वपूर्ण आदेशों, मानव-वन्य जीव संघर्ष, पारिस्थितिकी पुनःस्थापना आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की गई. पढ़ें पूरी खबर...

ग्रीन कवर और एफआरए पर कार्यशाला का आयोजन.
ग्रीन कवर और एफआरए पर कार्यशाला का आयोजन.
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Published : Aug 7, 2022, 8:43 AM IST

Updated : Aug 7, 2022, 8:58 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी अनुभाग ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक संस्थान फेयरलॉन, मशोबरा के संयुक्त तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक, कानून व विकास कार्यक्रम कार्यान्वयन अधिकारियों के लिए शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया (Workshop on Green cover organized in Shimla) गया. कार्यशाला में वन अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम 1980, वन भूमि स्थानान्तरण, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, परिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र, वन विभाग के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित प्रासंगिक महत्वपूर्ण आदेशों, मानव-वन्य जीव संघर्ष, पारिस्थितिकी पुनःस्थापना आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की गई.

इस दौरान प्रधान मुख्य अरण्यपाल, वन्य प्राणी राजीव कुमार ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन वनों व वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए आवश्यक है, जिससे प्रशासनिक संयुक्त सेवा के अधिकारियों से सामंजस्य स्थापित कर वन विभाग में अवैध व आपराधिक मामलों को आसानी से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कार्यशाला में साझा की गई जानकारी से वन विभाग व प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को विभिन्न विषयों से संबन्धित मामलों का समाधान करने में मदद मिलेगी.

कार्यशाला में सचिव (एआरटी एफए, आरपीजी) सी.पॉल रासु, प्रधान मुख्य अरण्यपाल, (वन्य प्राणी) राजीव कुमार, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) अनिल ठाकुर, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (एफसीए) आरके गुप्ता, हिमालयन फारेस्ट रिसर्च संस्थान पंथाघाटी के वैज्ञानिक डॉ. विनीत जीस्टू ने विभिन्न नियमों, अधिनियमों व मानव-वन्य जीव संघर्ष, पारिस्थितिकी पुनःस्थापना विषयों पर चर्चा की.

शिमला: हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्य प्राणी अनुभाग ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक संस्थान फेयरलॉन, मशोबरा के संयुक्त तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक, कानून व विकास कार्यक्रम कार्यान्वयन अधिकारियों के लिए शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया (Workshop on Green cover organized in Shimla) गया. कार्यशाला में वन अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम 1980, वन भूमि स्थानान्तरण, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, परिस्थिति संवेदनशील क्षेत्र, वन विभाग के विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित प्रासंगिक महत्वपूर्ण आदेशों, मानव-वन्य जीव संघर्ष, पारिस्थितिकी पुनःस्थापना आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की गई.

इस दौरान प्रधान मुख्य अरण्यपाल, वन्य प्राणी राजीव कुमार ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन वनों व वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए आवश्यक है, जिससे प्रशासनिक संयुक्त सेवा के अधिकारियों से सामंजस्य स्थापित कर वन विभाग में अवैध व आपराधिक मामलों को आसानी से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कार्यशाला में साझा की गई जानकारी से वन विभाग व प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को विभिन्न विषयों से संबन्धित मामलों का समाधान करने में मदद मिलेगी.

कार्यशाला में सचिव (एआरटी एफए, आरपीजी) सी.पॉल रासु, प्रधान मुख्य अरण्यपाल, (वन्य प्राणी) राजीव कुमार, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य प्राणी) अनिल ठाकुर, अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल (एफसीए) आरके गुप्ता, हिमालयन फारेस्ट रिसर्च संस्थान पंथाघाटी के वैज्ञानिक डॉ. विनीत जीस्टू ने विभिन्न नियमों, अधिनियमों व मानव-वन्य जीव संघर्ष, पारिस्थितिकी पुनःस्थापना विषयों पर चर्चा की.

Last Updated : Aug 7, 2022, 8:58 AM IST
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